पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. हे यहोवा, तू अपने देश पर कृपालु हो। विदेश में याकूब के लोग कैदी बने हैं। उन बंदियों को छुड़ाकर उनके देश में वापस ला।
2. हे यहोवा, अपने भक्तों के पापों को क्षमा कर। तू उनके पाप मिटा दे।
3. हे यहोवा, कुपित होना त्याग। आवेश से उन्मत मत हो।
4. हमारे परमेश्वर, हमारे संरक्षक, हम पर तू कुपित होना छोड़ दे और फिर हमको स्वीकार कर ले।
5. क्या तू सदा के लिये हमसे कुपित रहेगा
6. कृपा करके हमको फिर जिला दे! अपने भक्तों को तू प्रसन्न कर दे।
7. हे यहोवा, तू हमें दिखा दे कि तू हमसे प्रेम करता है। हमारी रक्षा कर।
8. जो परमेश्वर ने कहा, मैंने उस पर कान दिया। यहोवा ने कहा कि उसके भक्तों के लिये वहाँ शांति होगी। यदि वे अपने जीवन की मूर्खता की राह पर नहीं लौटेंगे तो वे शांति को पायेंगे।
9. परमेश्वर शीघ्र अपने अनुयायियों को बचाएगा। अपने स्वदेश में हम शीघ्र ही आदर के साथ वास करेंगे।
10. परमेश्वर का सच्चा प्रेम उनके अनुयायियों को मिलेगा। नेकी और शांति चुम्बन के साथ उनका स्वागत करेगी।
11. धरती पर बसे लोग परमेश्वर पर विश्वास करेंगे, और स्वर्ग का परमेश्वर उनके लिये भला होगा।
12. यहोवा हमें बहुत सी उत्तम वस्तुएँ देगा। धरती अनेक उत्तम फल उपजायेगी।
13. परमेश्वर के आगे आगे नेकी चलेगी, और वह उसके लिये राह बनायेगी।

Notes

No Verse Added

Total 150 Chapters, Current Chapter 85 of Total Chapters 150
भजन संहिता 85:124
1. हे यहोवा, तू अपने देश पर कृपालु हो। विदेश में याकूब के लोग कैदी बने हैं। उन बंदियों को छुड़ाकर उनके देश में वापस ला।
2. हे यहोवा, अपने भक्तों के पापों को क्षमा कर। तू उनके पाप मिटा दे।
3. हे यहोवा, कुपित होना त्याग। आवेश से उन्मत मत हो।
4. हमारे परमेश्वर, हमारे संरक्षक, हम पर तू कुपित होना छोड़ दे और फिर हमको स्वीकार कर ले।
5. क्या तू सदा के लिये हमसे कुपित रहेगा
6. कृपा करके हमको फिर जिला दे! अपने भक्तों को तू प्रसन्न कर दे।
7. हे यहोवा, तू हमें दिखा दे कि तू हमसे प्रेम करता है। हमारी रक्षा कर।
8. जो परमेश्वर ने कहा, मैंने उस पर कान दिया। यहोवा ने कहा कि उसके भक्तों के लिये वहाँ शांति होगी। यदि वे अपने जीवन की मूर्खता की राह पर नहीं लौटेंगे तो वे शांति को पायेंगे।
9. परमेश्वर शीघ्र अपने अनुयायियों को बचाएगा। अपने स्वदेश में हम शीघ्र ही आदर के साथ वास करेंगे।
10. परमेश्वर का सच्चा प्रेम उनके अनुयायियों को मिलेगा। नेकी और शांति चुम्बन के साथ उनका स्वागत करेगी।
11. धरती पर बसे लोग परमेश्वर पर विश्वास करेंगे, और स्वर्ग का परमेश्वर उनके लिये भला होगा।
12. यहोवा हमें बहुत सी उत्तम वस्तुएँ देगा। धरती अनेक उत्तम फल उपजायेगी।
13. परमेश्वर के आगे आगे नेकी चलेगी, और वह उसके लिये राह बनायेगी।
Total 150 Chapters, Current Chapter 85 of Total Chapters 150
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References