पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. उन नये कामों के लिये जिन्हें यहोवा ने किया है नया गीत गाओ। [QBR2] अरे ओ समूचे जगत यहोवा के लिये गीत गा। [QBR]
2. यहोवा के लिये गाओ! उसके नाम को धन्य कहो! [QBR2] उसके सुसमाचार को सुनाओ! उन अद्भुत बातों का बखान करो जिन्हें परमेश्वर ने किया है। [QBR]
3. अन्य लोगों को बताओ कि परमेश्वर सचमुच ही अद्भुत है। [QBR2] सब कहीं के लोगों में उन अद्भुत बातों का जिन्हें परमेश्वर करता है बखान करो। [QBR]
4. यहोवा महान है और प्रशंसा योग्य है। [QBR2] वह किसी भी अधिक “देवताओं” से डरने योग्य है। [QBR]
5. अन्य जातियों के सभी “देवता” केवल मूर्तियाँ हैं, [QBR2] किन्तु यहोवा ने आकाशों को बनाया। [QBR]
6. उसके सम्मुख सुन्दर महिमा दीप्त है। [QBR2] परमेश्वर के पवित्र मन्दिर सामर्थ्य और सौन्दर्य हैं। [QBR]
7. अरे! ओ वंशों, और हे जातियों यहोवा के लिये महिमा [QBR2] और प्रशंसा के गीत गाओ। [QBR]
8. यहोवा के नाम के गुणगान करो। [QBR2] अपनी भेटे उठाओ और मन्दिर में जाओ। [QBR2]
9. यहोवा का उसके भव्य, मन्दिर में उपासना करो। [QBR] अरे ओ पृथ्वी के मनुष्यों, यहोवा की उपासना करो। [QBR2]
10. राष्ट्रों को बता दो कि यहोवा राजा है! [QBR] सो इससे जगत का नाश नहीं होगा। [QBR2] यहोवा मनुष्यों पर न्याय से शासन करेगा। [QBR]
11. अरे आकाश, प्रसन्न हो! [QBR2] हे धरती, आनन्द मना! हे सागर, और उसमें कि सब वस्तुओं आनन्द से ललकारो। [QBR]
12. अरे ओ खेतों और उसमें उगने वाली हर वस्तु आनन्दित हो जाओ! [QBR2] हे वन के वृक्षो गाओ और आनन्द मनाओ! [QBR]
13. आनन्दित हो जाओ क्योंकि यहोवा आ रहा है, [QBR2] यहोवा जगत का शासन (न्याय) करने आ रहा है, [QBR] वह खरेपन से न्याय करेगा। [PE]

Notes

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भजन संहिता 96:36
1 उन नये कामों के लिये जिन्हें यहोवा ने किया है नया गीत गाओ। अरे ओ समूचे जगत यहोवा के लिये गीत गा। 2 यहोवा के लिये गाओ! उसके नाम को धन्य कहो! उसके सुसमाचार को सुनाओ! उन अद्भुत बातों का बखान करो जिन्हें परमेश्वर ने किया है। 3 अन्य लोगों को बताओ कि परमेश्वर सचमुच ही अद्भुत है। सब कहीं के लोगों में उन अद्भुत बातों का जिन्हें परमेश्वर करता है बखान करो। 4 यहोवा महान है और प्रशंसा योग्य है। वह किसी भी अधिक “देवताओं” से डरने योग्य है। 5 अन्य जातियों के सभी “देवता” केवल मूर्तियाँ हैं, किन्तु यहोवा ने आकाशों को बनाया। 6 उसके सम्मुख सुन्दर महिमा दीप्त है। परमेश्वर के पवित्र मन्दिर सामर्थ्य और सौन्दर्य हैं। 7 अरे! ओ वंशों, और हे जातियों यहोवा के लिये महिमा और प्रशंसा के गीत गाओ। 8 यहोवा के नाम के गुणगान करो। अपनी भेटे उठाओ और मन्दिर में जाओ। 9 यहोवा का उसके भव्य, मन्दिर में उपासना करो। अरे ओ पृथ्वी के मनुष्यों, यहोवा की उपासना करो। 10 राष्ट्रों को बता दो कि यहोवा राजा है! सो इससे जगत का नाश नहीं होगा। यहोवा मनुष्यों पर न्याय से शासन करेगा। 11 अरे आकाश, प्रसन्न हो! हे धरती, आनन्द मना! हे सागर, और उसमें कि सब वस्तुओं आनन्द से ललकारो। 12 अरे ओ खेतों और उसमें उगने वाली हर वस्तु आनन्दित हो जाओ! हे वन के वृक्षो गाओ और आनन्द मनाओ! 13 आनन्दित हो जाओ क्योंकि यहोवा आ रहा है, यहोवा जगत का शासन (न्याय) करने आ रहा है, वह खरेपन से न्याय करेगा।
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