1. [QS]दूसरे देशों के लोग क्यों इतनी हुल्लड़ मचाते हैं [QE][QS2]और लोग व्यर्थ ही क्यों षड़यन्त्र रचते हैं [QE]
2. [QS]ऐसे दशों के राजा और नेता यहोवा और उसके चुने हुए राजा [QE][QS2]के विरुद्ध होने को आपस में एक हो जाते हैं। [QE]
3. [QS]वे नेता कहते हैं, “आओ परमेश्वर से और उस राजा से जिसको उसने चुना है, हम सब विद्रोह करें। [QE][QS2]आओ उनके बन्धनों को हम उतार फेंके।” [QE][PBR]
4. [QS]किन्तु मेरा स्वामी, स्वर्ग का राजा, उन लोगों पर हँसता है। [QE]
5. [QS]परमेश्वर क्रोधित है और [QE][QS2]यही उन नेताओं को भयभीत करता है। [QE]
6. [QS]वह उन से कहता है,“मैंने इस पुरुष को राजा बनने के लिये चुना है। [QE][QS2]वह सिय्योन पर्वत पर राज करेगा। सिय्योन मेरा विशेष पर्वत है।” [QE][PBR]
7. [QS]अब मै यहोवा की वाचा के बारे में तुझे बताता हूँ। [QE][QS]यहोवा ने मुझसे कहा था, “आज मैं तेरा पिता बनता हूँ [QE][QS2]और तू आज मेरा पुत्र बन गया है। [QE]
8. [QS]यदि तू मुझसे माँगे, तो इन देशों को मैं तुझे दे दूँगा [QE][QS2]और इस धरती के सभी जन तेरे हो जायेंगे। [QE]
9. [QS]तेरे पास उन देशों को नष्ट करने की वैसी ही शक्ति होगी [QE][QS2]जैसे किसी मिट्टी के पात्र को कोई लौह दण्ड से चूर चूर कर दे।” [QE][PBR]
10. [QS]इसलिए, हे राजाओं, तुम बुद्धिमान बनो। [QE][QS2]हे शासकों, तुम इस पाठ को सीखो। [QE]
11. [QS]तुम अति भय से यहोवा की आज्ञा मानों। [QE]
12. [QS]स्वयं को परमेश्वर के पुत्र का विश्वासपात्र दिखओ। [QE][QS2]यदि तुम ऐसा नहीं करते, तो वह क्रोधित होगा और तुम्हें नष्ट कर देगा। [QE][QS]जो लोग यहोवा में आस्था रखते हैं वे आनन्दित रहते हैं, किन्तु अन्य लोगों को सावधान रहना चाहिए। [QE][QS2]यहोवा अपना क्रोध बस दिखाने ही वाला है। [QE][PBR]