पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. [PS]*यदूतून राग पर संगीत निर्देशक के लिये आसाप का एक पद। *[PE][QS]मैं सहायता पाने के लिये परमेश्वर को पुकारूँगा। [QE][QS2]हे परमेश्वर, मैं तेरी विनती करता हूँ, तू मेरी सुन ले! [QE]
2. [QS]हे मेरे स्वामी, मुझ पर जब दु:ख पड़ता है, मैं तेरी शरण में आता हूँ। [QE][QS2]मैं सारी रात तुझ तक पहुँचने में जुझा हूँ। [QE][QS2]मेरा मन चैन पाने को नहीं माना। [QE]
3. [QS]मैं परमेश्वर का मनन करता हूँ, और मैं जतन करता रहता हूँ कि मैं उससे बात करूँ और बता दूँ कि मुझे कैसा लग रहा है। [QE][QS2]किन्तु हाय मैं ऐसा नहीं कर पाता। [QE]
4. [QS]तू मुझे सोने नहीं देगा। [QE][QS2]मैंने जतन किया है कि मैं कुछ कह डालूँ, किन्तु मैं बहुत घबराया था। [QE]
5. [QS]मैं अतीत की बातें सोचते रहा। [QE][QS2]बहुत दिनों पहले जो बातें घटित हुई थी उनके विषय में मैं सोचता ही रहा। [QE]
6. [QS]रात में, मैं निज गीतों के विषय़ में सोचता हूँ। [QE][QS2]मैं अपने आप से बातें करता हूँ, और मैं समझने का यत्न करता हूँ। [QE]
7. [QS]मुझको यह हैरानी है, “क्या हमारे स्वमी ने हमे सदा के लिये त्यागा है [QE][QS2]क्या वह हमको फिर नहीं चाहेगा [QE]
8. [QS]क्या परमेश्वर का प्रेम सदा को जाता रहा [QE][QS2]क्या वह हमसे फिर कभी बात करेगा [QE]
9. [QS]क्या परमेश्वर भूल गया है कि दया क्या होती है [QE][QS2]क्या उसकी करूणा क्रोध में बदल गयी है” [QE][PBR]
10. [QS]फिर यह सोचा करता हूँ, “वह बात जो मुझे खाये डाल रही है: [QE][QS2]‘क्या परम परमेश्वर आपना निज शाक्ति खो बैठा है’?” [QE][PBR]
11. [QS]याद करो वे शाक्ति भरे काम जिनको यहोवा ने किये। [QE][QS2]हे परमेश्वर, जो काम तूने बहुत समय पहले किये मुझको याद है। [QE]
12. [QS]मैंने उन सभी कामों को जिनको तूने किये है मनन किया। [QE][QS2]जिन कामों को तूने किया मैंने सोचा है। [QE]
13. [QS]हे परमेश्वर, तेरी राहें पवित्र हैं। [QE][QS2]हे परमेश्वर, कोई भी महान नहीं है, जैसा तू महान है। [QE]
14. [QS]तू ही वह परमेश्वर है जिसने अद्भुत कार्य किये। [QE][QS2]तू ने लोगों को अपनी निज महाशक्ति दर्शायी। [QE]
15. [QS]तूने निज शक्ति का प्रयोग किया और भक्तों को बचा लिया। [QE][QS2]तूने याकूब और यूसुफ की संताने बचा ली। [QE][PBR]
16. [QS]हे परमेश्वर, तुझे सागर ने देखा और वह डर गया। [QE][QS2]गहरा समुद्र भय से थर थर काँप उठा। [QE]
17. [QS]सघन मेघों से उनका जल छूट पड़ा था। [QE][QS2]ऊँचे मेघों से तीव्र गर्जन लोगों ने सुना। [QE][QS2]फिर उन बादलों से बिजली के तेरे बाण सारे बादलों में कौंध गये। [QE]
18. [QS]कौंधती बिजली में झँझावान ने तालियाँ बजायी जगत चमक—चमक उठा। [QE][QS2]धरती हिल उठी और थर थर काँप उठी। [QE]
19. [QS]हे परमेश्वर, तू गहरे समुद्र में ही पैदल चला। तूने चलकर ही सागर पार किया। [QE][QS2]किन्तु तूने कोई पद चिन्ह नहीं छोड़ा। [QE]
20. [QS]तूने मुसा और हारून का उपयोग निज भक्तों की अगुवाई [QE][QS2]भेड़ों के झुण्ड की तरह करने में किया। [QE][PBR]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 77 / 150
1 यदूतून राग पर संगीत निर्देशक के लिये आसाप का एक पद। मैं सहायता पाने के लिये परमेश्वर को पुकारूँगा। हे परमेश्वर, मैं तेरी विनती करता हूँ, तू मेरी सुन ले! 2 हे मेरे स्वामी, मुझ पर जब दु:ख पड़ता है, मैं तेरी शरण में आता हूँ। मैं सारी रात तुझ तक पहुँचने में जुझा हूँ। मेरा मन चैन पाने को नहीं माना। 3 मैं परमेश्वर का मनन करता हूँ, और मैं जतन करता रहता हूँ कि मैं उससे बात करूँ और बता दूँ कि मुझे कैसा लग रहा है। किन्तु हाय मैं ऐसा नहीं कर पाता। 4 तू मुझे सोने नहीं देगा। मैंने जतन किया है कि मैं कुछ कह डालूँ, किन्तु मैं बहुत घबराया था। 5 मैं अतीत की बातें सोचते रहा। बहुत दिनों पहले जो बातें घटित हुई थी उनके विषय में मैं सोचता ही रहा। 6 रात में, मैं निज गीतों के विषय़ में सोचता हूँ। मैं अपने आप से बातें करता हूँ, और मैं समझने का यत्न करता हूँ। 7 मुझको यह हैरानी है, “क्या हमारे स्वमी ने हमे सदा के लिये त्यागा है क्या वह हमको फिर नहीं चाहेगा 8 क्या परमेश्वर का प्रेम सदा को जाता रहा क्या वह हमसे फिर कभी बात करेगा 9 क्या परमेश्वर भूल गया है कि दया क्या होती है क्या उसकी करूणा क्रोध में बदल गयी है” 10 फिर यह सोचा करता हूँ, “वह बात जो मुझे खाये डाल रही है: ‘क्या परम परमेश्वर आपना निज शाक्ति खो बैठा है’?” 11 याद करो वे शाक्ति भरे काम जिनको यहोवा ने किये। हे परमेश्वर, जो काम तूने बहुत समय पहले किये मुझको याद है। 12 मैंने उन सभी कामों को जिनको तूने किये है मनन किया। जिन कामों को तूने किया मैंने सोचा है। 13 हे परमेश्वर, तेरी राहें पवित्र हैं। हे परमेश्वर, कोई भी महान नहीं है, जैसा तू महान है। 14 तू ही वह परमेश्वर है जिसने अद्भुत कार्य किये। तू ने लोगों को अपनी निज महाशक्ति दर्शायी। 15 तूने निज शक्ति का प्रयोग किया और भक्तों को बचा लिया। तूने याकूब और यूसुफ की संताने बचा ली। 16 हे परमेश्वर, तुझे सागर ने देखा और वह डर गया। गहरा समुद्र भय से थर थर काँप उठा। 17 सघन मेघों से उनका जल छूट पड़ा था। ऊँचे मेघों से तीव्र गर्जन लोगों ने सुना। फिर उन बादलों से बिजली के तेरे बाण सारे बादलों में कौंध गये। 18 कौंधती बिजली में झँझावान ने तालियाँ बजायी जगत चमक—चमक उठा। धरती हिल उठी और थर थर काँप उठी। 19 हे परमेश्वर, तू गहरे समुद्र में ही पैदल चला। तूने चलकर ही सागर पार किया। किन्तु तूने कोई पद चिन्ह नहीं छोड़ा। 20 तूने मुसा और हारून का उपयोग निज भक्तों की अगुवाई भेड़ों के झुण्ड की तरह करने में किया।
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