2. हे परमेश्वर, धरती पर हर व्यक्ति तेरे विषय में जाने। हर राष्ट्र यह जान जाये कि लोगों की तू कैसे रक्षा करता है।
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4. सभी राष्ट्र आनन्द मनावें और आनन्दिन हो! क्योंकि तू लोगों का न्याय निष्पक्ष करता। और हर राष्ट्र पर तेरा शासन है।
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