1. यहोवा की प्रशंसा करो क्योंकि वह उत्तम है। हमारे परमेश्वर के प्रशंसा गीत गाओ। उसका गुणगान भला और सुखदायी है।
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2. यहोवा ने यरुशलेम को बनाया है। परमेश्वर इस्राएली लोगों को वापस छुड़ाकर ले आया जिन्हें बंदी बनाया गया था।
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8. परमेश्वर मेघों से अम्बर को भरता है। परमेश्वर धरती के लिये वर्षा करता है। परमेश्वर पहाड़ों पर घास उगाता है।
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11. यहोवा उन लोगों से प्रसन्न रहता है। जो उसकी आराधना करते हैं। यहोवा प्रसन्न हैं, ऐसे उन लोगों से जिनकी आस्था उसके सच्चे प्रेम में है।
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14. परमेश्वर तेरे देश में शांति को लाया है। सो युद्ध में शत्रुओं ने तेरा अन्न नहीं लूटा। तेरे पास खाने को बहुत अन्न है।
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16. परमेश्वर पाला गिराता जब तक धरातल वैसा श्वेत नहीं होता जाता जैसा उजला ऊन होता है। परमेश्वर तुषार की वर्षा करता है, जो हवा के साथ धूल सी उड़ती है।
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18. फिर परमेश्वर दूसरी आज्ञा देता है, और गर्म हवाएँ फिर बहने लग जाती हैं। बर्फ पिघलने लगती, और जल बहने लग जाता है।
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19. परमेश्वर ने निज आदेश याकूब को (इस्राएल को) दिये थे। परमेश्वर ने इस्राएल को निज विधी का विधान और नियमों को दिया।
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20. यहोवा ने किसी अन्य राष्ट्र के हेतु ऐसा नहीं किया। परमेश्वर ने अपने नियमों को, किसी अन्य जाति को नहीं सिखाया। यहोवा का यश गाओ।
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