पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
1 इतिहास
1. {#1लेवियों का जिम्मेदारियां बाँटा जाना } [PS]दाऊद तो बूढ़ा वरन् बहुत बूढ़ा हो गया था, इसलिए उसने अपने पुत्र सुलैमान को इस्राएल पर राजा नियुक्त कर दिया।
2. तब उसने इस्राएल के सब हाकिमों और याजकों और लेवियों को इकट्ठा किया।
3. जितने लेवीय तीस वर्ष के और उससे अधिक अवस्था के थे, वे गिने गए, और एक-एक पुरुष के गिनने से उनकी गिनती अड़तीस हजार हुई।
4. इनमें से चौबीस हजार तो यहोवा के भवन का काम चलाने के लिये नियुक्त हुए, और छः हजार सरदार और न्यायी।
5. और चार हजार द्वारपाल नियुक्त हुए, और चार हजार उन बाजों से यहोवा की स्तुति करने के लिये ठहराए गए जो दाऊद ने स्तुति करने के लिये बनाए थे।
6. फिर दाऊद ने उनको गेर्शोन, कहात और मरारी नामक लेवी के पुत्रों के अनुसार दलों में अलग-अलग कर दिया।
7. गेर्शोनियों में से तो लादान और शिमी थे।
8. और लादान के पुत्र: सरदार यहीएल, फिर जेताम और योएल ये तीन थे।
9. शिमी के पुत्र: शलोमीत, हजीएल और हारान ये तीन थे। लादान के कुल के पूर्वजों के घरानों के मुख्य पुरुष ये ही थे।
10. फिर शिमी के पुत्र: यहत, जीना, यूश, और बरीआ, शिमी के यही चार पुत्र थे।
11. यहत मुख्य था, और जीजा दूसरा; यूश और बरीआ के बहुत बेटे न हुए, इस कारण वे सब मिलकर पितरों का एक ही घराना ठहरे।
12. कहात के पुत्र: अम्राम, यिसहार, हेब्रोन और उज्जीएल चार। अम्राम के पुत्र: हारून और मूसा।
13. हारून तो इसलिए अलग किया गया, कि वह और उसके सन्तान सदा परमपवित्र वस्तुओं को पवित्र ठहराएँ, और सदा यहोवा के सम्मुख धूप जलाया करें और उसकी सेवा टहल करें, और उसके नाम से आशीर्वाद दिया करें।
14. परन्तु परमेश्‍वर के भक्त मूसा के पुत्रों के नाम लेवी के गोत्र के बीच गिने गए।
15. मूसा के पुत्र, गेर्शोम और एलीएजेर।
16. और गेर्शोम का पुत्र शबूएल मुख्य था।
17. एलीएजेर के पुत्र: रहब्याह मुख्य; और एलीएजेर के और कोई पुत्र न हुआ, परन्तु रहब्याह के बहुत से बेटे हुए।
18. यिसहार के पुत्रों में से शलोमीत मुख्य ठहरा।
19. हेब्रोन के पुत्र: यरिय्याह मुख्य, दूसरा अमर्याह, तीसरा यहजीएल, और चौथा यकमाम।
20. उज्जीएल के पुत्रों में से मुख्य तो मीका और दूसरा यिश्शिय्याह था।
21. मरारी के पुत्र: महली और मूशी। महली के पुत्र: एलीआजर और कीश।
22. एलीआजर पुत्रहीन मर गया, उसके केवल बेटियाँ हुई; अतः: कीश के पुत्रों ने जो उनके भाई थे उन्हें ब्याह लिया।
23. मूशी के पुत्र: महली; एदेर और यरेमोत यह तीन थे।
24. लेवीय पितरों के घरानों के मुख्य पुरुष ये ही थे, ये नाम ले लेकर, एक-एक पुरुष करके गिने गए, और बीस वर्ष की या उससे अधिक अवस्था के थे और यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे।
25. क्योंकि दाऊद ने कहा, “इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा ने अपनी प्रजा को विश्राम दिया है, कि वे यरूशलेम में सदैव रह सकें।
26. और लेवियों को निवास और उसकी उपासना का सामान फिर उठाना न पड़ेगा।”
27. क्योंकि दाऊद की पिछली आज्ञाओं* के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक अवस्था के लेवीय गिने गए।
28. क्योंकि उनका काम तो हारून की सन्तान की सेवा टहल करना था, अर्थात् यह कि वे आँगनों और कोठरियों में, और सब पवित्र वस्तुओं के शुद्ध करने में और परमेश्‍वर के भवन की उपासना के सब कामों में सेवा टहल करें;
29. और भेंट की रोटी का, अन्नबलियों के मैदे का, और अख़मीरी पपड़ियों का, और तवे पर बनाए हुए और सने हुए का, और मापने और तौलने के सब प्रकार का काम करें।
30. और प्रति भोर और प्रति सांझ को यहोवा का धन्यवाद और उसकी स्तुति करने के लिये खड़े रहा करें।
31. और विश्रामदिनों और नये चाँद के दिनों, और नियत पर्वों में गिनती के नियम के अनुसार नित्य यहोवा के सब होमबलियों को चढ़ाएँ*;
32. और यहोवा के भवन की उपासना के विषय मिलापवाले तम्बू और पवित्रस्‍थान की रक्षा करें, और अपने भाई हारूनियों के सौंपे हुए काम को चौकसी से करें। [PE]
Total 29 अध्याय, Selected अध्याय 23 / 29
लेवियों का जिम्मेदारियां बाँटा जाना 1 दाऊद तो बूढ़ा वरन् बहुत बूढ़ा हो गया था, इसलिए उसने अपने पुत्र सुलैमान को इस्राएल पर राजा नियुक्त कर दिया। 2 तब उसने इस्राएल के सब हाकिमों और याजकों और लेवियों को इकट्ठा किया। 3 जितने लेवीय तीस वर्ष के और उससे अधिक अवस्था के थे, वे गिने गए, और एक-एक पुरुष के गिनने से उनकी गिनती अड़तीस हजार हुई। 4 इनमें से चौबीस हजार तो यहोवा के भवन का काम चलाने के लिये नियुक्त हुए, और छः हजार सरदार और न्यायी। 5 और चार हजार द्वारपाल नियुक्त हुए, और चार हजार उन बाजों से यहोवा की स्तुति करने के लिये ठहराए गए जो दाऊद ने स्तुति करने के लिये बनाए थे। 6 फिर दाऊद ने उनको गेर्शोन, कहात और मरारी नामक लेवी के पुत्रों के अनुसार दलों में अलग-अलग कर दिया। 7 गेर्शोनियों में से तो लादान और शिमी थे। 8 और लादान के पुत्र: सरदार यहीएल, फिर जेताम और योएल ये तीन थे। 9 शिमी के पुत्र: शलोमीत, हजीएल और हारान ये तीन थे। लादान के कुल के पूर्वजों के घरानों के मुख्य पुरुष ये ही थे। 10 फिर शिमी के पुत्र: यहत, जीना, यूश, और बरीआ, शिमी के यही चार पुत्र थे। 11 यहत मुख्य था, और जीजा दूसरा; यूश और बरीआ के बहुत बेटे न हुए, इस कारण वे सब मिलकर पितरों का एक ही घराना ठहरे। 12 कहात के पुत्र: अम्राम, यिसहार, हेब्रोन और उज्जीएल चार। अम्राम के पुत्र: हारून और मूसा। 13 हारून तो इसलिए अलग किया गया, कि वह और उसके सन्तान सदा परमपवित्र वस्तुओं को पवित्र ठहराएँ, और सदा यहोवा के सम्मुख धूप जलाया करें और उसकी सेवा टहल करें, और उसके नाम से आशीर्वाद दिया करें। 14 परन्तु परमेश्‍वर के भक्त मूसा के पुत्रों के नाम लेवी के गोत्र के बीच गिने गए। 15 मूसा के पुत्र, गेर्शोम और एलीएजेर। 16 और गेर्शोम का पुत्र शबूएल मुख्य था। 17 एलीएजेर के पुत्र: रहब्याह मुख्य; और एलीएजेर के और कोई पुत्र न हुआ, परन्तु रहब्याह के बहुत से बेटे हुए। 18 यिसहार के पुत्रों में से शलोमीत मुख्य ठहरा। 19 हेब्रोन के पुत्र: यरिय्याह मुख्य, दूसरा अमर्याह, तीसरा यहजीएल, और चौथा यकमाम। 20 उज्जीएल के पुत्रों में से मुख्य तो मीका और दूसरा यिश्शिय्याह था। 21 मरारी के पुत्र: महली और मूशी। महली के पुत्र: एलीआजर और कीश। 22 एलीआजर पुत्रहीन मर गया, उसके केवल बेटियाँ हुई; अतः: कीश के पुत्रों ने जो उनके भाई थे उन्हें ब्याह लिया। 23 मूशी के पुत्र: महली; एदेर और यरेमोत यह तीन थे। 24 लेवीय पितरों के घरानों के मुख्य पुरुष ये ही थे, ये नाम ले लेकर, एक-एक पुरुष करके गिने गए, और बीस वर्ष की या उससे अधिक अवस्था के थे और यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे। 25 क्योंकि दाऊद ने कहा, “इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा ने अपनी प्रजा को विश्राम दिया है, कि वे यरूशलेम में सदैव रह सकें। 26 और लेवियों को निवास और उसकी उपासना का सामान फिर उठाना न पड़ेगा।” 27 क्योंकि दाऊद की पिछली आज्ञाओं* के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक अवस्था के लेवीय गिने गए। 28 क्योंकि उनका काम तो हारून की सन्तान की सेवा टहल करना था, अर्थात् यह कि वे आँगनों और कोठरियों में, और सब पवित्र वस्तुओं के शुद्ध करने में और परमेश्‍वर के भवन की उपासना के सब कामों में सेवा टहल करें; 29 और भेंट की रोटी का, अन्नबलियों के मैदे का, और अख़मीरी पपड़ियों का, और तवे पर बनाए हुए और सने हुए का, और मापने और तौलने के सब प्रकार का काम करें। 30 और प्रति भोर और प्रति सांझ को यहोवा का धन्यवाद और उसकी स्तुति करने के लिये खड़े रहा करें। 31 और विश्रामदिनों और नये चाँद के दिनों, और नियत पर्वों में गिनती के नियम के अनुसार नित्य यहोवा के सब होमबलियों को चढ़ाएँ*; 32 और यहोवा के भवन की उपासना के विषय मिलापवाले तम्बू और पवित्रस्‍थान की रक्षा करें, और अपने भाई हारूनियों के सौंपे हुए काम को चौकसी से करें।
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