1. {#1महायाजक के बारे में दर्शन } [PS]तब दूत ने मुझे महायाजक यहोशू को दिखाया। यहोशू यहोवा के दूत के सामने खङा था और शैतान यहोशू की दायीं ओर खड़ा था। शैतान वहाँ यहोशू द्वारा किये गए बुरे कामों के लिये दोष देने को था।
2. तब यहोवा के दूत ने कहा, “शैतान, यहोवा तुम्हें फटकारे। यहोवा तुम्हें अपराधी घोषित करे! यहोवा ने यरूशलेम को अपना विषेश नगर चुना हैं। उन्होंने उस नगर को बचाया—जैसे जलती लकङी को आग से बाहर निकाल दिया जाये।” [PE]
3. [PS]यहोशू दूत के सामने खङा था और यहोशू गन्दे वस्त्र पहने था।
4. तब अपने समीप खङे अन्य दूतों से दूत ने कहा, “यहोशू के गन्दे वस्त्रों को उतार लो।” तब दूत ने यहोशू से बातें कीं।उसने कहा, “मैंने तुम्हारे अपराधों को हर लिया है और मैं तुम्हें नये वस्त्र बदलने को देता हूँ।” [PE]
5. [PS]तब मैंने कहा, “उसके सिर पर एक नयी पगड़ी बाँधो।” अत: उन्होंने एक नयी पगड़ी उसे बांधी। यहोवा के दूत के खड़े रहते ही उन्होंने उसे नये वस्त्र पहनाये।
6. तब यहोवा के दूत ने यहोशू से यह कहा: [PE][PBR]
7. [QS]सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा, [QE][QS]“वैसे ही रहो जैसा मैं कहूँ, [QE][QS2]और मैं जो कहूँ वह सब करो [QE][QS]और तुम मेरे मंदिर के उच्चाधिकारी होगे। [QE][QS2]तुम इसके आँगन की देखभाल करोगे [QE][QS]और मैं अनुमति दूँगा कि [QE][QS2]तुम यहाँ खड़े स्वर्गदूतों के बीच स्वतन्त्रता से घूमो। [QE]
8. [QS]अत: यहोशू, तुम्हें और तुम्हारे साथ के लोगों को मेरी बातें सुननी होंगी। [QE][QS2]तुम महायाजक हो, और तम्हारे साथ के लोग दूसरों के समक्ष एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं [QE][QS]और मैं सच ही, अपने विशेष सेवक को लाऊँगा, [QE][QS2]उसे शाख कहते हैं। [QE]
9. [QS]देखो, मैं एक विशेष पत्थर यहोशू के सामने रखता हूँ। [QE][QS2]उस पत्थर के सात पहलू है [QE][QS]और मैं उस पत्थर पर विशेष सन्देश खोदूँगा। [QE][QS2]वह इस तथ्य को प्रकट करेगा कि मैं एक दिन में इस देश के सभी पापों को दूर कर दूँगा।” [QE][PBR]
10. [QS]सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, [QE][QS]“उस समय, लोग बैठेंगे और अपने मित्रों [QE][QS2]एवं पड़ोसियों को अपने उद्यानों में आमंन्त्रित करेंगे। [QE][QS]हर व्यक्ति अपने अंजीर के पेड़ [QE][QS2]तथा अंगूर की बेल के नीचे अमन—चैन से रहेगा।” [QE][PBR]