पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
श्रेष्ठगीत
1. {#1पुरुष का वचन } [QS]मेरी संगिनी, हे मेरी दुल्हिन, मैंने अपने उपवन में [QE][QS2]अपनी सुगध सामग्री के साथ प्रवेश किया। मैंने अपना रसगंध एकत्र किया है। [QE][QS]मैं अपना मधु छत्ता समेत खा चुका। [QE][QS2]मैं अपना दाखमधु और अपना दूध पी चुका। [QE]
2. {#1स्त्रियों का वचन प्रेमियों के प्रति } [QS]हे मित्रों, खाओ, हाँ प्रेमियों, पियो! [QE][QS2]प्रेम के दाखमधु से मस्त हो जाओ! [QE]{#1स्त्री का वचन } [QS]मैं सोती हूँ [QE][QS2]किन्तु मेरा हृदय जागता है। [QE][QS]मैं अपने हृदय—धन को द्वार पर दस्तक देते हुए सुनती हूँ। [QE][QS2]“मेरे लिये द्वार खोलो मेरी संगिनी, ओ मेरी प्रिये! मेरी कबूतरी, ओ मेरी निर्मल! [QE][QS2]मेरे सिर पर ओस पड़ी है [QE][QS2]मेरे केश रात की नमी से भीगें हैं।” [QE][PBR]
3. [QS]“मैंने निज वस्त्र उतार दिया है। [QE][QS2]मैं इसे फिर से नहीं पहनना चाहती हूँ। [QE][QS]मैं अपने पाँव धो चुकी हूँ, [QE][QS2]फिर से मैं इसे मैला नहीं करना चाहती हूँ।” [QE][PBR]
4. [QS]मेरे प्रियतम ने कपाट की झिरी में हाथ डाल दिया, [QE][QS2]मुझे उसके लिये खेद हैं। [QE]
5. [QS]मैं अपने प्रियतम के लिये द्वार खोलने को उठ जाती हूँ। [QE][QS2]रसगंध मेरे हाथों से [QE][QS2]और सुगंधित रसगंध मेरी उंगलियों से ताले के हत्थे पर टपकता है। [QE]
6. [QS]अपने प्रियतम के लिये मैंने द्वार खोल दिया, [QE][QS2]किन्तु मेरा प्रियतम तब तक जा चुका था! [QE][QS]जब वह चला गया [QE][QS2]तो जैसे मेरा प्राण निकल गया। [QE][QS]मैं उसे ढूँढती फिरी [QE][QS2]किन्तु मैंने उसे नहीं पाया; [QE][QS]मैं उसे पुकारती फिरी [QE][QS2]किन्तु उसने मुझे उत्तर नहीं दिया! [QE]
7. [QS]नगर के पहरुओं ने मुझे पाया। [QE][QS2]उन्होंने मुझे मारा [QE][QS2]और मुझे क्षति पहुँचायी। [QE][QS]नगर के परकोटे के पहरुओं ने [QE][QS2]मुझसे मेरा दुपट्टा छीन लिया। [QE][PBR]
8. [QS]यरूशलेम की पुत्रियों, मेरी तुमसे विनती है [QE][QS2]कि यदि तुम मेरे प्रियतम को पा जाओ तो उसको बता देना कि मैं उसके प्रेम की भूखी हूँ। [QE]
9. {#1यरूशलेम की पुत्रियों का उसको उत्तर } [QS]क्या तेरा प्रिय, औरों के प्रियों से उत्तम है स्त्रियों में तू सुन्दरतम स्त्री है। [QE][QS]क्या तेरा प्रिय, औरों से उत्तम है [QE][QS2]क्या इसलिये तू हम से ऐसा वचन चाहती है [QE]
10. {#1यरूशलेम की पुत्रियों को उसको उत्तर } [QS]मेरा प्रियतम गौरवर्ण और तेजस्वी है। [QE][QS2]वह दसियों हजार पुरुषों में सर्वोत्तम है। [QE]
11. [QS]उसका माथा शुद्ध सोने सा, [QE][QS2]उसके घुँघराले केश कौवे से काले अति सुन्दर हैं। [QE]
12. [QS]ऐसी उसकी आँखे है जैसे जल धार के किनारे कबूतर बैठे हों। [QE][QS2]उसकी आँखें दूध में नहाये कबूतर जैसी हैं। [QE][QS2]उसकी आँखें ऐसी हैं जैसे रत्न जड़े हों। [QE]
13. [QS]गाल उसके मसालों की क्यारी जैसे लगते हैं, [QE][QS2]जैसे कोई फूलों की क्यारी जिससे सुगंध फैल रही हो। [QE][QS]उसके होंठ कुमुद से हैं [QE][QS2]जिनसे रसगंध टपका करता है। [QE]
14. [QS]उसकी भुजायें सोने की छड़ जैसी है [QE][QS2]जिनमें रत्न जड़े हों। [QE][QS]उसकी देह ऐसी हैं [QE][QS2]जिसमें नीलम जड़े हों। [QE]
15. [QS]उसकी जाँघे संगमरमर के खम्बों जैसी है [QE][QS2]जिनको उत्तम स्वर्ण पर बैठाया गया हो। [QE][QS]उसका ऊँचा कद लबानोन के देवदार जैसा है [QE][QS2]जो देवदार वृक्षों में उत्तम हैं! [QE]
16. [QS]हाँ, यरूशलेम की पुत्रियों, मेरा प्रियतम बहुत ही अधिक कामनीय है, [QE][QS2]सबसे मधुरतम उसका मुख है। [QE][QS]ऐसा है मेरा प्रियतम, [QE][QS2]मेरा मित्र। [QE]

Notes

No Verse Added

Total 8 अध्याय, Selected अध्याय 5 / 8
1 2 3 4 5 6 7 8
श्रेष्ठगीत 5:3
#1पुरुष का वचन 1 मेरी संगिनी, हे मेरी दुल्हिन, मैंने अपने उपवन में QS2 अपनी सुगध सामग्री के साथ प्रवेश किया। मैंने अपना रसगंध एकत्र किया है। मैं अपना मधु छत्ता समेत खा चुका। QS2 मैं अपना दाखमधु और अपना दूध पी चुका। #1स्त्रियों का वचन प्रेमियों के प्रति 2 हे मित्रों, खाओ, हाँ प्रेमियों, पियो! QS2 प्रेम के दाखमधु से मस्त हो जाओ! #1स्त्री का वचन मैं सोती हूँ QS2 किन्तु मेरा हृदय जागता है। मैं अपने हृदय—धन को द्वार पर दस्तक देते हुए सुनती हूँ। QS2 “मेरे लिये द्वार खोलो मेरी संगिनी, ओ मेरी प्रिये! मेरी कबूतरी, ओ मेरी निर्मल! QS2 मेरे सिर पर ओस पड़ी है QS2 मेरे केश रात की नमी से भीगें हैं।” PBR 3 “मैंने निज वस्त्र उतार दिया है। QS2 मैं इसे फिर से नहीं पहनना चाहती हूँ। मैं अपने पाँव धो चुकी हूँ, QS2 फिर से मैं इसे मैला नहीं करना चाहती हूँ।” PBR 4 मेरे प्रियतम ने कपाट की झिरी में हाथ डाल दिया, QS2 मुझे उसके लिये खेद हैं। 5 मैं अपने प्रियतम के लिये द्वार खोलने को उठ जाती हूँ। QS2 रसगंध मेरे हाथों से QS2 और सुगंधित रसगंध मेरी उंगलियों से ताले के हत्थे पर टपकता है। 6 अपने प्रियतम के लिये मैंने द्वार खोल दिया, QS2 किन्तु मेरा प्रियतम तब तक जा चुका था! जब वह चला गया QS2 तो जैसे मेरा प्राण निकल गया। मैं उसे ढूँढती फिरी QS2 किन्तु मैंने उसे नहीं पाया; मैं उसे पुकारती फिरी QS2 किन्तु उसने मुझे उत्तर नहीं दिया! 7 नगर के पहरुओं ने मुझे पाया। QS2 उन्होंने मुझे मारा QS2 और मुझे क्षति पहुँचायी। नगर के परकोटे के पहरुओं ने QS2 मुझसे मेरा दुपट्टा छीन लिया। PBR 8 यरूशलेम की पुत्रियों, मेरी तुमसे विनती है QS2 कि यदि तुम मेरे प्रियतम को पा जाओ तो उसको बता देना कि मैं उसके प्रेम की भूखी हूँ। #1यरूशलेम की पुत्रियों का उसको उत्तर 9 क्या तेरा प्रिय, औरों के प्रियों से उत्तम है स्त्रियों में तू सुन्दरतम स्त्री है। क्या तेरा प्रिय, औरों से उत्तम है QS2 क्या इसलिये तू हम से ऐसा वचन चाहती है #1यरूशलेम की पुत्रियों को उसको उत्तर 10 मेरा प्रियतम गौरवर्ण और तेजस्वी है। QS2 वह दसियों हजार पुरुषों में सर्वोत्तम है। 11 उसका माथा शुद्ध सोने सा, QS2 उसके घुँघराले केश कौवे से काले अति सुन्दर हैं। 12 ऐसी उसकी आँखे है जैसे जल धार के किनारे कबूतर बैठे हों। QS2 उसकी आँखें दूध में नहाये कबूतर जैसी हैं। QS2 उसकी आँखें ऐसी हैं जैसे रत्न जड़े हों। 13 गाल उसके मसालों की क्यारी जैसे लगते हैं, QS2 जैसे कोई फूलों की क्यारी जिससे सुगंध फैल रही हो। उसके होंठ कुमुद से हैं QS2 जिनसे रसगंध टपका करता है। 14 उसकी भुजायें सोने की छड़ जैसी है QS2 जिनमें रत्न जड़े हों। उसकी देह ऐसी हैं QS2 जिसमें नीलम जड़े हों। 15 उसकी जाँघे संगमरमर के खम्बों जैसी है QS2 जिनको उत्तम स्वर्ण पर बैठाया गया हो। उसका ऊँचा कद लबानोन के देवदार जैसा है QS2 जो देवदार वृक्षों में उत्तम हैं! 16 हाँ, यरूशलेम की पुत्रियों, मेरा प्रियतम बहुत ही अधिक कामनीय है, QS2 सबसे मधुरतम उसका मुख है। ऐसा है मेरा प्रियतम, QS2 मेरा मित्र।
Total 8 अध्याय, Selected अध्याय 5 / 8
1 2 3 4 5 6 7 8
Common Bible Languages
West Indian Languages
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References