पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यहेजकेल
1. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, भीतरी आंगन का पूर्वमुखी फाटक काम काज के छहों दिन बन्द रहे, परन्तु विश्राम दिन को खुला रहे। और नये चांद के दिन भी खुला रहे।
2. प्रधान बाहर से फाटक के ओसारे के मार्ग से आकर फाटक के एक खम्भे के पास खड़ा हो जाए, और याजक उसका होमबलि और मेलबलि तैयार करें; और वह फाटक की डेवढ़ी पर दण्डवत करे; तब वह बाहर जाए, और फाटक सांझ से पहिले बन्द न किया जाए।
3. और लोग विश्राम और नये चांद के दिनों में उस फाटक के द्वार में यहोवा के साम्हने दण्डवत करें।
4. और विश्राम दिन में जो होमबलि प्रधान यहोवा के लिये चढ़ाए, वह भेड़ के छ: निर्दोष बच्चे और एक निर्दोष मेढ़े का हो।
5. और अन्नबलि यह हो, अर्थात मेढ़े के साथ एपा भर अन्न और भेड़ के बच्चों के साथ यथाशक्ति अन्न और एपा पीछे हीन भर तेल।
6. और नये चांद के दिन वह एक निर्दोष बछड़ा और भेड़ के छ: बच्चे और एक मेढ़ा चढ़ाए; ये सब निर्दोष हों।
7. और बछड़े और मेढ़े दोनों के साथ वह एक एक एपा अन्नबलि तैयार करे, और भेड़ के बच्चों के साथ यथाशक्ति अन्न, और एपा पीछे हीन भर तेल।
8. और जब प्रधान भीतर जाए तब वह फाटक के ओसारे से हो कर जाए, और उसी मार्ग से निकल जाए।
9. जब साधारण लोग नियत समयों में यहोवा के साम्हने दण्डवत करने आएं, तब जो उत्तरी फाटक से हो कर दण्डवत करने को भीतर आए, वह दक्खिनी फाटक से हो कर निकले, और जो दक्खिनी फाटक से हो कर भीतर आए, वह उत्तरी फाटक से हो कर निकले, अर्थात जो जिस फाटक से भीतर आया हो, वह उसी फाटक से न लौटे, अपने साम्हने ही निकल जाए।
10. और जब वे भीतर आएं तब प्रधान उनके बीच हो कर आएं, और जब वे निकलें, तब वे एक साथ निकलें।
11. और पर्वों और अन्य नियत समयों का अन्नबलि बछड़े पीछे एपा भर, और मेढ़े पीछे एपा भर का हो; और भेड़ के बच्चों के साथ यथाशक्ति अन्न और एपा पीछे हीन भर तेल।
12. फिर जब प्रधान होमबलि वा मेलबलि को स्वेच्छा बलि कर के यहोवा के लिये तैयार करे, तब पूर्वमुखी फाटक उनके लिये खोला जाए, और वह अपना होमबलि वा मेलबलि वैसे ही तैयार करे जैसे वह विश्राम दिन को करता है; तब वह निकले, और उसके निकलने के पीछे फाटक बन्द किया जाए।
13. और प्रति दिन तू वर्ष भर का एक निर्दोष भेड़ का बच्चा यहोवा के होमबलि के लिये तैयार करना, यह प्रति भोर को तैयार किया जाए।
14. और प्रति भोर को उसके साथ एक अन्नबलि तैयार करना, अर्थात एपा का छठवां अंश और मैदा में मिलाने के लिये हीन भर तेल की तिहाई यहोवा के लिये सदा का अन्नबलि नित्य विधि के अनुसार चढ़ाया जाए।
15. भेड़ का बच्चा, अन्नबलि और तेल, प्रति भोर को नित्य होमबलि कर के चढ़ाया जाए।
16. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, यदि प्रधान अपने किसी पुत्र को कुछ दे, तो वह उसका भाग हो कर उसके पोतों को भी मिले; भाग के नियम के अनुसार वह उनका भी निज धन ठहरे।
17. परन्तु यदि वह अपने भाग में से अपने किसी कर्मचारी को कुछ दे, तो छुट्टी के वर्ष तक तो वह उसका बना रहे, परन्तु उसके बाद प्रधान को लैटा दिया जाए; और उसका निज भाग ही उसके पुत्रों को मिले।
18. और प्रजा का ऐसा कोई भाग प्रधान न ले, जो अन्धेर से उनकी निज भूमि से छीना हो; अपने पुत्रों को वह अपनी ही निज भूमि में से भाग दे; ऐसा न हो कि मेरी प्रजा के लोग अपनी अपनी निज भूमि से तितर-बितर हो जाएं।
19. फिर वह मुझे फाटक की एक अलंग में द्वार से हो कर याजकों की उत्तरमुखी पवित्र कोठरियों में ले गया; वहां पश्चिम ओर के कोने में एक स्थान था।
20. तब उसने मुझ से कहा, यह वह स्थान है जिस में याजक लोग दोषबलि और पापबलि के मांस को पकाएं और अन्नबलि को पकाएं, ऐसा न हो कि उन्हें बाहरी आंगन में ले जाने से साधारण लोग पवित्र ठहरें।
21. तब उसने मुझे बाहरी आंगन में ले जा कर उस आंगन के चारों कोनों में फिराया, और आंगन के हर एक कोने में एक एक ओट बना था,
22. अर्थात आंगन के चारों कोनों में चालीस हाथ लम्बे और तीस हाथ चौड़े ओट थे; चारों कोनों के ओटों की एक ही माप थी।
23. और भीतर चारों ओर भीत थी, और भीतों के नीचे पकाने के चूल्हे बने हुए थे।
24. तब उसने मुझ से कहा, पकाने के घर, जहां भवन के टहलुए लोगों के बलिदानों को पकाएं, वे ये ही हैं।

Notes

No Verse Added

Total 48 अध्याय, Selected अध्याय 46 / 48
यहेजकेल 46:37
1 परमेश्वर यहोवा यों कहता है, भीतरी आंगन का पूर्वमुखी फाटक काम काज के छहों दिन बन्द रहे, परन्तु विश्राम दिन को खुला रहे। और नये चांद के दिन भी खुला रहे। 2 प्रधान बाहर से फाटक के ओसारे के मार्ग से आकर फाटक के एक खम्भे के पास खड़ा हो जाए, और याजक उसका होमबलि और मेलबलि तैयार करें; और वह फाटक की डेवढ़ी पर दण्डवत करे; तब वह बाहर जाए, और फाटक सांझ से पहिले बन्द न किया जाए। 3 और लोग विश्राम और नये चांद के दिनों में उस फाटक के द्वार में यहोवा के साम्हने दण्डवत करें। 4 और विश्राम दिन में जो होमबलि प्रधान यहोवा के लिये चढ़ाए, वह भेड़ के छ: निर्दोष बच्चे और एक निर्दोष मेढ़े का हो। 5 और अन्नबलि यह हो, अर्थात मेढ़े के साथ एपा भर अन्न और भेड़ के बच्चों के साथ यथाशक्ति अन्न और एपा पीछे हीन भर तेल। 6 और नये चांद के दिन वह एक निर्दोष बछड़ा और भेड़ के छ: बच्चे और एक मेढ़ा चढ़ाए; ये सब निर्दोष हों। 7 और बछड़े और मेढ़े दोनों के साथ वह एक एक एपा अन्नबलि तैयार करे, और भेड़ के बच्चों के साथ यथाशक्ति अन्न, और एपा पीछे हीन भर तेल। 8 और जब प्रधान भीतर जाए तब वह फाटक के ओसारे से हो कर जाए, और उसी मार्ग से निकल जाए। 9 जब साधारण लोग नियत समयों में यहोवा के साम्हने दण्डवत करने आएं, तब जो उत्तरी फाटक से हो कर दण्डवत करने को भीतर आए, वह दक्खिनी फाटक से हो कर निकले, और जो दक्खिनी फाटक से हो कर भीतर आए, वह उत्तरी फाटक से हो कर निकले, अर्थात जो जिस फाटक से भीतर आया हो, वह उसी फाटक से न लौटे, अपने साम्हने ही निकल जाए। 10 और जब वे भीतर आएं तब प्रधान उनके बीच हो कर आएं, और जब वे निकलें, तब वे एक साथ निकलें। 11 और पर्वों और अन्य नियत समयों का अन्नबलि बछड़े पीछे एपा भर, और मेढ़े पीछे एपा भर का हो; और भेड़ के बच्चों के साथ यथाशक्ति अन्न और एपा पीछे हीन भर तेल। 12 फिर जब प्रधान होमबलि वा मेलबलि को स्वेच्छा बलि कर के यहोवा के लिये तैयार करे, तब पूर्वमुखी फाटक उनके लिये खोला जाए, और वह अपना होमबलि वा मेलबलि वैसे ही तैयार करे जैसे वह विश्राम दिन को करता है; तब वह निकले, और उसके निकलने के पीछे फाटक बन्द किया जाए। 13 और प्रति दिन तू वर्ष भर का एक निर्दोष भेड़ का बच्चा यहोवा के होमबलि के लिये तैयार करना, यह प्रति भोर को तैयार किया जाए। 14 और प्रति भोर को उसके साथ एक अन्नबलि तैयार करना, अर्थात एपा का छठवां अंश और मैदा में मिलाने के लिये हीन भर तेल की तिहाई यहोवा के लिये सदा का अन्नबलि नित्य विधि के अनुसार चढ़ाया जाए। 15 भेड़ का बच्चा, अन्नबलि और तेल, प्रति भोर को नित्य होमबलि कर के चढ़ाया जाए। 16 परमेश्वर यहोवा यों कहता है, यदि प्रधान अपने किसी पुत्र को कुछ दे, तो वह उसका भाग हो कर उसके पोतों को भी मिले; भाग के नियम के अनुसार वह उनका भी निज धन ठहरे। 17 परन्तु यदि वह अपने भाग में से अपने किसी कर्मचारी को कुछ दे, तो छुट्टी के वर्ष तक तो वह उसका बना रहे, परन्तु उसके बाद प्रधान को लैटा दिया जाए; और उसका निज भाग ही उसके पुत्रों को मिले। 18 और प्रजा का ऐसा कोई भाग प्रधान न ले, जो अन्धेर से उनकी निज भूमि से छीना हो; अपने पुत्रों को वह अपनी ही निज भूमि में से भाग दे; ऐसा न हो कि मेरी प्रजा के लोग अपनी अपनी निज भूमि से तितर-बितर हो जाएं। 19 फिर वह मुझे फाटक की एक अलंग में द्वार से हो कर याजकों की उत्तरमुखी पवित्र कोठरियों में ले गया; वहां पश्चिम ओर के कोने में एक स्थान था। 20 तब उसने मुझ से कहा, यह वह स्थान है जिस में याजक लोग दोषबलि और पापबलि के मांस को पकाएं और अन्नबलि को पकाएं, ऐसा न हो कि उन्हें बाहरी आंगन में ले जाने से साधारण लोग पवित्र ठहरें। 21 तब उसने मुझे बाहरी आंगन में ले जा कर उस आंगन के चारों कोनों में फिराया, और आंगन के हर एक कोने में एक एक ओट बना था, 22 अर्थात आंगन के चारों कोनों में चालीस हाथ लम्बे और तीस हाथ चौड़े ओट थे; चारों कोनों के ओटों की एक ही माप थी। 23 और भीतर चारों ओर भीत थी, और भीतों के नीचे पकाने के चूल्हे बने हुए थे। 24 तब उसने मुझ से कहा, पकाने के घर, जहां भवन के टहलुए लोगों के बलिदानों को पकाएं, वे ये ही हैं।
Total 48 अध्याय, Selected अध्याय 46 / 48
Common Bible Languages
West Indian Languages
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References