1. अरे ओ, बड़े व्यक्ति। तू क्यों शेखी बघारता है जिन बुरे कामों को तू करता है तू परमेश्वर का अपमान करता है। तू बुरे काम करने को दिन भर षड़यन्त्र रचता है।
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2. तू मूढ़ता भरी कुचक्र रचता रहता है। तेरी जीभ वैसी ही भयानक है, जैसा तेज उस्तरा होत है। क्यों क्योंकि तेरी जीभ झूठ बोलती रहती है!
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5. तुझे परमेश्वर सदा के लिए नष्ट कर देगा। वह तुझ पर झपटेगा और तुझे पकड़कर घर से बाहर करेगा। वह तुझे मारेगा और तेरा कोई भी वंशज नहीं रहेगा।
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6. सज्जन इसे देखेंगे और परमेश्वर से डरना और उसका आदर करना सीखेंगे। वे तुझपर, जो घटा उस पर हँसेंगे और कहेंगे,
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7. “देखो उस व्यक्ति के साथ क्या हुआ जो यहोवा पर निर्भर नहीं था। उस व्यक्ति ने सोचा कि उसका धन और झूठ इसकी रक्षा करेंगे।”
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8. किन्तु मैं परमेश्वर के मन्दिर में एक हरे जैतून के वूक्ष सा हूँ। परमेश्वर की करूणा का मुझको सदा-सदा के लिए भरोसा है।
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9. हे परमेश्वर, मैं उन कामों के लिए जिनको तूने किया, स्तुति करता हूँ। मैं तेरे अन्य भक्तों के साथ, तेरे भले नाम पर भरोसा करूँगा! लिए दाऊद का एक भक्ति गीत।
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