पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. [QS]जब यहोवा मेरी प्रार्थनाएँ सुनता है [QE][QS2]यह मुझे भाता है। [QE]
2. [QS]जब मै सहायता पाने उसको पुकारता हूँ वह मेरी सुनता है: [QE][QS2]यह मुझे भाता है। [QE]
3. [QS]मैं लगभग मर चुका था। [QE][QS2]मेरे चारों तरफ मौत के रस्से बंध चुके थे। कब्र मुझको निगल रही थी। [QE][QS2]मैं भयभीत था और मैं चिंतित था। [QE]
4. [QS]तब मैंने यहोवा के नाम को पुकारा, [QE][QS2]मैंने कहा, “यहोवा, मुझको बचा ले।” [QE]
5. [QS]यहोवा खरा है और दयापूर्ण है। [QE][QS2]परमेश्वर करूणापूर्ण है। [QE]
6. [QS]यहोवा असहाय लोगों की सुध लेता है। [QE][QS2]मैं असहाय था और यहोवा ने मुझे बचाया। [QE]
7. [QS]हे मेरे प्राण, शांत रह। [QE][QS2]यहोवा तेरी सुधि रखता है। [QE]
8. [QS]हे परमेश्वर, तूने मेरे प्राण मृत्यु से बचाये। [QE][QS2]मेरे आँसुओं को तूने रोका और गिरने से मुझको तूने थाम लिया। [QE]
9. [QS]जीवितों की धरती में मैं यहोवा की सेवा करता रहूँगा। [QE][PBR]
10. [QS]यहाँ तक मैंने विश्वास बनाये रखा जब मैंने कह दिया था, [QE][QS2]“मैं बर्बाद हो गया!” [QE]
11. [QS]मैंने यहाँ तक विश्वास सम्भाले रखा जब कि मैं भयभीत था [QE][QS2]और मैंने कहा, “सभी लोग झूठे हैं!” [QE][PBR]
12. [QS]मैं भला यहोवा को क्या अर्पित कर सकता हूँ [QE][QS2]मेरे पास जो कुछ है वह सब यहोवा का दिया है! [QE]
13. [QS]मैं उसे पेय भेंट दूँगा [QE][QS2]क्योंकि उसने मुझे बचाया है। [QE][QS2]मैं यहोवा के नाम को पुकारूँगा। [QE]
14. [QS]जो कुछ मन्नतें मैंने मागी हैं वे सभी मैं यहोवा को अर्पित करूँगा, [QE][QS2]और उसके सभी भक्तों के सामने अब जाऊँगा। [QE][PBR]
15. [QS]किसी एक की भी मृत्यु जो यहोवा का अनुयायी है, यहोवा के लिये अति महत्त्वपूर्ण है। [QE][QS2]हे यहोवा, मैं तो तेरा एक सेवक हूँ! [QE]
16. [QS]मैं तेरा सेवक हूँ। [QE][QS2]मैं तेरी किसी एक दासी का सन्तान हूँ। [QE][QS2]यहोवा, तूने ही मुझको मेरे बंधनों से मुक्त किया! [QE]
17. [QS]मैं तुझको धन्यवाद बलि अर्पित करूँगा। [QE][QS2]मैं यहोवा के नाम को पुकारूँगा। [QE]
18. [QS]मैं यहोवा को जो कुछ भी मन्नतें मानी है वे सभी अर्पित करूँगा, [QE][QS2]और उसके सभी भक्तों के सामने अब जाऊँगा। [QE]
19. [QS]मैं मन्दिर में जाऊँगा [QE][QS2]जो यरूशलेम में है। [QE][PBR] [QS]यहोवा के गुण गाओ! [QE][PBR]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 116 / 150
1 जब यहोवा मेरी प्रार्थनाएँ सुनता है यह मुझे भाता है। 2 जब मै सहायता पाने उसको पुकारता हूँ वह मेरी सुनता है: यह मुझे भाता है। 3 मैं लगभग मर चुका था। मेरे चारों तरफ मौत के रस्से बंध चुके थे। कब्र मुझको निगल रही थी। मैं भयभीत था और मैं चिंतित था। 4 तब मैंने यहोवा के नाम को पुकारा, मैंने कहा, “यहोवा, मुझको बचा ले।” 5 यहोवा खरा है और दयापूर्ण है। परमेश्वर करूणापूर्ण है। 6 यहोवा असहाय लोगों की सुध लेता है। मैं असहाय था और यहोवा ने मुझे बचाया। 7 हे मेरे प्राण, शांत रह। यहोवा तेरी सुधि रखता है। 8 हे परमेश्वर, तूने मेरे प्राण मृत्यु से बचाये। मेरे आँसुओं को तूने रोका और गिरने से मुझको तूने थाम लिया। 9 जीवितों की धरती में मैं यहोवा की सेवा करता रहूँगा। 10 यहाँ तक मैंने विश्वास बनाये रखा जब मैंने कह दिया था, “मैं बर्बाद हो गया!” 11 मैंने यहाँ तक विश्वास सम्भाले रखा जब कि मैं भयभीत था और मैंने कहा, “सभी लोग झूठे हैं!” 12 मैं भला यहोवा को क्या अर्पित कर सकता हूँ मेरे पास जो कुछ है वह सब यहोवा का दिया है! 13 मैं उसे पेय भेंट दूँगा क्योंकि उसने मुझे बचाया है। मैं यहोवा के नाम को पुकारूँगा। 14 जो कुछ मन्नतें मैंने मागी हैं वे सभी मैं यहोवा को अर्पित करूँगा, और उसके सभी भक्तों के सामने अब जाऊँगा। 15 किसी एक की भी मृत्यु जो यहोवा का अनुयायी है, यहोवा के लिये अति महत्त्वपूर्ण है। हे यहोवा, मैं तो तेरा एक सेवक हूँ! 16 मैं तेरा सेवक हूँ। मैं तेरी किसी एक दासी का सन्तान हूँ। यहोवा, तूने ही मुझको मेरे बंधनों से मुक्त किया! 17 मैं तुझको धन्यवाद बलि अर्पित करूँगा। मैं यहोवा के नाम को पुकारूँगा। 18 मैं यहोवा को जो कुछ भी मन्नतें मानी है वे सभी अर्पित करूँगा, और उसके सभी भक्तों के सामने अब जाऊँगा। 19 मैं मन्दिर में जाऊँगा जो यरूशलेम में है। यहोवा के गुण गाओ!
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 116 / 150
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