पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. हे यहोवा, मैं स्वयं को तुझे समर्पित करता हूँ। [QBR]
2. मेरे परमेश्वर, मेरा विश्वस तुझ पर है। [QBR2] मैं तुझसे निराश नहीं होऊँगा। [QBR2] मेरे शत्रु मेरी हँसी नहीं उड़ा पायेंगे। [QBR]
3. ऐसा व्यक्ति, जो तुझमें विश्वास रखता है, वह निराश नहीं होगा। [QBR2] किन्तु विश्वासघाती निराश होंगे और, [QBR2] वे कभी भी कुछ नहीं प्राप्त करेंगे।
4. हे यहोवा, मेरी सहायता कर कि मैं तेरी राहों को सीखूँ। [QBR2] तू अपने मार्गों की मुझको शिक्षा दे। [QBR]
5. अपनी सच्ची राह तू मुझको दिखा और उसका उपदेश मुझे दे। [QBR2] तू मेरा परमेश्वर मेरा उद्धारकर्ता है। [QBR2] मुझको हर दिन तेरा भरोसा है। [QBR]
6. हे यहोवा, मुझ पर अपनी दया रख [QBR2] और उस ममता को मुझ पर प्रकट कर, जिसे तू हरदम रखता है। [QBR]
7. अपने युवाकाल में जो पाप और कुकर्म मैंने किए, उनको याद मत रख। [QBR2] हे यहोवा, अपने निज नाम निमित, मुझको अपनी करुणा से याद कर।
8. यहोवा सचमुच उत्तम है, [QBR2] वह पापियों को जीवन का नेक राह सिखाता है। [QBR]
9. वह दीनजनों को अपनी राहों की शिक्षा देता है। [QBR2] बिना पक्षपात के वह उनको मार्ग दर्शाता है। [QBR]
10. यहोवा की राहें उन लोगों के लिए क्षमापूर्ण और सत्य है, [QBR2] जो उसके वाचा और प्रतिज्ञाओं का अनुसरण करते हैं।
11. हे यहोवा, मैंने बहुतेरे पाप किये हैं, [QBR2] किन्तु तूने अपनी दया प्रकट करने को, मेरे हर पाप को क्षमा कर दिया।
12. यदि कोई व्यक्ति यहोवा का अनुसरण करना चाहे, [QBR2] तो उसे परमेश्वर जीवन का उत्तम राह दिखाएगा। [QBR]
13. वह व्यक्ति उत्तम वस्तुओं का सुख भोगेगा, [QBR2] और उस व्यक्ति की सन्ताने उस धरती की जिसे परमेश्वर ने वचन दिया था स्थायी रहेंगे। [QBR]
14. यहोवा अपने भक्तों पर अपने भेद खोलता है। [QBR2] वह अपने निज भक्तों को अपने वाचा की शिक्षा देता है। [QBR]
15. मेरी आँखें सहायता पाने को यहोवा पर सदा टिकी रहती हैं। [QBR2] मुझे मेरी विपति से वह सदा छुड़ाता है।
16. हे यहोवा, मैं पीड़ित और अकेला हूँ। [QBR2] मेरी ओर मुड़ और मुझ पर दया दिखा। [QBR]
17. मेरी विपतियों से मुझको मुक्त कर। [QBR2] मेरी समस्या सुलझाने की सहायता कर। [QBR]
18. हे योहवा, मुझे परख और मेरी विपत्तियों पर दृष्टि डाल। [QBR2] मुझको जो पाप मैंने किए हैं, उन सभी के लिए क्षमा कर। [QBR]
19. जो भी मेरे शत्रु हैं, सभी को देख ले। [QBR2] मेरे शत्रु मुझसे बैर रखते हैं, और मुझ को दु:ख पहुँचाना चाहते हैं। [QBR]
20. हे परमेश्वर, मेरी रक्षा कर और मुझको बचा ले। [QBR2] मैं तेरा भरोसा रखता हूँ। सो मुझे निराश मत कर। [QBR]
21. हे परमेश्वर, तू सचमुच उत्तम है। [QBR2] मुझको तेरा भरोसा है, सो मेरी रक्षा कर। [QBR]
22. हे परमेश्वर, इस्राएल के जनों की उनके सभी शत्रुओं से रक्षा कर। [PE]

Notes

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भजन संहिता 25:59
1 हे यहोवा, मैं स्वयं को तुझे समर्पित करता हूँ। 2 मेरे परमेश्वर, मेरा विश्वस तुझ पर है। मैं तुझसे निराश नहीं होऊँगा। मेरे शत्रु मेरी हँसी नहीं उड़ा पायेंगे। 3 ऐसा व्यक्ति, जो तुझमें विश्वास रखता है, वह निराश नहीं होगा। किन्तु विश्वासघाती निराश होंगे और, वे कभी भी कुछ नहीं प्राप्त करेंगे। 4 हे यहोवा, मेरी सहायता कर कि मैं तेरी राहों को सीखूँ। तू अपने मार्गों की मुझको शिक्षा दे। 5 अपनी सच्ची राह तू मुझको दिखा और उसका उपदेश मुझे दे। तू मेरा परमेश्वर मेरा उद्धारकर्ता है। मुझको हर दिन तेरा भरोसा है। 6 हे यहोवा, मुझ पर अपनी दया रख और उस ममता को मुझ पर प्रकट कर, जिसे तू हरदम रखता है। 7 अपने युवाकाल में जो पाप और कुकर्म मैंने किए, उनको याद मत रख। हे यहोवा, अपने निज नाम निमित, मुझको अपनी करुणा से याद कर। 8 यहोवा सचमुच उत्तम है, वह पापियों को जीवन का नेक राह सिखाता है। 9 वह दीनजनों को अपनी राहों की शिक्षा देता है। बिना पक्षपात के वह उनको मार्ग दर्शाता है। 10 यहोवा की राहें उन लोगों के लिए क्षमापूर्ण और सत्य है, जो उसके वाचा और प्रतिज्ञाओं का अनुसरण करते हैं। 11 हे यहोवा, मैंने बहुतेरे पाप किये हैं, किन्तु तूने अपनी दया प्रकट करने को, मेरे हर पाप को क्षमा कर दिया। 12 यदि कोई व्यक्ति यहोवा का अनुसरण करना चाहे, तो उसे परमेश्वर जीवन का उत्तम राह दिखाएगा। 13 वह व्यक्ति उत्तम वस्तुओं का सुख भोगेगा, और उस व्यक्ति की सन्ताने उस धरती की जिसे परमेश्वर ने वचन दिया था स्थायी रहेंगे। 14 यहोवा अपने भक्तों पर अपने भेद खोलता है। वह अपने निज भक्तों को अपने वाचा की शिक्षा देता है। 15 मेरी आँखें सहायता पाने को यहोवा पर सदा टिकी रहती हैं। मुझे मेरी विपति से वह सदा छुड़ाता है। 16 हे यहोवा, मैं पीड़ित और अकेला हूँ। मेरी ओर मुड़ और मुझ पर दया दिखा। 17 मेरी विपतियों से मुझको मुक्त कर। मेरी समस्या सुलझाने की सहायता कर। 18 हे योहवा, मुझे परख और मेरी विपत्तियों पर दृष्टि डाल। मुझको जो पाप मैंने किए हैं, उन सभी के लिए क्षमा कर। 19 जो भी मेरे शत्रु हैं, सभी को देख ले। मेरे शत्रु मुझसे बैर रखते हैं, और मुझ को दु:ख पहुँचाना चाहते हैं। 20 हे परमेश्वर, मेरी रक्षा कर और मुझको बचा ले। मैं तेरा भरोसा रखता हूँ। सो मुझे निराश मत कर। 21 हे परमेश्वर, तू सचमुच उत्तम है। मुझको तेरा भरोसा है, सो मेरी रक्षा कर। 22 हे परमेश्वर, इस्राएल के जनों की उनके सभी शत्रुओं से रक्षा कर।
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