पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. [PS]*संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद पुकारा मैंने यहोवा को। *[PE][QS]यहोवा को मैंने पुकारा। उसने मेरी सुनी। [QE][QS2]उसने मेरे रुदन को सुन लिया। [QE]
2. [QS]यहोवा ने मुझे विनाश के गर्त से उबारा। [QE][QS2]उसने मुझे दलदली गर्त से उठाया, [QE][QS]और उसने मुझे चट्टान पर बैठाया। [QE][QS2]उसने ही मेरे कदमों को टिकाया। [QE]
3. [QS]यहोवा ने मेरे मुँह में एक नया गीत बसाया। [QE][QS2]परमेश्वर का एक स्तुति गीत। [QE][QS]बहुतेरे लोग देखेंगे जो मेरे साथ घटा है। [QE][QS]और फिर परमेश्वर की आराधना करेंगे। [QE][QS2]वे यहोवा का विश्वास करेंगे। [QE]
4. [QS]यदि कोई जन यहोवा के भरोसे रहता है, तो वह मनुष्य सचमुच प्रसन्न होगा। [QE][QS2]और यदि कोई जन मूर्तियों और मिथ्या देवों की शरणमें नहीं जायेगा, तो वह मनुष्य सचमुच प्रसन्न होगा। [QE]
5. [QS]हमारे परमेश्वर यहोवा, तूने बहुतेरे अद्भुत कर्म किये हैं। [QE][QS2]हमारे लिये तेरे पास अद्भुत योजनाएँ हैं। [QE][QS]कोई मनुष्य नहीं जो उसे गिन सके! [QE][QS2]मैं तेरे किये हुए कामों को बार बार बखानूँगा। [QE][PBR]
6. [QS]हे यहोवा, तूने मुझको यह समझाया है: [QE][QS2]तू सचमुच कोई अन्नबलि और पशुबलि नहीं चाहता था। [QE][QS2]कोई होमबलि और पापबलि तुझे नहीं चाहिए। [QE]
7. [QS]सो मैंने कहा, “देख मैं आ रहा हूँ! [QE][QS2]पुस्तक में मेरे विषय में यही लिखा है।” [QE]
8. [QS]हे मेरे परमेश्वर, मैं वही करना चाहता हूँ जो तू चाहता है। [QE][QS2]मैंने मन में तेरी शिक्षओं को बसा लिया। [QE]
9. [QS]महासभा के मध्य मैं तेरी धार्मिकता का सुसन्देश सुनाऊँगा। [QE][QS2]यहोवा तू जानता है कि मैं अपने मुँह को बंद नहीं रखूँगा। [QE]
10. [QS]यहोवा, मैं तेरे भले कर्मो को बखानूँगा। [QE][QS2]उन भले कर्मो को मैं रहस्य बनाकर मन में नहीं छिपाए रखूँगा। [QE][QS]हे यहोवा, मैं लोगों को रक्षा के लिए तुझ पर आश्रित होने को कहूँगा। [QE][QS2]मैं महासभा में तेरी करुणा और तेरी सत्यता नहीं छिपाऊँगा। [QE]
11. [QS]इसलिए हे यहोवा, तूअपनी दया मुझसे मत छिपा! [QE][QS2]तू अपनी करुणा और सच्चाई से मेरी रक्षा कर। [QE][PBR]
12. [QS]मुझको दुष्ट लोगों ने घेर लिया, [QE][QS2]वे इतने अधिक हैं कि गिने नहीं जाते। [QE][QS]मुझे मेरे पापों ने घेर लिया है, [QE][QS2]और मैं उनसे बच कर भाग नहीं पाता हूँ। [QE][QS]मेरे पाप मेरे सिर के बालों से अधिक हैं। [QE][QS2]मेरा साहस मुझसे खो चुका है। [QE]
13. [QS]हे यहोवा, मेरी ओर दौड़ और मेरी रक्षा कर! [QE][QS2]आ, देर मत कर, मुझे बचा ले! [QE]
14. [QS]वे दुष्ट मनुष्य मुझे मारने का जतन करते हैं। [QE][QS2]हे यहोवा, उन्हें लज्जित कर [QE][QS2]और उनको निराश कर दे। [QE][QS]वे मनुष्य मुझे दु:ख पहुँचाना चाहते हैं। [QE][QS2]तू उन्हें अपमानित होकर भागने दे! [QE]
15. [QS]वे दुष्ट जन मेरी हँसी उड़ाते हैं। [QE][QS2]उन्हें इतना लज्जित कर कि वे बोल तक न पायें! [QE]
16. [QS]किन्तु वे मनुष्य जो तुझे खोजते हैं, आनन्दित हो। [QE][QS2]वे मनुष्य सदा यह कहते रहें, “यहोवा के गुण गाओ!” उन लोगों को तुझ ही से रक्षित होना भाता है। [QE][PBR]
17. [QS]हे मेरे स्वामी, मैं तो बस दीन, असहाय व्यक्ति हूँ। [QE][QS2]मेरी रक्षा कर, [QE][QS]तू मुझको बचा ले। [QE][QS2]हे मेरे परमेश्वर, अब अधिक देर मत कर! [QE][PBR]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 40 / 150
1 संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद पुकारा मैंने यहोवा को। यहोवा को मैंने पुकारा। उसने मेरी सुनी। उसने मेरे रुदन को सुन लिया। 2 यहोवा ने मुझे विनाश के गर्त से उबारा। उसने मुझे दलदली गर्त से उठाया, और उसने मुझे चट्टान पर बैठाया। उसने ही मेरे कदमों को टिकाया। 3 यहोवा ने मेरे मुँह में एक नया गीत बसाया। परमेश्वर का एक स्तुति गीत। बहुतेरे लोग देखेंगे जो मेरे साथ घटा है। और फिर परमेश्वर की आराधना करेंगे। वे यहोवा का विश्वास करेंगे। 4 यदि कोई जन यहोवा के भरोसे रहता है, तो वह मनुष्य सचमुच प्रसन्न होगा। और यदि कोई जन मूर्तियों और मिथ्या देवों की शरणमें नहीं जायेगा, तो वह मनुष्य सचमुच प्रसन्न होगा। 5 हमारे परमेश्वर यहोवा, तूने बहुतेरे अद्भुत कर्म किये हैं। हमारे लिये तेरे पास अद्भुत योजनाएँ हैं। कोई मनुष्य नहीं जो उसे गिन सके! मैं तेरे किये हुए कामों को बार बार बखानूँगा। 6 हे यहोवा, तूने मुझको यह समझाया है: तू सचमुच कोई अन्नबलि और पशुबलि नहीं चाहता था। कोई होमबलि और पापबलि तुझे नहीं चाहिए। 7 सो मैंने कहा, “देख मैं आ रहा हूँ! पुस्तक में मेरे विषय में यही लिखा है।” 8 हे मेरे परमेश्वर, मैं वही करना चाहता हूँ जो तू चाहता है। मैंने मन में तेरी शिक्षओं को बसा लिया। 9 महासभा के मध्य मैं तेरी धार्मिकता का सुसन्देश सुनाऊँगा। यहोवा तू जानता है कि मैं अपने मुँह को बंद नहीं रखूँगा। 10 यहोवा, मैं तेरे भले कर्मो को बखानूँगा। उन भले कर्मो को मैं रहस्य बनाकर मन में नहीं छिपाए रखूँगा। हे यहोवा, मैं लोगों को रक्षा के लिए तुझ पर आश्रित होने को कहूँगा। मैं महासभा में तेरी करुणा और तेरी सत्यता नहीं छिपाऊँगा। 11 इसलिए हे यहोवा, तूअपनी दया मुझसे मत छिपा! तू अपनी करुणा और सच्चाई से मेरी रक्षा कर। 12 मुझको दुष्ट लोगों ने घेर लिया, वे इतने अधिक हैं कि गिने नहीं जाते। मुझे मेरे पापों ने घेर लिया है, और मैं उनसे बच कर भाग नहीं पाता हूँ। मेरे पाप मेरे सिर के बालों से अधिक हैं। मेरा साहस मुझसे खो चुका है। 13 हे यहोवा, मेरी ओर दौड़ और मेरी रक्षा कर! आ, देर मत कर, मुझे बचा ले! 14 वे दुष्ट मनुष्य मुझे मारने का जतन करते हैं। हे यहोवा, उन्हें लज्जित कर और उनको निराश कर दे। वे मनुष्य मुझे दु:ख पहुँचाना चाहते हैं। तू उन्हें अपमानित होकर भागने दे! 15 वे दुष्ट जन मेरी हँसी उड़ाते हैं। उन्हें इतना लज्जित कर कि वे बोल तक न पायें! 16 किन्तु वे मनुष्य जो तुझे खोजते हैं, आनन्दित हो। वे मनुष्य सदा यह कहते रहें, “यहोवा के गुण गाओ!” उन लोगों को तुझ ही से रक्षित होना भाता है। 17 हे मेरे स्वामी, मैं तो बस दीन, असहाय व्यक्ति हूँ। मेरी रक्षा कर, तू मुझको बचा ले। हे मेरे परमेश्वर, अब अधिक देर मत कर!
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