90. {(भजनसंहिता 90-106) }[PS]*परमेश्वर के भक्त मूसा की प्रार्थना। *[PE][QS]हे स्वामी, तू अनादि काल से हमारा घर (सुरक्षास्थल) रहा है। [QE]
2. [QS]हे परमेश्वर, तू पर्वतों से पहले, धरती से पहले था, [QE][QS2]कि इस जगत के पहले ही परमेश्वर था। [QE][QS2]तू सर्वदा ही परमेश्वर रहेगा। [QE][PBR]
3. [QS]तू ही इस जगत में लोगों को लाता है। [QE][QS2]फिर से तू ही उनको धूल में बदल देता है। [QE]
4. [QS]तेरे लिये हजार वर्ष बीते हुए कल जैसे है, [QE][QS2]व पिछली रात जैसे है। [QE]
5. [QS]तू हमारा जीवन सपने जैसा बुहार देता है और सुबह होते ही हम चले जाते है। [QE][QS]हम ऐसे घास जैसे है, [QE]
[QS2]6. जो सुबह उगती है और वह शाम को सूख कर मुरझा जाती है। [QE]
7. [QS]हे परमेश्वर, जब तू कुपित होता है हम नष्ट हो जाते हैं। [QE][QS2]हम तेरे प्रकोप से घबरा गये हैं। [QE]
8. [QS]तू हमारे सब पापों को जानता है। [QE][QS2]हे परमेश्वर, तू हमारे हर छिपे पाप को देखा करता है। [QE]
9. [QS]तेरा क्रोध हमारे जीवन को खत्म कर सकता है। [QE][QS2]हमारे प्राण फुसफुसाहट की तरह विलीन हो जाते है। [QE]
10. [QS]हम सत्तर साल तक जीवित रह सकते हैं। [QE][QS2]यदि हम शक्तिशाली हैं तो अस्सी साल। [QE][QS]हमारा जीवन परिश्रम और पीड़ा से भरा है। [QE][QS2]अचानक हमारा जीवन समाप्त हो जाता है! हम उड़कर कहीं दूर चले जाते हैं। [QE]
11. [QS]हे परमेश्वर, सचमुच कोई भी व्यक्ति तेरे क्रोध की पूरी शक्ति नहीं जानता। [QE][QS2]किन्तु हे परमेश्वर, हमारा भय और सम्मान तेरे लिये उतना ही महान है, जितना क्रोध। [QE]
12. [QS]तू हमको सिखा दे कि हम सचमुच यह जाने कि हमारा जीवन कितना छोटा है। [QE][QS2]ताकि हम बुद्धिमान बन सकें। [QE]
13. [QS]हे यहोवा, तू सदा हमारे पास लौट आ। [QE][QS2]अपने सेवकों पर दया कर। [QE]
14. [QS]प्रति दिन सुबह हमें अपने प्रेम से परिपूर्ण कर, [QE][QS2]आओ हम प्रसन्न हो और अपने जीवन का रस लें। [QE]
15. [QS]तूने हमारे जीवनों में हमें बहुत पीड़ा और यातना दी है, अब हमें प्रसन्न कर दे। [QE]
16. [QS]तेरे दासों को उन अद्भुत बातों को देखने दे जिनको तू उनके लिये कर सकता है, [QE][QS2]और अपनी सन्तानों को अपनी महिमा दिखा। [QE]
17. [QS]हमारे परमेश्वर, हमारे स्वमी, हम पर कृपालु हो। [QE][QS2]जो कुछ हम करते हैं [QE][QS2]तू उसमें सफलता दे। [QE][PBR]