पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. यहूदा के लोग परमेश्वर को जानते हैं। [QBR2] इस्राएल जानता है कि सचमुच परमेश्वर का नाम बड़ा है। [QBR]
2. परमेश्वर का मन्दिर शालेम में स्थित है। [QBR2] परमेश्वर का घर सिय्योन के पर्वत पर है। [QBR]
3. उस जगह पर परमेश्वर ने धनुष—बाण, ढाल, तलवारे [QBR2] और युद्ध के दूसरे शस्त्रों को तोड़ दिया।
4. हे परमेश्वर, जब तू उन पर्वतों से लौटता है, [QBR2] जहाँ तूने अपने शत्रुओं को हरा दिया था, तू महिमा से मण्डित रहता है। [QBR]
5. उन सैनिकों ने सोचा की वे बलशाली है। किन्तु वे अब रणक्षेत्रों में मरे पड़े हैं। [QBR2] उनके शव जो कुछ भी उनके साथ था, उस सब कुछ के रहित पड़े हैं। [QBR2] उन बलशाली सैनिकों में कोई ऐसा नहीं था, जो आप स्वयं की रक्षा कर पाता। [QBR]
6. याकूब का परमेश्वर उन सैनिकों पर गरजा [QBR2] और वह सेना रथों और अश्वों सहित गिरकर मर गयी। [QBR]
7. हे परमेश्वर, तू भय विस्मयपूर्ण है! [QBR2] जब तू कुपित होता है तेरे सामने कोई व्यक्ति टिक नहीं सकता। [QBR]
8. (8-9) न्यायकर्ता के रूप में यहोवा ने खड़े होकर अपना निर्णय सुना दिया। [QBR2] परमेश्वर ने धरती के नम्र लोगों को बचाया। [QBR] स्वर्ग से उसने अपना निर्णय दिया [QBR2] और सम्पूर्ण धरती शब्द रहित और भयभीत हो गई। [QBR]
9. हे परमेश्वर, जब तू दुष्टों को दण्ड देता है। लोग तेरा गुण गाते हैं। [QBR2] तू अपना क्रोध प्रकट करता है और शेष बचे लोग बलशाली हो जाते हैं।
10. लोग परमेश्वर की मन्नतें मानेंगे [QBR2] और वे उन वस्तुओं को जिनकी मन्नतें उन्होंने मानीं हैं, [QBR] यहोवा को अर्पण करेंगे। [QBR2] लोग हर किसी स्थान से उस परमेश्वर को उपहार लायेंगे। [QBR]
11. परमेश्वर बड़े बड़े सम्राटों को हराता है। [QBR2] धरती के सभी शासकों उसका भय मानों। [PE]
12.

Notes

No Verse Added

Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 76 / 150
भजन संहिता 76:3
1 यहूदा के लोग परमेश्वर को जानते हैं। इस्राएल जानता है कि सचमुच परमेश्वर का नाम बड़ा है। 2 परमेश्वर का मन्दिर शालेम में स्थित है। परमेश्वर का घर सिय्योन के पर्वत पर है। 3 उस जगह पर परमेश्वर ने धनुष—बाण, ढाल, तलवारे और युद्ध के दूसरे शस्त्रों को तोड़ दिया। 4 हे परमेश्वर, जब तू उन पर्वतों से लौटता है, जहाँ तूने अपने शत्रुओं को हरा दिया था, तू महिमा से मण्डित रहता है। 5 उन सैनिकों ने सोचा की वे बलशाली है। किन्तु वे अब रणक्षेत्रों में मरे पड़े हैं। उनके शव जो कुछ भी उनके साथ था, उस सब कुछ के रहित पड़े हैं। उन बलशाली सैनिकों में कोई ऐसा नहीं था, जो आप स्वयं की रक्षा कर पाता। 6 याकूब का परमेश्वर उन सैनिकों पर गरजा और वह सेना रथों और अश्वों सहित गिरकर मर गयी। 7 हे परमेश्वर, तू भय विस्मयपूर्ण है! जब तू कुपित होता है तेरे सामने कोई व्यक्ति टिक नहीं सकता। 8 (8-9) न्यायकर्ता के रूप में यहोवा ने खड़े होकर अपना निर्णय सुना दिया। परमेश्वर ने धरती के नम्र लोगों को बचाया। स्वर्ग से उसने अपना निर्णय दिया और सम्पूर्ण धरती शब्द रहित और भयभीत हो गई। 9 हे परमेश्वर, जब तू दुष्टों को दण्ड देता है। लोग तेरा गुण गाते हैं। तू अपना क्रोध प्रकट करता है और शेष बचे लोग बलशाली हो जाते हैं। 10 लोग परमेश्वर की मन्नतें मानेंगे और वे उन वस्तुओं को जिनकी मन्नतें उन्होंने मानीं हैं, यहोवा को अर्पण करेंगे। लोग हर किसी स्थान से उस परमेश्वर को उपहार लायेंगे। 11 परमेश्वर बड़े बड़े सम्राटों को हराता है। धरती के सभी शासकों उसका भय मानों। 12
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 76 / 150
Common Bible Languages
West Indian Languages
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References