पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. हे स्वामी, तू अनादि काल से हमारा घर (सुरक्षास्थल) रहा है। [QBR]
2. हे परमेश्वर, तू पर्वतों से पहले, धरती से पहले था, [QBR2] कि इस जगत के पहले ही परमेश्वर था। [QBR2] तू सर्वदा ही परमेश्वर रहेगा।
3. तू ही इस जगत में लोगों को लाता है। [QBR2] फिर से तू ही उनको धूल में बदल देता है। [QBR]
4. तेरे लिये हजार वर्ष बीते हुए कल जैसे है, [QBR2] व पिछली रात जैसे है। [QBR]
5. तू हमारा जीवन सपने जैसा बुहार देता है और सुबह होते ही हम चले जाते है। [QBR] हम ऐसे घास जैसे है, [QBR2]
6. जो सुबह उगती है और वह शाम को सूख कर मुरझा जाती है। [QBR]
7. हे परमेश्वर, जब तू कुपित होता है हम नष्ट हो जाते हैं। [QBR2] हम तेरे प्रकोप से घबरा गये हैं। [QBR]
8. तू हमारे सब पापों को जानता है। [QBR2] हे परमेश्वर, तू हमारे हर छिपे पाप को देखा करता है। [QBR]
9. तेरा क्रोध हमारे जीवन को खत्म कर सकता है। [QBR2] हमारे प्राण फुसफुसाहट की तरह विलीन हो जाते है। [QBR]
10. हम सत्तर साल तक जीवित रह सकते हैं। [QBR2] यदि हम शक्तिशाली हैं तो अस्सी साल। [QBR] हमारा जीवन परिश्रम और पीड़ा से भरा है। [QBR2] अचानक हमारा जीवन समाप्त हो जाता है! हम उड़कर कहीं दूर चले जाते हैं। [QBR]
11. हे परमेश्वर, सचमुच कोई भी व्यक्ति तेरे क्रोध की पूरी शक्ति नहीं जानता। [QBR2] किन्तु हे परमेश्वर, हमारा भय और सम्मान तेरे लिये उतना ही महान है, जितना क्रोध। [QBR]
12. तू हमको सिखा दे कि हम सचमुच यह जाने कि हमारा जीवन कितना छोटा है। [QBR2] ताकि हम बुद्धिमान बन सकें। [QBR]
13. हे यहोवा, तू सदा हमारे पास लौट आ। [QBR2] अपने सेवकों पर दया कर। [QBR]
14. प्रति दिन सुबह हमें अपने प्रेम से परिपूर्ण कर, [QBR2] आओ हम प्रसन्न हो और अपने जीवन का रस लें। [QBR]
15. तूने हमारे जीवनों में हमें बहुत पीड़ा और यातना दी है, अब हमें प्रसन्न कर दे। [QBR]
16. तेरे दासों को उन अद्भुत बातों को देखने दे जिनको तू उनके लिये कर सकता है, [QBR2] और अपनी सन्तानों को अपनी महिमा दिखा। [QBR]
17. हमारे परमेश्वर, हमारे स्वमी, हम पर कृपालु हो। [QBR2] जो कुछ हम करते हैं [QBR2] तू उसमें सफलता दे। [PE]

Notes

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Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 90 / 150
भजन संहिता 90:85
1 हे स्वामी, तू अनादि काल से हमारा घर (सुरक्षास्थल) रहा है। 2 हे परमेश्वर, तू पर्वतों से पहले, धरती से पहले था, कि इस जगत के पहले ही परमेश्वर था। तू सर्वदा ही परमेश्वर रहेगा। 3 तू ही इस जगत में लोगों को लाता है। फिर से तू ही उनको धूल में बदल देता है। 4 तेरे लिये हजार वर्ष बीते हुए कल जैसे है, व पिछली रात जैसे है। 5 तू हमारा जीवन सपने जैसा बुहार देता है और सुबह होते ही हम चले जाते है। हम ऐसे घास जैसे है, 6 जो सुबह उगती है और वह शाम को सूख कर मुरझा जाती है। 7 हे परमेश्वर, जब तू कुपित होता है हम नष्ट हो जाते हैं। हम तेरे प्रकोप से घबरा गये हैं। 8 तू हमारे सब पापों को जानता है। हे परमेश्वर, तू हमारे हर छिपे पाप को देखा करता है। 9 तेरा क्रोध हमारे जीवन को खत्म कर सकता है। हमारे प्राण फुसफुसाहट की तरह विलीन हो जाते है। 10 हम सत्तर साल तक जीवित रह सकते हैं। यदि हम शक्तिशाली हैं तो अस्सी साल। हमारा जीवन परिश्रम और पीड़ा से भरा है। अचानक हमारा जीवन समाप्त हो जाता है! हम उड़कर कहीं दूर चले जाते हैं। 11 हे परमेश्वर, सचमुच कोई भी व्यक्ति तेरे क्रोध की पूरी शक्ति नहीं जानता। किन्तु हे परमेश्वर, हमारा भय और सम्मान तेरे लिये उतना ही महान है, जितना क्रोध। 12 तू हमको सिखा दे कि हम सचमुच यह जाने कि हमारा जीवन कितना छोटा है। ताकि हम बुद्धिमान बन सकें। 13 हे यहोवा, तू सदा हमारे पास लौट आ। अपने सेवकों पर दया कर। 14 प्रति दिन सुबह हमें अपने प्रेम से परिपूर्ण कर, आओ हम प्रसन्न हो और अपने जीवन का रस लें। 15 तूने हमारे जीवनों में हमें बहुत पीड़ा और यातना दी है, अब हमें प्रसन्न कर दे। 16 तेरे दासों को उन अद्भुत बातों को देखने दे जिनको तू उनके लिये कर सकता है, और अपनी सन्तानों को अपनी महिमा दिखा। 17 हमारे परमेश्वर, हमारे स्वमी, हम पर कृपालु हो। जो कुछ हम करते हैं तू उसमें सफलता दे।
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 90 / 150
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