1. हे यहोवा, तू मेरी चट्टान है, मैं तुझको सहायता पाने को पुकार रहा हूँ। मेरी प्रार्थनाओं से अपने कान मत मूँद, यदि तू मेरी सहायता की पुकार का उत्तर नहीं देगा, तो लोग मुझे कब्र में मरा हुआ जैसा समझेंगे।
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2. हे यहोवा, तेरे पवित्र तम्बू की ओर मैं अपने हाथ उठाकर प्रार्थना करता हूँ। जब मैं तुझे पुकारुँ, तू मेरी सुन और तू मुझ पर अपनी करुणा दिखा।
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3. हे यहोवा, मुझे उन बुरे व्याक्तियों की तरह मत सोच जो बुरे काम करते हैं। जो अपने पड़ोसियों से “सलाम” (शांति) करते हैं, किन्तु अपने हृदय में अपने पड़ोसियों के बारे में कुचक्र सोचते हैं।
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4. हे यहोवा, वे व्यक्ति अन्य लोगों का बुरा करते हैं। सो तू उनके साथ बुरी घटनाएँ घटा। उन दुर्जनों को तू वैसे दण्ड दे जैसे उन्हें देना चाहिए।
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5. दुर्जन उन उत्तम बातों को जो यहोवा करता नहीं समझते। वे परमेश्वर के उत्तम कर्मो को नहीं देखते। वे उसकी भलाई को नहीं समझते। वे तो केवल किसी का नाश करने का यत्न करते हैं।
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7. यहोवा मेरी शक्ति है, वह मेरी ढाल है। मुझे उसका भरोसा था। उसने मेरी सहायता की। मैं अति प्रसन्न हूँ, और उसके प्रशंसा के गीत गाता हूँ।
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9. हे परमेश्वर, अपने लोगों की रक्षा कर। जो तेरे हैं उनको आशीष दे। उनको मार्ग दिखा और सदा सर्वदा उनका उत्थान कर।
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