पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
निर्गमन
1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
2. कि क्या मनुष्य के क्या पशु के, इस्राएलियों में जितने अपनी अपनी मां के जेठे हों, उन्हें मेरे लिये पवित्रा मानना; वह तो मेरा ही है।।
3. फिर मूसा ने लोगों से कहा, इस दिन को स्मरण रखो, जिस में तुम लोग दासत्व के घर, अर्थात् मि से निकल आए हो; यहोवा तो तुम को वहां से अपने हाथ के बल से निकाल लाया; इस में खमीरी रोटी न खाई जाए।
4. आबीब के महीने में आज के दिन तुम निकले हो।
5. इसलिये जब यहोवा तुम को कनानी, हित्ती, एमोरी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के देश में पहुचाएगा, जिसे देने की उस ने तुम्हारे पुरखाओं से शपथ खाई थी, और जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, तब तुम इसी महीने में पर्ब्ब करना।
6. सात दिन तक अखमीरी रोटी खाया करना, और सातवें दिन यहोवा के लिये पर्ब्ब मानना।
7. इन सातों दिनों में अखमीरी रोटी खाई जाए; वरन तुम्हारे देश भर में न खमीरी रोटी, न खमीर तुम्हारे पास देखने में आए।
8. और उस दिन तुम अपने अपने पुत्रों को यह कहके समझा देना, कि यह तो हम उसी काम के कारण करते हैं, जो यहोवा ने हमारे मि से निकल आने के समय हमारे लिये किया था।
9. फिर यह तुम्हारे लिये तुम्हारे हाथ में एक चिन्ह होगा, और तुम्हारी आंखों के साम्हने स्मरण करानेवाली वस्तु ठहरे; जिस से यहोवा की व्यवस्था तुम्हारे मुंह पर रहे : क्योंकि यहोवा ने तुम्हें अपने बलवन्त हाथों से मि से निकाला है।
10. इस कारण तुम इस विधि को प्रति वर्ष नियत समय पर माना करना।।
11. फिर जब यहोवा उस शपथ के अनुसार, जो उस ने तुम्हारे पुरखाओं से और तुम से भी खाई है, तुम्हे कनानियों के देश में पहुंचाकर उसको तुम्हें दे देगा,
12. तब तुम में से जितने अपनी अपनी मां के जेठे हों उनको, और तुम्हारे पशुओं में जो ऐसे हों उनको भी यहोवा के लिये अर्पण करना; सब नर बच्चे तो यहोवा के हैं।
13. और गदही के हर एक पहिलौठे की सन्ती मेम्ना देकर उसको छुड़ा लेना, और यदि तुम उसे छुड़ाना न चाहो तो उसका गला तोड़ देना। पर अपने सब पहिलौठे पुत्रों को बदला देकर छुड़ा लेना।
14. और आगे के दिनों में जब तुम्हारे पुत्रा तुम से पूछें, कि यह क्या है ? तो उन से कहना, कि यहोवा हम लोगों को दासत्व के घर से, अर्थात् मि देश से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है।
15. उस समय जब फिरौन ने कठोर होकर हम को जाने देना न चाहा, तब यहोवा ने मि देश में मनुष्य से लेकर पशु तक सब के पहिलौठों को मार डाला। इसी कारण पशुओं में से तो जितने अपनी अपनी मां के पहिलौठे नर हैं, उन्हें हम यहोवा के लिये बलि करते हैं; पर अपने सब जेठे पुत्रों को हम बदला देकर छुड़ा लेते हैं।
16. और यह तुम्हारे हाथों पर एक चिन्ह सा और तुम्हारी भौहों के बीच टीका सा ठहरे; क्योंकि यहोवा हम लोगों को मि से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है।।
17. जब फिरौन ने लोगों को जाने की आज्ञा दे दी, तब यद्यपि पलिश्तियों के देश में होकर जो मार्ग जाता है वह छोटा था; तौभी परमेश्वर यह सोच कर उनको उस मार्ग से नहीं ले गया, कि कहीं ऐसा न हो कि जब ये लोग लड़ाई देखें तब पछताकर मि को लौट आएं।
18. इसलिये परमेश्वर उनको चक्कर खिलाकर लाल समुद्र के जंगल के मार्ग से ले चला। और इस्राएली पांति बान्धे हुए मि से निकल गए।
19. और मूसा यूसुफ की हडि्डयों को साथ लेता गया; क्योंकि यूसुफ ने इस्राएलियों से यह कहके, कि परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, उनको इस विषय की दृढ़ शपथ खिलाई थी, कि वे उसकी हडि्डयों को अपने साथ यहां से ले जाएंगे।
20. फिर उन्हों ने सुक्कोत से कूच करके जंगल की छोर पर एताम में डेरा किया।
21. और यहोवा उन्हें दिन को मार्ग दिखाने के लिये मेघ के खम्भे में, और रात को उजियाला देने के लिये आग के खम्भे में होकर उनके आगे आगे चला करता था, जिससे वे रात और दिन दोनों में चल सकें।
22. उस ने न तो बादल के खम्भे को दिन में और न आग के खम्भे को रात में लोगों के आगे से हटाया।।

Notes

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निर्गमन 13
1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
2. कि क्या मनुष्य के क्या पशु के, इस्राएलियों में जितने अपनी अपनी मां के जेठे हों, उन्हें मेरे लिये पवित्रा मानना; वह तो मेरा ही है।।
3. फिर मूसा ने लोगों से कहा, इस दिन को स्मरण रखो, जिस में तुम लोग दासत्व के घर, अर्थात् मि से निकल आए हो; यहोवा तो तुम को वहां से अपने हाथ के बल से निकाल लाया; इस में खमीरी रोटी खाई जाए।
4. आबीब के महीने में आज के दिन तुम निकले हो।
5. इसलिये जब यहोवा तुम को कनानी, हित्ती, एमोरी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के देश में पहुचाएगा, जिसे देने की उस ने तुम्हारे पुरखाओं से शपथ खाई थी, और जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, तब तुम इसी महीने में पर्ब्ब करना।
6. सात दिन तक अखमीरी रोटी खाया करना, और सातवें दिन यहोवा के लिये पर्ब्ब मानना।
7. इन सातों दिनों में अखमीरी रोटी खाई जाए; वरन तुम्हारे देश भर में खमीरी रोटी, खमीर तुम्हारे पास देखने में आए।
8. और उस दिन तुम अपने अपने पुत्रों को यह कहके समझा देना, कि यह तो हम उसी काम के कारण करते हैं, जो यहोवा ने हमारे मि से निकल आने के समय हमारे लिये किया था।
9. फिर यह तुम्हारे लिये तुम्हारे हाथ में एक चिन्ह होगा, और तुम्हारी आंखों के साम्हने स्मरण करानेवाली वस्तु ठहरे; जिस से यहोवा की व्यवस्था तुम्हारे मुंह पर रहे : क्योंकि यहोवा ने तुम्हें अपने बलवन्त हाथों से मि से निकाला है।
10. इस कारण तुम इस विधि को प्रति वर्ष नियत समय पर माना करना।।
11. फिर जब यहोवा उस शपथ के अनुसार, जो उस ने तुम्हारे पुरखाओं से और तुम से भी खाई है, तुम्हे कनानियों के देश में पहुंचाकर उसको तुम्हें दे देगा,
12. तब तुम में से जितने अपनी अपनी मां के जेठे हों उनको, और तुम्हारे पशुओं में जो ऐसे हों उनको भी यहोवा के लिये अर्पण करना; सब नर बच्चे तो यहोवा के हैं।
13. और गदही के हर एक पहिलौठे की सन्ती मेम्ना देकर उसको छुड़ा लेना, और यदि तुम उसे छुड़ाना चाहो तो उसका गला तोड़ देना। पर अपने सब पहिलौठे पुत्रों को बदला देकर छुड़ा लेना।
14. और आगे के दिनों में जब तुम्हारे पुत्रा तुम से पूछें, कि यह क्या है ? तो उन से कहना, कि यहोवा हम लोगों को दासत्व के घर से, अर्थात् मि देश से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है।
15. उस समय जब फिरौन ने कठोर होकर हम को जाने देना चाहा, तब यहोवा ने मि देश में मनुष्य से लेकर पशु तक सब के पहिलौठों को मार डाला। इसी कारण पशुओं में से तो जितने अपनी अपनी मां के पहिलौठे नर हैं, उन्हें हम यहोवा के लिये बलि करते हैं; पर अपने सब जेठे पुत्रों को हम बदला देकर छुड़ा लेते हैं।
16. और यह तुम्हारे हाथों पर एक चिन्ह सा और तुम्हारी भौहों के बीच टीका सा ठहरे; क्योंकि यहोवा हम लोगों को मि से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है।।
17. जब फिरौन ने लोगों को जाने की आज्ञा दे दी, तब यद्यपि पलिश्तियों के देश में होकर जो मार्ग जाता है वह छोटा था; तौभी परमेश्वर यह सोच कर उनको उस मार्ग से नहीं ले गया, कि कहीं ऐसा हो कि जब ये लोग लड़ाई देखें तब पछताकर मि को लौट आएं।
18. इसलिये परमेश्वर उनको चक्कर खिलाकर लाल समुद्र के जंगल के मार्ग से ले चला। और इस्राएली पांति बान्धे हुए मि से निकल गए।
19. और मूसा यूसुफ की हडि्डयों को साथ लेता गया; क्योंकि यूसुफ ने इस्राएलियों से यह कहके, कि परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, उनको इस विषय की दृढ़ शपथ खिलाई थी, कि वे उसकी हडि्डयों को अपने साथ यहां से ले जाएंगे।
20. फिर उन्हों ने सुक्कोत से कूच करके जंगल की छोर पर एताम में डेरा किया।
21. और यहोवा उन्हें दिन को मार्ग दिखाने के लिये मेघ के खम्भे में, और रात को उजियाला देने के लिये आग के खम्भे में होकर उनके आगे आगे चला करता था, जिससे वे रात और दिन दोनों में चल सकें।
22. उस ने तो बादल के खम्भे को दिन में और आग के खम्भे को रात में लोगों के आगे से हटाया।।
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