पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. [PS]*प्रभात की हरिणी नामक राग पर संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक भजन। *[PE][QS]हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर! [QE][QS2]तूने मुझे क्यों त्याग दिया है मुझे बचाने के लिये तू क्यों बहुत दूर है [QE][QS2]मेरी सहायता की पुकार को सुनने के लिये तू बहुत दूर है। [QE]
2. [QS]हे मेरे परमेश्वर, मैंने तुझे दिन में पुकारा [QE][QS2]किन्तु तूने उत्तर नहीं दिया, [QE][QS]और मैं रात भर तुझे पुकाराता रहा। [QE][PBR]
3. [QS]हे परमेश्वर, तू पवित्र है। [QE][QS2]तू राजा के जैसे विराजमान है। इस्राएल की स्तुतियाँ तेरा सिंहासन हैं। [QE]
4. [QS]हमारे पूर्वजों ने तुझ पर विश्वस किया। [QE][QS2]हाँ! हे परमेश्वर, वे तेरे भरोसे थे! और तूने उनको बचाया। [QE]
5. [QS]हे परमेश्वर, हमारे पूर्वजों ने तुझे सहायता को पुकारा और वे अपने शत्रुओं से बच निकले। [QE][QS2]उन्होंने तुझ पर विश्वास किया और वे निराश नहीं हुए। [QE]
6. [QS]तो क्या मैं सचमुच ही कोई कीड़ा हूँ, [QE][QS2]जो लोग मुझसे लज्जित हुआ करते हैं और मुझसे घृणा करते हैं [QE]
7. [QS]जो भी मुझे देखता है मेरी हँसी उड़ाता है, [QE][QS2]वे अपना सिर हिलाते और अपने होठ बिचकाते हैं। [QE]
8. [QS]वे मुझसे कहते हैं कि, “अपनी रक्षा के लिये तू यहोवा को पुकार ही सकता है। [QE][QS2]वह तुझ को बचा लोगा। [QE][QS2]यदि तू उसको इतना भाता है तो निश्चय ही वह तुझ को बचा लोगा।” [QE][PBR]
9. [QS]हे परमेश्वर, सच तो यह है कि केवल तू ही है जिसके भरोसा मैं हूँ। तूने मुझे उस दिन से ही सम्भाला है, जब से मेरा जन्म हुआ। [QE][QS2]तूने मुझे आश्वस्त किया और चैन दिया, जब मैं अभी अपनी माता का दूध पीता था। [QE]
10. [QS]ठीक उसी दिन से जब से मैं जन्मा हूँ, तू मेरा परमेश्वर रहा है। [QE][QS2]जैसे ही मैं अपनी माता की कोख से बाहर आया था, मुझे तेरी देखभाल में रख दिया गया था। [QE][PBR]
11. [QS]सो हे, परमेश्वर! मुझको मत बिसरा, [QE][QS2]संकट निकट है, और कोई भी व्यक्ति मेरी सहायता को नहीं है। [QE]
12. [QS]मैं उन लोगों से घिरा हूँ, [QE][QS2]जो शक्तिशाली साँड़ों जैसे मुझे घेरे हुए हैं। [QE]
13. [QS]वे उन सिंहो जैसे हैं, जो किसी जन्तु को चीर रहे हों [QE][QS2]और दहाड़ते हो और उनके मुख विकराल खुले हुए हो। [QE][PBR]
14. [QS]मेरी शक्ति [QE][QS2]धरती पर बिखरे जल सी लुप्त हो गई। [QE][QS]मेरी हड्डियाँ अलग हो गई हैं। [QE][QS2]मेरा साहस खत्म हो चुका है। [QE]
15. [QS]मेरा मुख सूखे ठीकर सा है। [QE][QS2]मेरी जीभ मेरे अपने ही तालू से चिपक रही है। [QE][QS2]तूने मुझे मृत्यु की धूल में मिला दिया है। [QE]
16. [QS]मैं चारों तरफ कुतों से घिर हूँ [QE][QS2]दुष्ट जनों के उस समूह ने मुझे फँसाया है। [QE][QS2]उन्होंने मेरे मेरे हाथों और पैरों को सिंह के समान भेदा है। [QE]
17. [QS]मुझको अपनी हड्डियाँ दिखाई देती हैं। [QE][QS2]ये लोग मुझे घूर रहे हैं। [QE][QS2]ये मुझको हानि पहुँचाने को ताकते रहते हैं। [QE]
18. [QS]वे मेरे कपड़े आपस में बाँट रहे हैं। [QE][QS2]मेरे वस्त्रों के लिये वे पासे फेंक रहे हैं। [QE][PBR]
19. [QS]हे यहोवा, तू मुझको मत त्याग। [QE][QS2]तू मेरा बल हैं, मेरी सहायता कर। अब तू देर मत लगा। [QE]
20. [QS]हे यहोवा, मेरे प्राण तलवार से बचा ले। [QE][QS2]उन कुत्तों से तू मेरे मूल्यवान जीवन की रक्षा कर। [QE]
21. [QS]मुझे सिंह के मुँह से बचा ले [QE][QS2]और साँड़ के सींगो से मेरी रक्षा कर। [QE][PBR]
22. [QS]हे यहोवा, मैं अपने भाईयों में तेरा प्रचार करुँगा। [QE][QS2]मैं तेरी प्रशंसा तेरे भक्तों की सभा बीच करुँगा। [QE]
23. [QS]ओ यहोवा के उपासकों, यहोवा की प्रशंसा करो। [QE][QS2]इस्राएल के वंशजों यहोवा का आदर करो। [QE][QS2]ओ इस्राएल के सभी लोगों, यहोवा का भय मानों और आदर करो। [QE]
24. [QS]क्योंकि यहोवा ऐसे मनुष्यों की सहायता करता है जो विपति में होते हैं। [QE][QS2]यहोवा उन से घृणा नहीं करता है। [QE][QS2]यदि लोग सहायता के लिये यहोवा को पुकारे [QE][QS2]तो वह स्वयं को उनसे न छिपायेगा। [QE][PBR]
25. [QS]हे यहोवा, मेरा स्तुति गान महासभा के बीच तुझसे ही आता है। [QE][QS2]उन सबके सामने जो तेरी उपासना करते हैं। मैं उन बातों को पूरा करुँगा जिनको करने की मैंने प्रतिज्ञा की है। [QE]
26. [QS]दीन जन भोजन पायेंगे और सन्तुष्ट होंगे। [QE][QS2]तुम लोग जो उसे खोजते हुए आते हो उसकी स्तुति करो। [QE][QS2]मन तुम्हारे सदा सदा को आनन्द से भर जायें। [QE]
27. [QS]काश सभी दूर देशों के लोग यहोवा को याद करें [QE][QS2]और उसकी ओर लौट आयें। [QE][QS]काश विदेशों के सब लोग यहोवा की आराधना करें। [QE]
[QS2]28. क्योंकि यहोवा राजा है। [QE][QS2]वह प्रत्येक राष्ट्र पर शासन करता है। [QE]
29. [QS]लोग असहाय घास के तिनकों की भाँति धरती पर बिछे हुए हैं। [QE][QS2]हम सभी अपना भोजन खायेंगे और हम सभी कब्रों में लेट जायेंगे। [QE][QS]हम स्वयं को मरने से नहीं रोक सकते हैं। हम सभी भूमि में गाड़ दिये जायेंगे। [QE][QS2]हममें से हर किसी को यहोवा के सामने दण्डवत करना चाहिए। [QE]
30. [QS]और भविष्य में हमारे वंशज यहोवा की सेवा करेंगे। [QE][QS2]लोग सदा सर्वदा उस के बारे में बखानेंगे। [QE]
31. [QS]वे लोग आयेंगे और परमेश्वर की भलाई का प्रचार करेंगे [QE][QS2]जिनका अभी जन्म ही नहीं हुआ। [QE][PBR]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 22 / 150
1 प्रभात की हरिणी नामक राग पर संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक भजन। हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर! तूने मुझे क्यों त्याग दिया है मुझे बचाने के लिये तू क्यों बहुत दूर है मेरी सहायता की पुकार को सुनने के लिये तू बहुत दूर है। 2 हे मेरे परमेश्वर, मैंने तुझे दिन में पुकारा किन्तु तूने उत्तर नहीं दिया, और मैं रात भर तुझे पुकाराता रहा। 3 हे परमेश्वर, तू पवित्र है। तू राजा के जैसे विराजमान है। इस्राएल की स्तुतियाँ तेरा सिंहासन हैं। 4 हमारे पूर्वजों ने तुझ पर विश्वस किया। हाँ! हे परमेश्वर, वे तेरे भरोसे थे! और तूने उनको बचाया। 5 हे परमेश्वर, हमारे पूर्वजों ने तुझे सहायता को पुकारा और वे अपने शत्रुओं से बच निकले। उन्होंने तुझ पर विश्वास किया और वे निराश नहीं हुए। 6 तो क्या मैं सचमुच ही कोई कीड़ा हूँ, जो लोग मुझसे लज्जित हुआ करते हैं और मुझसे घृणा करते हैं 7 जो भी मुझे देखता है मेरी हँसी उड़ाता है, वे अपना सिर हिलाते और अपने होठ बिचकाते हैं। 8 वे मुझसे कहते हैं कि, “अपनी रक्षा के लिये तू यहोवा को पुकार ही सकता है। वह तुझ को बचा लोगा। यदि तू उसको इतना भाता है तो निश्चय ही वह तुझ को बचा लोगा।” 9 हे परमेश्वर, सच तो यह है कि केवल तू ही है जिसके भरोसा मैं हूँ। तूने मुझे उस दिन से ही सम्भाला है, जब से मेरा जन्म हुआ। तूने मुझे आश्वस्त किया और चैन दिया, जब मैं अभी अपनी माता का दूध पीता था। 10 ठीक उसी दिन से जब से मैं जन्मा हूँ, तू मेरा परमेश्वर रहा है। जैसे ही मैं अपनी माता की कोख से बाहर आया था, मुझे तेरी देखभाल में रख दिया गया था। 11 सो हे, परमेश्वर! मुझको मत बिसरा, संकट निकट है, और कोई भी व्यक्ति मेरी सहायता को नहीं है। 12 मैं उन लोगों से घिरा हूँ, जो शक्तिशाली साँड़ों जैसे मुझे घेरे हुए हैं। 13 वे उन सिंहो जैसे हैं, जो किसी जन्तु को चीर रहे हों और दहाड़ते हो और उनके मुख विकराल खुले हुए हो। 14 मेरी शक्ति धरती पर बिखरे जल सी लुप्त हो गई। मेरी हड्डियाँ अलग हो गई हैं। मेरा साहस खत्म हो चुका है। 15 मेरा मुख सूखे ठीकर सा है। मेरी जीभ मेरे अपने ही तालू से चिपक रही है। तूने मुझे मृत्यु की धूल में मिला दिया है। 16 मैं चारों तरफ कुतों से घिर हूँ दुष्ट जनों के उस समूह ने मुझे फँसाया है। उन्होंने मेरे मेरे हाथों और पैरों को सिंह के समान भेदा है। 17 मुझको अपनी हड्डियाँ दिखाई देती हैं। ये लोग मुझे घूर रहे हैं। ये मुझको हानि पहुँचाने को ताकते रहते हैं। 18 वे मेरे कपड़े आपस में बाँट रहे हैं। मेरे वस्त्रों के लिये वे पासे फेंक रहे हैं। 19 हे यहोवा, तू मुझको मत त्याग। तू मेरा बल हैं, मेरी सहायता कर। अब तू देर मत लगा। 20 हे यहोवा, मेरे प्राण तलवार से बचा ले। उन कुत्तों से तू मेरे मूल्यवान जीवन की रक्षा कर। 21 मुझे सिंह के मुँह से बचा ले और साँड़ के सींगो से मेरी रक्षा कर। 22 हे यहोवा, मैं अपने भाईयों में तेरा प्रचार करुँगा। मैं तेरी प्रशंसा तेरे भक्तों की सभा बीच करुँगा। 23 ओ यहोवा के उपासकों, यहोवा की प्रशंसा करो। इस्राएल के वंशजों यहोवा का आदर करो। ओ इस्राएल के सभी लोगों, यहोवा का भय मानों और आदर करो। 24 क्योंकि यहोवा ऐसे मनुष्यों की सहायता करता है जो विपति में होते हैं। यहोवा उन से घृणा नहीं करता है। यदि लोग सहायता के लिये यहोवा को पुकारे तो वह स्वयं को उनसे न छिपायेगा। 25 हे यहोवा, मेरा स्तुति गान महासभा के बीच तुझसे ही आता है। उन सबके सामने जो तेरी उपासना करते हैं। मैं उन बातों को पूरा करुँगा जिनको करने की मैंने प्रतिज्ञा की है। 26 दीन जन भोजन पायेंगे और सन्तुष्ट होंगे। तुम लोग जो उसे खोजते हुए आते हो उसकी स्तुति करो। मन तुम्हारे सदा सदा को आनन्द से भर जायें। 27 काश सभी दूर देशों के लोग यहोवा को याद करें और उसकी ओर लौट आयें। काश विदेशों के सब लोग यहोवा की आराधना करें। 28 क्योंकि यहोवा राजा है। वह प्रत्येक राष्ट्र पर शासन करता है। 29 लोग असहाय घास के तिनकों की भाँति धरती पर बिछे हुए हैं। हम सभी अपना भोजन खायेंगे और हम सभी कब्रों में लेट जायेंगे। हम स्वयं को मरने से नहीं रोक सकते हैं। हम सभी भूमि में गाड़ दिये जायेंगे। हममें से हर किसी को यहोवा के सामने दण्डवत करना चाहिए। 30 और भविष्य में हमारे वंशज यहोवा की सेवा करेंगे। लोग सदा सर्वदा उस के बारे में बखानेंगे। 31 वे लोग आयेंगे और परमेश्वर की भलाई का प्रचार करेंगे जिनका अभी जन्म ही नहीं हुआ।
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