पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
जकर्याह
1. तब मैं चारों ओर घुम गया। मैंने निगाह उठाई और मैंने चार रथों को चार कांसे के पर्वतों के बीच के जाते देखा।
2. प्रथम रथ को लाल घोङे खींच रहे थे। दुसरे रथ को काले घोङे खींच रहे थे।
3. तीसरे रथ को श्वेत घोङे खींच रहे थे और चौथे रथ को लाल धब्बे वाले घोङे खींच रहे थे।
4. तब मैंने बात करने वाले उस दुत से पुछा, ‘महोदय, इन चीजों का तात्पर्य क्या है’
5. दुत ने कहा, ‘ये चारों दिशाओं की हवाओं के प्रतीक हैं। वे अभी सारे संसार के स्वामी के यहाँ से आये
6. हैं।काले घोङे उत्तर को जाएंगे। लाल घोङे पूर्व को जाएंगे। श्वेत घोङे पश्चिम को जाएंगे और लाल धब्बेदार घोङे दक्षिण को जाएंगे।’
7. लाल धब्बेदार घोङे अपने हिस्से की पृथ्वी को देखते हुए जाने को उत्सुक थे अत: दुत ने उनसे कहा, जाओ पृथ्वी का चक्कर लगाओ।’ अत: वह अपने हिस्से की पृथ्वी पर टहलते हुए गए।
8. तब यहोवा ने मुझे जोर से पुकारा।उन्होंने कहा , ‘देखो, वे घोङे, जो उत्तर को जा रहे थे, अपना काम बाबुल में पुरा कर चुके। उन्होंने मेरी आत्मा को शान्त कर दिया-अब मैं क्ररोधित नहीं हूँ।
9. तब मैंने यहावा का एक अन्य सन्देश प्राप्त किया। उसने कहा,
10. ‘हेल्दै, तोबिय्याह और यदायाह बाबुल के बन्दियों में से आ गए हैं। उन लोगों से चाँदी और सोना लो और तब सपन्याह के पुत्र योशियाह के घर जाओ।
11. उस सोने- चाँदी का उपयोग एक मुकुट बनाने में करो। उस मुकुट को यहोश के सिर पर रखो। (यहोशू महायाजक था। यहोशू यहोसादाक पुत्र था।) तब यहोशु से ये बातें कहो:
12. सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है, ‘शाख नामक एक व्यक्ति है। वह शक्तिशाली हो जाएगा।
13. वह यहोवा का मंदिर बनाएगा, और वह सम्मान पाएगा। वह अपने राजसिंहासन पर बैठेगा, और शासक होगा। उसके सिंहासन के बगल में एक याजक खङा होगा। और ये दोनों व्यक्ति शान्तिपूर्वक एक साथ काम करेंगे।
14. वे मुकुट को मंदिर में रखेंगे जिससे लोगों को याद रखने में सहायता मिलेगी। वह मुकुट हेल्दै, तोबिय्याह, यदायाह और सपन्याह के पुत्र योशियाह को सम्मान प्रदान करेगा।
15. दूर के निवासी लोग आएंगे और मंदिर को बनाएंगे। लोगों, समझोगे कि यहोवा ने मुझे तुम लोगों के पास है।यह सब घटित होगा, यदि तुम वह करोगे, जिसे करने को यहोवा कहता है।’

Notes

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जकर्याह 6:9
1. तब मैं चारों ओर घुम गया। मैंने निगाह उठाई और मैंने चार रथों को चार कांसे के पर्वतों के बीच के जाते देखा।
2. प्रथम रथ को लाल घोङे खींच रहे थे। दुसरे रथ को काले घोङे खींच रहे थे।
3. तीसरे रथ को श्वेत घोङे खींच रहे थे और चौथे रथ को लाल धब्बे वाले घोङे खींच रहे थे।
4. तब मैंने बात करने वाले उस दुत से पुछा, ‘महोदय, इन चीजों का तात्पर्य क्या है’
5. दुत ने कहा, ‘ये चारों दिशाओं की हवाओं के प्रतीक हैं। वे अभी सारे संसार के स्वामी के यहाँ से आये
6. हैं।काले घोङे उत्तर को जाएंगे। लाल घोङे पूर्व को जाएंगे। श्वेत घोङे पश्चिम को जाएंगे और लाल धब्बेदार घोङे दक्षिण को जाएंगे।’
7. लाल धब्बेदार घोङे अपने हिस्से की पृथ्वी को देखते हुए जाने को उत्सुक थे अत: दुत ने उनसे कहा, जाओ पृथ्वी का चक्कर लगाओ।’ अत: वह अपने हिस्से की पृथ्वी पर टहलते हुए गए।
8. तब यहोवा ने मुझे जोर से पुकारा।उन्होंने कहा , ‘देखो, वे घोङे, जो उत्तर को जा रहे थे, अपना काम बाबुल में पुरा कर चुके। उन्होंने मेरी आत्मा को शान्त कर दिया-अब मैं क्ररोधित नहीं हूँ।
9. तब मैंने यहावा का एक अन्य सन्देश प्राप्त किया। उसने कहा,
10. ‘हेल्दै, तोबिय्याह और यदायाह बाबुल के बन्दियों में से गए हैं। उन लोगों से चाँदी और सोना लो और तब सपन्याह के पुत्र योशियाह के घर जाओ।
11. उस सोने- चाँदी का उपयोग एक मुकुट बनाने में करो। उस मुकुट को यहोश के सिर पर रखो। (यहोशू महायाजक था। यहोशू यहोसादाक पुत्र था।) तब यहोशु से ये बातें कहो:
12. सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है, ‘शाख नामक एक व्यक्ति है। वह शक्तिशाली हो जाएगा।
13. वह यहोवा का मंदिर बनाएगा, और वह सम्मान पाएगा। वह अपने राजसिंहासन पर बैठेगा, और शासक होगा। उसके सिंहासन के बगल में एक याजक खङा होगा। और ये दोनों व्यक्ति शान्तिपूर्वक एक साथ काम करेंगे।
14. वे मुकुट को मंदिर में रखेंगे जिससे लोगों को याद रखने में सहायता मिलेगी। वह मुकुट हेल्दै, तोबिय्याह, यदायाह और सपन्याह के पुत्र योशियाह को सम्मान प्रदान करेगा।
15. दूर के निवासी लोग आएंगे और मंदिर को बनाएंगे। लोगों, समझोगे कि यहोवा ने मुझे तुम लोगों के पास है।यह सब घटित होगा, यदि तुम वह करोगे, जिसे करने को यहोवा कहता है।’
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