1. [PS]*तार वाद्यों के संगीत निर्देशक के लिये आसाप का एक गीत। *[PE][QS]यहूदा के लोग परमेश्वर को जानते हैं। [QE][QS2]इस्राएल जानता है कि सचमुच परमेश्वर का नाम बड़ा है। [QE]
2. [QS]परमेश्वर का मन्दिर शालेम में स्थित है। [QE][QS2]परमेश्वर का घर सिय्योन के पर्वत पर है। [QE]
3. [QS]उस जगह पर परमेश्वर ने धनुष—बाण, ढाल, तलवारे [QE][QS2]और युद्ध के दूसरे शस्त्रों को तोड़ दिया। [QE][PBR]
4. [QS]हे परमेश्वर, जब तू उन पर्वतों से लौटता है, [QE][QS2]जहाँ तूने अपने शत्रुओं को हरा दिया था, तू महिमा से मण्डित रहता है। [QE]
5. [QS]उन सैनिकों ने सोचा की वे बलशाली है। किन्तु वे अब रणक्षेत्रों में मरे पड़े हैं। [QE][QS2]उनके शव जो कुछ भी उनके साथ था, उस सब कुछ के रहित पड़े हैं। [QE][QS2]उन बलशाली सैनिकों में कोई ऐसा नहीं था, जो आप स्वयं की रक्षा कर पाता। [QE]
6. [QS]याकूब का परमेश्वर उन सैनिकों पर गरजा [QE][QS2]और वह सेना रथों और अश्वों सहित गिरकर मर गयी। [QE]
7. [QS]हे परमेश्वर, तू भय विस्मयपूर्ण है! [QE][QS2]जब तू कुपित होता है तेरे सामने कोई व्यक्ति टिक नहीं सकता। [QE]
8. [QS](8-9)न्यायकर्ता के रूप में यहोवा ने खड़े होकर अपना निर्णय सुना दिया। [QE][QS2]परमेश्वर ने धरती के नम्र लोगों को बचाया। [QE][QS]स्वर्ग से उसने अपना निर्णय दिया [QE][QS2]और सम्पूर्ण धरती शब्द रहित और भयभीत हो गई। [QE]
9.
10. [QS]हे परमेश्वर, जब तू दुष्टों को दण्ड देता है। लोग तेरा गुण गाते हैं। [QE][QS2]तू अपना क्रोध प्रकट करता है और शेष बचे लोग बलशाली हो जाते हैं। [QE][PBR]
11. [QS]लोग परमेश्वर की मन्नतें मानेंगे [QE][QS2]और वे उन वस्तुओं को जिनकी मन्नतें उन्होंने मानीं हैं, [QE][QS]यहोवा को अर्पण करेंगे। [QE][QS2]लोग हर किसी स्थान से उस परमेश्वर को उपहार लायेंगे। [QE]
12. [QS]परमेश्वर बड़े बड़े सम्राटों को हराता है। [QE][QS2]धरती के सभी शासकों उसका भय मानों। [QE][PBR]