पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यहेजकेल
1. दसवें वर्ष के दसवें महीने के बारहवें दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
2. हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख मिस्र के राजा फिरौन की ओर कर के उसके और सारे मिस्र के विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर;
3. यह कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, हे मिस्र के राजा फिरौन, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, हे बड़े नगर, तू जो अपनी नदियों के बीच पड़ा रहता है, जिसने कहा है कि मेरी नदी मेरी निज की है, और मैं ही ने उसको अपने लिये बनाया है।
4. मैं तेरे जबड़ों में आँकड़े डालूंगा, और तेरी नदियों की मछलियों को तेरी खाल में चिपटाऊंगा, और तेरी खाल में चिपक्की हुई तेरी नदियों की सब मछलियों समेत तुझ को तेरी नदियों में से निकालूंगा।
5. तब मैं तुझे तेरी नदियों की सारी मछलियों समेत जंगल में निकाल दूंगा, और तू मैदान में पड़ा रहेगा; किसी भी प्रकार से तेरी सुधि न ली जाएगी। मैं ने तुझे वन पशुओं और आकाश के पक्षियों का आहार कर दिया है।
6. तब मिस्र के सारे निवासी जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। वे तो इस्राएल के घराने के लिये नरकट की टेक ठहरे थे।
7. जब उन्होंने तुझ पर हाथ का बल दिया तब तू टूट गया और उनके पखौड़े उखड़ ही गए; और जब उन्होंने तुझ पर टेक लगाई, तब तू टूट गया, और उनकी कमर की सारी नसें चढ़ गई।
8. इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है, देख, मैं तुझ पर तलवार चलवा कर, तेरे मनुष्य और पशु, सभों को नाश करूंगा।
9. तब मिस्र देश उजाड़ ही अजाड़ होगा; और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। उस ने कहा है कि मेरी नदी मेरी अपनी ही है, और मैं ही ने उसे बनाया।
10. इस कारण देख, मैं तेरे और तेरी नदियों के विरुद्ध हूँ, और मिस्र देश को मिग्दोल से ले कर सवेने तक वरन कूश देश के सिवाने तक उजाड़ ही उजाड़ कर दूंगा।
11. चालीस वर्ष तक उस में मनुष्य वा पशु का पांव तक न पड़ेगा; और न उस में कोई बसेगा।
12. चालीस वर्ष तक मैं मिस्र देश को उजड़े हुए देशों के बीच उजाड़ कर रखूंगा; और उसके नगर उजड़े हुए नगरों के बीच खण्डहर ही रहेंगे। मैं मिस्रियों को जाति जाति में छिन्न-भिन्न कर दूंगा, और देश देश में तितर-बितर कर दूंगा।
13. परमेश्वर यहोवा यों कहता है कि चालीस वर्ष के बीतने पर मैं मिस्रियों को उन जातियों के बीच से इकट्ठा करूंगा, जिन में वे तितर-बितर हुए;
14. और मैं मिस्रियों को बंधुआई से छुड़ाकर पत्रास देश में, जो उनकी जन्मभूमि है, फिर पहुंचाऊंगा; और वहां उनका छोटा सा राज्य हो जाएगा।
15. वह सब राज्यों में से छोटा होगा, और फिर अपना सिर और जातियों के ऊपर न उठाएगा; क्योंकि मैं मिस्रियों को ऐसा घटाऊंगा कि वे अन्यजातियों पर फिर प्रभुता न करने पाएंगे।
16. और वह फिर इस्राएल के घराने के भरोसे का कारण न होगा, क्योंकि जब वे फिर उनकी ओर देखने लगें, तब वे उनके अधर्म को स्मरण करेंगे। और तब वे जान लेंगे कि मैं परमेश्वर यहोवा हूँ।
17. फिर सत्ताइसवें वर्ष के पहले महीने के पहिले दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
18. हे मनुष्य के सन्तान, बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने सोर के घेरने में अपनी सेना से बड़ा परिश्रम कराया; हर एक का सिर चन्दला हो गया, और हर एक के कन्धों का चमड़ा उड़ गया; तौभी उसको सोर से न तो इस बड़े परिश्रम की मज़दूरी कुछ मिली और न उसकी सेना को।
19. इस कारण परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, देख, मैं बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर को मिस्र देश दूंगा; और वह उसकी भीड़ को ले जाएगा, और उसकी धन सम्पत्ति को लूटकर अपना कर लेगा; सो यही मजदूरी उसकी सेना को मिलेगी।
20. मैं ने उसके परिश्रम के बदले में उसको मिस्र देश इस कारण दिया है कि उन लोगों ने मेरे लिये काम किया था, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी हे।
21. उसी समय मैं इस्राएल के घराने का एक सींग उगाऊंगा, और उनके बीच तेरा मुंह खोलूंगा। और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
Total 48 अध्याय, Selected अध्याय 29 / 48
1 दसवें वर्ष के दसवें महीने के बारहवें दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2 हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख मिस्र के राजा फिरौन की ओर कर के उसके और सारे मिस्र के विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर; 3 यह कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, हे मिस्र के राजा फिरौन, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, हे बड़े नगर, तू जो अपनी नदियों के बीच पड़ा रहता है, जिसने कहा है कि मेरी नदी मेरी निज की है, और मैं ही ने उसको अपने लिये बनाया है। 4 मैं तेरे जबड़ों में आँकड़े डालूंगा, और तेरी नदियों की मछलियों को तेरी खाल में चिपटाऊंगा, और तेरी खाल में चिपक्की हुई तेरी नदियों की सब मछलियों समेत तुझ को तेरी नदियों में से निकालूंगा। 5 तब मैं तुझे तेरी नदियों की सारी मछलियों समेत जंगल में निकाल दूंगा, और तू मैदान में पड़ा रहेगा; किसी भी प्रकार से तेरी सुधि न ली जाएगी। मैं ने तुझे वन पशुओं और आकाश के पक्षियों का आहार कर दिया है। 6 तब मिस्र के सारे निवासी जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। वे तो इस्राएल के घराने के लिये नरकट की टेक ठहरे थे। 7 जब उन्होंने तुझ पर हाथ का बल दिया तब तू टूट गया और उनके पखौड़े उखड़ ही गए; और जब उन्होंने तुझ पर टेक लगाई, तब तू टूट गया, और उनकी कमर की सारी नसें चढ़ गई। 8 इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है, देख, मैं तुझ पर तलवार चलवा कर, तेरे मनुष्य और पशु, सभों को नाश करूंगा। 9 तब मिस्र देश उजाड़ ही अजाड़ होगा; और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। उस ने कहा है कि मेरी नदी मेरी अपनी ही है, और मैं ही ने उसे बनाया। 10 इस कारण देख, मैं तेरे और तेरी नदियों के विरुद्ध हूँ, और मिस्र देश को मिग्दोल से ले कर सवेने तक वरन कूश देश के सिवाने तक उजाड़ ही उजाड़ कर दूंगा। 11 चालीस वर्ष तक उस में मनुष्य वा पशु का पांव तक न पड़ेगा; और न उस में कोई बसेगा। 12 चालीस वर्ष तक मैं मिस्र देश को उजड़े हुए देशों के बीच उजाड़ कर रखूंगा; और उसके नगर उजड़े हुए नगरों के बीच खण्डहर ही रहेंगे। मैं मिस्रियों को जाति जाति में छिन्न-भिन्न कर दूंगा, और देश देश में तितर-बितर कर दूंगा। 13 परमेश्वर यहोवा यों कहता है कि चालीस वर्ष के बीतने पर मैं मिस्रियों को उन जातियों के बीच से इकट्ठा करूंगा, जिन में वे तितर-बितर हुए; 14 और मैं मिस्रियों को बंधुआई से छुड़ाकर पत्रास देश में, जो उनकी जन्मभूमि है, फिर पहुंचाऊंगा; और वहां उनका छोटा सा राज्य हो जाएगा। 15 वह सब राज्यों में से छोटा होगा, और फिर अपना सिर और जातियों के ऊपर न उठाएगा; क्योंकि मैं मिस्रियों को ऐसा घटाऊंगा कि वे अन्यजातियों पर फिर प्रभुता न करने पाएंगे। 16 और वह फिर इस्राएल के घराने के भरोसे का कारण न होगा, क्योंकि जब वे फिर उनकी ओर देखने लगें, तब वे उनके अधर्म को स्मरण करेंगे। और तब वे जान लेंगे कि मैं परमेश्वर यहोवा हूँ। 17 फिर सत्ताइसवें वर्ष के पहले महीने के पहिले दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 18 हे मनुष्य के सन्तान, बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने सोर के घेरने में अपनी सेना से बड़ा परिश्रम कराया; हर एक का सिर चन्दला हो गया, और हर एक के कन्धों का चमड़ा उड़ गया; तौभी उसको सोर से न तो इस बड़े परिश्रम की मज़दूरी कुछ मिली और न उसकी सेना को। 19 इस कारण परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, देख, मैं बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर को मिस्र देश दूंगा; और वह उसकी भीड़ को ले जाएगा, और उसकी धन सम्पत्ति को लूटकर अपना कर लेगा; सो यही मजदूरी उसकी सेना को मिलेगी। 20 मैं ने उसके परिश्रम के बदले में उसको मिस्र देश इस कारण दिया है कि उन लोगों ने मेरे लिये काम किया था, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी हे। 21 उसी समय मैं इस्राएल के घराने का एक सींग उगाऊंगा, और उनके बीच तेरा मुंह खोलूंगा। और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
Total 48 अध्याय, Selected अध्याय 29 / 48
×

Alert

×

Hindi Letters Keypad References