1. बुरा व्यक्ति बहुत बुरा करता है जब वह स्वयं से कहता है, “मैं परमेश्वर का आदर नहीं करता और न ही डरता हूँ।”
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2. वह मनुष्य स्वयं से झूठ बोलता है। वह मनुष्य स्वयं अपने खोट को नहीं देखता। इसलिए वहक्षमा नहीं माँगता।
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4. रात को वह अपने बिस्तर में कुचक्र रचता है। वह जाग कर कोई भी अच्छा काम नहीं करता। वह कुकर्म को छोड़ना नहीं चाहता।
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6. हे यहोवा, तेरी धार्मिकता सर्वोच्च पर्वत से भी ऊँची है। तेरी शोभा गहरे सागर से गहरी है। हे यहोवा, तू मनुष्यों और पशुओ का रक्षक है।
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8. हे यहोवा, तेरे मन्दिर की उत्तम बातों से वे नयी शक्ति पाते हैं। तू उन्हें अपने अद्भुत नदी के जल को पीने देता है।
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10. हे यहोवा, जो तुझे सच्चाई से जानते हैं, उनसे प्रेम करता रह। उन लोगों पर तू अपनी निज नेकी बरसा जो तेरे प्रति सच्चे हैं।
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12. उनके कब्रों के पत्थरो पर यह लिख दे: “दुष्ट लोग यहाँ पर गिरे हैं। वे कुचले गए। वे फिर कभी खड़े नहीं हो पायेंगे।”
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