पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
1 कुरिन्थियों
1. {आपसी विवादों का निबटारा} [PS] क्या तुम में से किसी को यह साहस है, कि जब दूसरे के साथ झगड़ा* हो, तो फैसले के लिये अधर्मियों के पास जाए; और पवित्र लोगों के पास न जाए?
2. क्या तुम नहीं जानते, कि पवित्र लोग* जगत का न्याय करेंगे? और जब तुम्हें जगत का न्याय करना है, तो क्या तुम छोटे से छोटे झगड़ों का भी निर्णय करने के योग्य नहीं? (दानि. 7:22)
3. क्या तुम नहीं जानते, कि हम स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे? तो क्या सांसारिक बातों का निर्णय न करे? [PE][PS]
4. यदि तुम्हें सांसारिक बातों का निर्णय करना हो, तो क्या उन्हीं को बैठाओगे जो कलीसिया में कुछ नहीं समझे जाते हैं?
5. मैं तुम्हें लज्जित करने के लिये यह कहता हूँ। क्या सचमुच तुम में से एक भी बुद्धिमान नहीं मिलता, जो अपने भाइयों का निर्णय कर सके?
6. वरन् भाई-भाई में मुकद्दमा होता है, और वह भी अविश्वासियों के सामने। [PE][PS]
7. सचमुच तुम में बड़ा दोष तो यह है, कि आपस में मुकद्दमा करते हो। वरन् अन्याय क्यों नहीं सहते? अपनी हानि क्यों नहीं सहते?
8. वरन् अन्याय करते और हानि पहुँचाते हो, और वह भी भाइयों को। [PE][PS]
9. क्या तुम नहीं जानते, कि अन्यायी लोग परमेश्‍वर के राज्य के वारिस न होंगे? धोखा न खाओ, न वेश्यागामी, न मूर्तिपूजक, न परस्त्रीगामी, न लुच्चे, न पुरुषगामी।
10. न चोर, न लोभी, न पियक्कड़, न गाली देनेवाले, न अंधेर करनेवाले परमेश्‍वर के राज्य के वारिस होंगे।
11. और तुम में से कितने ऐसे ही थे, परन्तु तुम प्रभु यीशु मसीह के नाम से और हमारे परमेश्‍वर के आत्मा से धोए गए, और पवित्र हुए और धर्मी ठहरे। शरीर और आत्मा में परमेश्‍वर की महिमा [PE][PS]
12. सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुएँ लाभ की नहीं, सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित हैं, परन्तु मैं किसी बात के अधीन न हूँगा।
13. भोजन पेट के लिये, और पेट भोजन के लिये है, परन्तु परमेश्‍वर इसको और उसको दोनों को नाश करेगा, परन्तु देह व्यभिचार के लिये नहीं, वरन् प्रभु के लिये; और प्रभु देह के लिये है। [PE][PS]
14. और परमेश्‍वर ने अपनी सामर्थ्य से प्रभु को जिलाया, और हमें भी जिलाएगा।
15. क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? तो क्या मैं मसीह के अंग लेकर उन्हें वेश्या के अंग बनाऊँ? कदापि नहीं। [PE][PS]
16. क्या तुम नहीं जानते, कि जो कोई वेश्या से संगति करता है, वह उसके साथ एक तन हो जाता है क्योंकि लिखा है, “वे दोनों एक तन होंगे।” (मर. 10:8)
17. और जो प्रभु की संगति में रहता है*, वह उसके साथ एक आत्मा हो जाता है। [PE][PS]
18. व्यभिचार से बचे रहो जितने और पाप मनुष्य करता है, वे देह के बाहर हैं, परन्तु व्यभिचार करनेवाला अपनी ही देह के विरुद्ध पाप करता है। [PE][PS]
19. क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर है*; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्‍वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो?
20. क्योंकि दाम देकर मोल लिये गए हो, इसलिए अपनी देह के द्वारा परमेश्‍वर की महिमा करो। [PE]

Notes

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1 कुरिन्थियों 6:32
1. {आपसी विवादों का निबटारा} PS क्या तुम में से किसी को यह साहस है, कि जब दूसरे के साथ झगड़ा* हो, तो फैसले के लिये अधर्मियों के पास जाए; और पवित्र लोगों के पास जाए?
2. क्या तुम नहीं जानते, कि पवित्र लोग* जगत का न्याय करेंगे? और जब तुम्हें जगत का न्याय करना है, तो क्या तुम छोटे से छोटे झगड़ों का भी निर्णय करने के योग्य नहीं? (दानि. 7:22)
3. क्या तुम नहीं जानते, कि हम स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे? तो क्या सांसारिक बातों का निर्णय करे? PEPS
4. यदि तुम्हें सांसारिक बातों का निर्णय करना हो, तो क्या उन्हीं को बैठाओगे जो कलीसिया में कुछ नहीं समझे जाते हैं?
5. मैं तुम्हें लज्जित करने के लिये यह कहता हूँ। क्या सचमुच तुम में से एक भी बुद्धिमान नहीं मिलता, जो अपने भाइयों का निर्णय कर सके?
6. वरन् भाई-भाई में मुकद्दमा होता है, और वह भी अविश्वासियों के सामने। PEPS
7. सचमुच तुम में बड़ा दोष तो यह है, कि आपस में मुकद्दमा करते हो। वरन् अन्याय क्यों नहीं सहते? अपनी हानि क्यों नहीं सहते?
8. वरन् अन्याय करते और हानि पहुँचाते हो, और वह भी भाइयों को। PEPS
9. क्या तुम नहीं जानते, कि अन्यायी लोग परमेश्‍वर के राज्य के वारिस होंगे? धोखा खाओ, वेश्यागामी, मूर्तिपूजक, परस्त्रीगामी, लुच्चे, पुरुषगामी।
10. चोर, लोभी, पियक्कड़, गाली देनेवाले, अंधेर करनेवाले परमेश्‍वर के राज्य के वारिस होंगे।
11. और तुम में से कितने ऐसे ही थे, परन्तु तुम प्रभु यीशु मसीह के नाम से और हमारे परमेश्‍वर के आत्मा से धोए गए, और पवित्र हुए और धर्मी ठहरे। शरीर और आत्मा में परमेश्‍वर की महिमा PEPS
12. सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुएँ लाभ की नहीं, सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित हैं, परन्तु मैं किसी बात के अधीन हूँगा।
13. भोजन पेट के लिये, और पेट भोजन के लिये है, परन्तु परमेश्‍वर इसको और उसको दोनों को नाश करेगा, परन्तु देह व्यभिचार के लिये नहीं, वरन् प्रभु के लिये; और प्रभु देह के लिये है। PEPS
14. और परमेश्‍वर ने अपनी सामर्थ्य से प्रभु को जिलाया, और हमें भी जिलाएगा।
15. क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? तो क्या मैं मसीह के अंग लेकर उन्हें वेश्या के अंग बनाऊँ? कदापि नहीं। PEPS
16. क्या तुम नहीं जानते, कि जो कोई वेश्या से संगति करता है, वह उसके साथ एक तन हो जाता है क्योंकि लिखा है, “वे दोनों एक तन होंगे।” (मर. 10:8)
17. और जो प्रभु की संगति में रहता है*, वह उसके साथ एक आत्मा हो जाता है। PEPS
18. व्यभिचार से बचे रहो जितने और पाप मनुष्य करता है, वे देह के बाहर हैं, परन्तु व्यभिचार करनेवाला अपनी ही देह के विरुद्ध पाप करता है। PEPS
19. क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर है*; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्‍वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो?
20. क्योंकि दाम देकर मोल लिये गए हो, इसलिए अपनी देह के द्वारा परमेश्‍वर की महिमा करो। PE
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