1. हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन। [QBR2] मेरी विनती को सुन और फिर तू मेरी प्रार्थना का उत्तर दे। [QBR2] मुझको दिखा दे कि तू सचमुच भला और खरा है। [QBR]
2. तू मुझ पर अपने दास पर मुकदमा मत चला। [QBR2] क्योंकि कोई भी जीवित व्यक्ति तेरे सामने नेक नहीं ठहर सकता। [QBR]
3. किन्तु मेरे शत्रु मेरे पीछे पड़े हैं। [QBR2] उन्होंने मेरा जीवन चकनाचूर कर धूल में मिलाया। [QBR] वे मुझे अंधेरी कब्र में ढकेल रहे हैं। [QBR2] उन व्यक्तियों की तरह जो बहुत पहले मर चुके हैं। [QBR]
4. मैं निराश हो रहा हूँ। [QBR2] मेरा साहस छूट रहा है। [QBR]
5. किन्तु मुझे वे बातें याद हैं, जो बहुत पहले घटी थी। [QBR2] हे यहोवा, मैं उन अनेक अद्भुत कामों का बखान कर रहा हूँ। [QBR2] जिनको तूने किया था। [QBR]
6. हे यहोवा, मैं अपना हाथ उठाकर के तेरी विनती करता हूँ। [QBR2] मैं तेरी सहायता कि बाट जोह रहा हूँ जैसे सूखी वर्षा कि बाट जोहती है।
7. हे यहोवा, मुझे शीघ्र उत्तर दे। [QBR2] मेरा साहस छूट गया: [QBR] मुझसे मुख मत मोड़। [QBR2] मुझको मरने मत दे और वैसा मत होने दे, जैसा कोई मरा व्यक्ति कब्र में लेटा हो। [QBR]
8. हे यहोवा, इस भोर के फूटते ही मुझे अपना सच्चा प्रेम दिखा। [QBR2] मैं तेरे भरोसे हूँ। [QBR] मुझको वे बाते दिखा [QBR2] जिनको मुझे करना चाहिये। [QBR]
9. हे यहोवा, मेरे शत्रुओं से रक्षा पाने को मैं तेरे शरण में आता हूँ। [QBR2] तू मुझको बचा ले। [QBR]
10. दिखा मुझे जो तू मुझसे करवाना चाहता है। [QBR2] तू मेरा परमेश्वर है। [QBR]
11. हे यहोवा, मुझे जीवित रहने दे, [QBR2] ताकि लोग तेरे नाम का गुण गायें। [QBR] मुझे दिखा कि सचमुच तू भला है, [QBR2] और मुझे मेरे शत्रुओं से बचा ले। [QBR]
12. हे यहोवा, मुझ पर अपना प्रेम प्रकट कर। [QBR2] और उन शत्रुओं को हरा दे, [QBR] जो मेरी हत्या का यत्न कर रहे हैं। [QBR2] क्योंकि मैं तेरा सेवक हूँ। [PE]