1. हे इस्राएल के चरवाहे, तू मेरी सुन ले। तूने यूसुफ के भेड़ों (लोगों) की अगुवाई की। तू राजा सा करूब पर विराजता है। हमको निज दर्शन दे।
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4. सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा, क्या तू सदा के लिये हम पर कुपित रहेगा हमरी प्रार्थनाओं को तू कब सुनेगा
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5. अपने भक्तों को तूने बस खाने को आँसू दिये है। तूने अपने भक्तों को पीने के लिये आँसुओं से लबालब प्याले दिये।
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6. तूने हमें हमारे पड़ोसियों के लिये कोई ऐसी वस्तु बनने दिया जिस पर वे झगड़ा करे। हमारे शत्रु हमारी हँसी उड़ाते हैं।
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8. प्रचीन काल में, तूने हमें एक अति महत्त्वपूर्ण पौधे सा समझा। तू अपनी दाखलता मिस्र से बाहर लाया। तूने दूसरे लोगों को यह धरती छोड़ने को विवश किया और यहाँ तूने अपनी निज दाखलता रोप दी।
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9. तूने दाखलता रोपने को धरती को तैयार किया, उसकी जड़ों को पक्की करने के लिये तूने सहारा दिया और फिर शीघ्र ही दाखलता धरती पर हर कहीं फैल गई।
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12. हे परमेश्वर, तूने वे दीवारें क्यों गिरा दी, जो तेरी दाखलता की रक्षा करती थी। अब वह हर कोई जो वहाँ से गुजरता है, वहाँ से अंगूर को तोड़ लेते हैं।
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13. बनैले सूअर आते हैं, और तेरी दाखलता को रौदते हुए गुजर जाते हैं। जंगली पशु आते हैं, और उसकी पत्तियाँ चर जाते हैं।
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15. हे परमेश्वर, अपनी उस दाखलता को देख जिसको तूने स्वयं निज हाथों से रोपा था। इस बच्चे पौधे को देख जिसे तूने बढ़ाया।
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17. हे परमेश्वर, तू अपना हाथ उस पुत्र पर रख जो तेरे दाहिनी ओर खड़ा है। उस पुत्र पर हाथ रख जिसे तूने उठाया।
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