1. [PS]*महलत राग पर संगीत निर्देशक के लिए दाऊद का एक भक्ति गीत। *[PE][QS]बस एक मूर्ख ही ऐसे सोचता है कि परमेश्वर नहीं होता। [QE][QS2]ऐसे मनुष्य भ्रष्ट, दुष्ट, द्वेषपूर्ण होते हैं। [QE][QS2]वे कोई अच्छा काम नहीं करते। [QE]
2. [QS]सचमुच, आकाश में एक ऐसा परमेश्वर है जो हमें देखता और झाँकता रहता है। [QE][QS2]यह देखने को कि क्या यहाँ पर कोई विवेकपूर्ण व्यक्ति [QE][QS2]और विवेकपूर्ण जन परमेश्वर को खोजते रहते हैं। [QE]
3. [QS]किन्तु सभी लोग परमेश्वर से भटके हैं। [QE][QS2]हर व्यक्ति बुरा है। [QE][QS]कोई भी व्यक्ति कोई अच्छा कर्म नहीं करता, [QE][QS2]एक भी नहीं। [QE][PBR]
4. [QS]परमेश्वर कहता है, “निश्चय ही, वे दुष्ट सत्य को जानते हैं। [QE][QS2]किन्तु वे मेरी प्रार्थना नहीं करते। [QE][QS2]वे दुष्ट लोग मेरे भक्तों को ऐसे नष्ट करने को तत्पर हैं, जैसे वे निज खाना खाने को तत्पर रहते हैं। [QE][PBR]
5. [QS]किन्तु वे दुष्ट लोग इतने भयभीत होंगे, [QE][QS2]जितने वे दुष्ट लोग पहले कभी भयभीत नहीं हुए! [QE][QS]इसलिए परमेश्वर ने इस्राएल के उन दुष्ट शत्रु लोगों को त्यागा है। [QE][QS2]परमेश्वर के भक्त उनको हरायेंगे [QE][QS]और परमेश्वर उन दुष्टो की हड्डियों को बिखेर देगा। [QE][PBR]
6. [QS]इस्राएल को, सिय्योन में कौन विजयी बनायेगा हाँ, [QE][QS2]परमेश्वर उनकी विजय को पाने में सहायता करेगा। [QE][QS]परमेश्वर अपने लोगों को बन्धुआई से वापस लायेगा, [QE][QS2]याकूब आनन्द मनायेगा। [QE][QS2]इस्राएल अति प्रसन्न होगा। [QE][PBR]