पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. यहोवा राजा हुआ है, पृथ्वी मगन हो; और द्वीप जो बहुतेरे हैं, वह भी आनन्द करें!
2. बादल और अन्धकार उसके चारों ओर हैं; उसके सिंहासन का मूल धर्म और न्याय है।
3. उसके आगे आगे आग चलती हुई उसके द्रोहियों को चारों ओर भस्म करती है।
4. उसकी बिजलियों से जगत प्रकाशित हुआ, पृथ्वी देखकर थरथरा गई है!
5. पहाड़ यहोवा के साम्हने, मोम की नाईं पिघल गए, अर्थात सारी पृथ्वी के परमेश्वर के साम्हने॥
6. आकाश ने उसके धर्म की साक्षी दी; और देश देश के सब लोगों ने उसकी महिमा देखी है।
7. जितने खुदी हुई मूर्तियों की उपासना करते और मूरतों पर फूलते हैं, वे लज्जित हों; हे सब देवताओं तुम उसी को दण्डवत करो।
8. सिय्योन सुन कर आनन्दित हुई, और यहूदा की बेटियां मगन हुईं; हे यहोवा, यह तेरे नियमों के कारण हुआ।
9. क्योंकि हे यहोवा, तू सारी पृथ्वी के ऊपर परमप्रधान है; तू सारे देवताओं से अधिक महान ठहरा है।
10. हे यहोवा के प्रेमियों, बुराई से घृणा करो; वह अपने भक्तों के प्राणो की रक्षा करता, और उन्हें दुष्टों के हाथ से बचाता है।
11. धर्मी के लिये ज्योति, और सीधे मन वालों के लिये आनन्द बोया गया है।
12. हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित हो; और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो!
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 97 / 150
1 यहोवा राजा हुआ है, पृथ्वी मगन हो; और द्वीप जो बहुतेरे हैं, वह भी आनन्द करें! 2 बादल और अन्धकार उसके चारों ओर हैं; उसके सिंहासन का मूल धर्म और न्याय है। 3 उसके आगे आगे आग चलती हुई उसके द्रोहियों को चारों ओर भस्म करती है। 4 उसकी बिजलियों से जगत प्रकाशित हुआ, पृथ्वी देखकर थरथरा गई है! 5 पहाड़ यहोवा के साम्हने, मोम की नाईं पिघल गए, अर्थात सारी पृथ्वी के परमेश्वर के साम्हने॥ 6 आकाश ने उसके धर्म की साक्षी दी; और देश देश के सब लोगों ने उसकी महिमा देखी है। 7 जितने खुदी हुई मूर्तियों की उपासना करते और मूरतों पर फूलते हैं, वे लज्जित हों; हे सब देवताओं तुम उसी को दण्डवत करो। 8 सिय्योन सुन कर आनन्दित हुई, और यहूदा की बेटियां मगन हुईं; हे यहोवा, यह तेरे नियमों के कारण हुआ। 9 क्योंकि हे यहोवा, तू सारी पृथ्वी के ऊपर परमप्रधान है; तू सारे देवताओं से अधिक महान ठहरा है। 10 हे यहोवा के प्रेमियों, बुराई से घृणा करो; वह अपने भक्तों के प्राणो की रक्षा करता, और उन्हें दुष्टों के हाथ से बचाता है। 11 धर्मी के लिये ज्योति, और सीधे मन वालों के लिये आनन्द बोया गया है। 12 हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित हो; और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो!
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