पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे राजा, मैं तेरा गुण गाता हूँ! [QBR2] मैं सदा—सदा तेरे नाम को धन्य कहता हूँ। [QBR]
2. मैं हर दिन तुझको सराहता हूँ। [QBR2] मैं तेरे नाम की सदा—सदा प्रशंसा करता हूँ। [QBR]
3. यहोवा महान है। लोग उसका बहुत गुणगान करते हैं। [QBR2] वे अनगिनत महाकार्य जिनको वह करता है हम उनको नहीं गिन सकते। [QBR]
4. हे यहोवा, लोग उन बातों की गरिमा बखानेंगे जिनको तू सदा और सर्वदा करता हैं। [QBR2] दूसरे लोग, लोगों से उन अद्भुत कर्मो का बखान करेंगे जिनको तू करता है। [QBR]
5. तेरे लोग अचरज भरे गौरव और महिमा को बखानेंगे। [QBR2] मैं तेरे आश्चर्यपूर्ण कर्मों को बखानूँगा। [QBR]
6. हे यहोवा, लोग उन अचरज भरी बातों को कहा करेंगे जिनको तू करता है। [QBR2] मैं उन महान कर्मो को बखानूँगा जिनको तू करता है। [QBR]
7. लोग उन भली बातों के विषय में कहेंगे जिनको तू करता है। [QBR2] लोग तेरी धार्मिकता का गान किया करेंगे।
8. यहोवा दयालु है और करुणापूर्ण है। [QBR2] यहोवा तू धैर्य और प्रेम से पूर्ण है। [QBR]
9. यहोवा सब के लिये भला है। [QBR2] परमेश्वर जो कुछ भी करता है उसी में निजकरुणा प्रकट करता है। [QBR]
10. हे यहोवा, तेरे कर्मो से तुझे प्रशंसा मिलती है। [QBR2] तुझको तेरे भक्त धन्य कहा करते हैं। [QBR]
11. वे लोग तेरे महिमामय राज्य का बखान किया करते हैं। [QBR2] तेरी महानता को वे बताया करते हैं। [QBR]
12. ताकि अन्य लोग उन महान बातों को जाने जिनको तू करता है। [QBR2] वे लोग तेरे महिमामय राज्य का मनन किया करते हैं। [QBR]
13. हे यहोवा, तेरा राज्य सदा—सदा बना रहेगा [QBR2] तू सर्वदा शासन करेगा।
14. यहोवा गिरे हुए लोगों को ऊपर उठाता है। [QBR2] यहोवा विपदा में पड़े लोगों को सहारा देता है। [QBR]
15. हे यहोवा, सभी प्राणी तेरी ओर खाना पाने को देखते हैं। [QBR2] तू उनको ठीक समय पर उनका भोजन दिया करता है। [QBR]
16. हे यहोवा, तू निज मुट्ठी खोलता है, [QBR2] और तू सभी प्राणियों को वह हर एक वस्तु जिसकी उन्हें आवश्यकता देता है। [QBR]
17. यहोवा जो भी करता है, अच्छा ही करता है। [QBR2] यहोवा जो भी करता, उसमें निज सच्चा प्रेम प्रकट करता है। [QBR]
18. जो लोग यहोवा की उपासना करते हैं, यहोवा उनके निकट रहता है। [QBR2] सचमुच जो उसकी उपासना करते है, यहोवा हर उस व्यक्ति के निकट रहता है। [QBR]
19. यहोवा के भक्त जो उससे करवाना चाहते हैं, वह उन बातों को करता है। [QBR] यहोवा अपने भक्तों की सुनता है। [QBR2] वह उनकी प्रार्थनाओ का उत्तर देता है और उनकी रक्षा करता है। [QBR]
20. जिसका भी यहोवा से प्रेम है, यहोवा हर उस व्यक्ति को बचाता है, [QBR2] किन्तु यहोवा दुष्ट को नष्ट करता है। [QBR]
21. मैं यहोवा के गुण गाऊँगा! [QBR2] मेरी यह इच्छा है कि हर कोई उसके पवित्र नाम के गुण सदा और सर्वदा गाये। [PE]

Notes

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Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 145 / 150
भजन संहिता 145:118
1 हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे राजा, मैं तेरा गुण गाता हूँ! मैं सदा—सदा तेरे नाम को धन्य कहता हूँ। 2 मैं हर दिन तुझको सराहता हूँ। मैं तेरे नाम की सदा—सदा प्रशंसा करता हूँ। 3 यहोवा महान है। लोग उसका बहुत गुणगान करते हैं। वे अनगिनत महाकार्य जिनको वह करता है हम उनको नहीं गिन सकते। 4 हे यहोवा, लोग उन बातों की गरिमा बखानेंगे जिनको तू सदा और सर्वदा करता हैं। दूसरे लोग, लोगों से उन अद्भुत कर्मो का बखान करेंगे जिनको तू करता है। 5 तेरे लोग अचरज भरे गौरव और महिमा को बखानेंगे। मैं तेरे आश्चर्यपूर्ण कर्मों को बखानूँगा। 6 हे यहोवा, लोग उन अचरज भरी बातों को कहा करेंगे जिनको तू करता है। मैं उन महान कर्मो को बखानूँगा जिनको तू करता है। 7 लोग उन भली बातों के विषय में कहेंगे जिनको तू करता है। लोग तेरी धार्मिकता का गान किया करेंगे। 8 यहोवा दयालु है और करुणापूर्ण है। यहोवा तू धैर्य और प्रेम से पूर्ण है। 9 यहोवा सब के लिये भला है। परमेश्वर जो कुछ भी करता है उसी में निजकरुणा प्रकट करता है। 10 हे यहोवा, तेरे कर्मो से तुझे प्रशंसा मिलती है। तुझको तेरे भक्त धन्य कहा करते हैं। 11 वे लोग तेरे महिमामय राज्य का बखान किया करते हैं। तेरी महानता को वे बताया करते हैं। 12 ताकि अन्य लोग उन महान बातों को जाने जिनको तू करता है। वे लोग तेरे महिमामय राज्य का मनन किया करते हैं। 13 हे यहोवा, तेरा राज्य सदा—सदा बना रहेगा तू सर्वदा शासन करेगा। 14 यहोवा गिरे हुए लोगों को ऊपर उठाता है। यहोवा विपदा में पड़े लोगों को सहारा देता है। 15 हे यहोवा, सभी प्राणी तेरी ओर खाना पाने को देखते हैं। तू उनको ठीक समय पर उनका भोजन दिया करता है। 16 हे यहोवा, तू निज मुट्ठी खोलता है, और तू सभी प्राणियों को वह हर एक वस्तु जिसकी उन्हें आवश्यकता देता है। 17 यहोवा जो भी करता है, अच्छा ही करता है। यहोवा जो भी करता, उसमें निज सच्चा प्रेम प्रकट करता है। 18 जो लोग यहोवा की उपासना करते हैं, यहोवा उनके निकट रहता है। सचमुच जो उसकी उपासना करते है, यहोवा हर उस व्यक्ति के निकट रहता है। 19 यहोवा के भक्त जो उससे करवाना चाहते हैं, वह उन बातों को करता है। यहोवा अपने भक्तों की सुनता है। वह उनकी प्रार्थनाओ का उत्तर देता है और उनकी रक्षा करता है। 20 जिसका भी यहोवा से प्रेम है, यहोवा हर उस व्यक्ति को बचाता है, किन्तु यहोवा दुष्ट को नष्ट करता है। 21 मैं यहोवा के गुण गाऊँगा! मेरी यह इच्छा है कि हर कोई उसके पवित्र नाम के गुण सदा और सर्वदा गाये।
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