1. हे यहोवा परमेश्वर मैं अपने पूर्ण मन से तेरा धन्यवाद करूंगा; मैं तेरे सब आश्चर्य कर्मों का वर्णन करूंगा।
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5. तू ने अन्यजातियों को झिड़का और दुष्ट को नाश किया है; तू ने उनका नाम अनन्तकाल के लिये मिटा दिया है।
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6. शत्रु जो है, वह मर गए, वे अनन्तकाल के लिये उजड़ गए हैं; और जिन नगरों को तू ने ढा दिया, उनका नाम वा निशान भी मिट गया है।
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10. और तेरे नाम के जाननेवाले तुझ पर भरोसा रखेंगे, क्योंकि हे यहोवा तू ने अपने खोजियों को त्याग नहीं दिया।।
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11. यहोवा जो सिरयोन में विराजमान है, उसका भजन गाओ! जाति जाति के लोगों के बीच में उसके महाकर्मों का प्रचार करो!
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13. हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर। तू जो मुझे मृत्यु के फाटकों के पास से उठाता है, मेरे दु:ख को देख जो मेरे बैरी मुझे दे रहे हैं;
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14. ताकि मैं सिरयोन के फाटकों के पास तेरे सब गुणों का वर्णन करूं, और तेरे किए हुए उद्धार से मगन होऊं।।
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15. अन्य जातिवालों ने जो गड़हा खोदा था, उसी में वे आप गिर पड़े; जो जाल उन्हों ने लगाया था, उस में उन्हीं का पांव फंस गया।
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18. क्योंकि दरिद्र लोग अनन्तकाल तक बिसरे हुए न रहेंगे, और न तो नम्र लोगों की आशा सर्वदा के लिये नाश होगी।
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