पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. [PS]*‘नष्ट मत कर’ नामक धुन पर संगीत निर्देशक के लिये आसाप का एक स्तुति गीत। *[PE][QS]हे परमेश्वर, हम तेरी प्रशंसा करते हैं! [QE][QS2]हम तेरे नाम का गुणगान करते हैं! [QE][QS2]तू समीप है और लोग तेरे उन अद्भत कर्मो का जिनको तू करता है, बखान करते हैं। [QE][PBR]
2. [QS]परमेश्वर, कहता है, “मैंने न्याय का समय चुन लिया, [QE][QS2]मैं निष्पक्ष होकर के न्याय करूँगा। [QE]
3. [QS]धरती और धरती की हर वस्तु डगमगा सकती है और गिरने को तैयार हो सकती है, [QE][QS2]किन्तु मैं ही उसे स्थिर रखता हूँ। [QE][PBR]
4. [QS]“कुछ लोग बहुत ही अभिमानी होते हैं, वे सोचते रहते है कि वे बहुत शाक्तिशाली और महत्त्वपूर्ण है। [QE]
5. [QS]लेकिन उन लोगों को बता दो, ‘डींग मत हाँकों!’ [QE][QS2]‘तने अभिमानी मतबने रह!’ ” [QE][PBR]
6. [QS]इस धरती पर सचुमच, [QE][QS2]कोई भी मनुष्य नीच को महान नहीं बना सकता। [QE]
7. [QS]परमेश्वर न्याय करता है। [QE][QS2]परमेश्वर इसका निर्णय करता है कि कौन व्यक्ति महान होगा। [QE][QS2]परमेश्वर ही किसी व्यक्ति को महत्त्वपूर्ण पद पर बिठाता है। और किसी दूसरे को निची दशा में पहुँचाता है। [QE]
8. [QS]परमेश्वर दुष्टों को दण्ड देने को तत्पर है। [QE][QS2]परमेश्वर के पास विष मिला हुआ मधु पात्र है। [QE][QS]परमेश्वर इस दाखमधु (दण्ड) को उण्डेलता है [QE][QS2]और दुष्ट जन उसे अंतिम बूँद तक पीते हैं। [QE]
9. [QS]मैं लोगों से इन बातों का सदा बखान करूँगा। [QE][QS2]मैं इस्राएल के परमेश्वर के गुण गाऊँगा। [QE]
10. [QS]मैं दुष्ट लोगों की शक्ति को छीन लूँगा, [QE][QS2]और मैं सज्जनों को शक्ति दूँगा। [QE][PBR]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 75 / 150
1 *‘नष्ट मत कर’ नामक धुन पर संगीत निर्देशक के लिये आसाप का एक स्तुति गीत। *हे परमेश्वर, हम तेरी प्रशंसा करते हैं! हम तेरे नाम का गुणगान करते हैं! तू समीप है और लोग तेरे उन अद्भत कर्मो का जिनको तू करता है, बखान करते हैं। 2 परमेश्वर, कहता है, “मैंने न्याय का समय चुन लिया, मैं निष्पक्ष होकर के न्याय करूँगा। 3 धरती और धरती की हर वस्तु डगमगा सकती है और गिरने को तैयार हो सकती है, किन्तु मैं ही उसे स्थिर रखता हूँ। 4 “कुछ लोग बहुत ही अभिमानी होते हैं, वे सोचते रहते है कि वे बहुत शाक्तिशाली और महत्त्वपूर्ण है। 5 लेकिन उन लोगों को बता दो, ‘डींग मत हाँकों!’ ‘तने अभिमानी मतबने रह!’ ” 6 इस धरती पर सचुमच, कोई भी मनुष्य नीच को महान नहीं बना सकता। 7 परमेश्वर न्याय करता है। परमेश्वर इसका निर्णय करता है कि कौन व्यक्ति महान होगा। परमेश्वर ही किसी व्यक्ति को महत्त्वपूर्ण पद पर बिठाता है। और किसी दूसरे को निची दशा में पहुँचाता है। 8 परमेश्वर दुष्टों को दण्ड देने को तत्पर है। परमेश्वर के पास विष मिला हुआ मधु पात्र है। परमेश्वर इस दाखमधु (दण्ड) को उण्डेलता है और दुष्ट जन उसे अंतिम बूँद तक पीते हैं। 9 मैं लोगों से इन बातों का सदा बखान करूँगा। मैं इस्राएल के परमेश्वर के गुण गाऊँगा। 10 मैं दुष्ट लोगों की शक्ति को छीन लूँगा, और मैं सज्जनों को शक्ति दूँगा।
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