1. {शूही बिल्दद का वचन} [PS] तब शूही बिल्दद ने कहा, [QBR]
2. “तुम कब तक फंदे लगा-लगाकर वचन पकड़ते रहोगे? [QBR] चित्त लगाओ, तब हम बोलेंगे। [QBR]
3. हम लोग तुम्हारी दृष्टि में क्यों पशु के तुल्य समझे जाते, [QBR] और मूर्ख ठहरे हैं। [QBR]
4. हे अपने को क्रोध में फाड़नेवाले [QBR] क्या तेरे निमित्त पृथ्वी उजड़ जाएगी, [QBR] और चट्टान अपने स्थान से हट जाएगी? [QBR]
5. “तो भी दुष्टों का दीपक बुझ जाएगा, [QBR] और उसकी आग की लौ न चमकेगी। [QBR]
6. उसके डेरे में का उजियाला अंधेरा हो जाएगा, [QBR] और उसके ऊपर का दिया बुझ जाएगा। [QBR]
7. उसके बड़े-बड़े फाल छोटे हो जाएँगे [QBR] और वह अपनी ही युक्ति के द्वारा गिरेगा। [QBR]
8. वह अपना ही पाँव जाल में फँसाएगा*, [QBR] वह फंदों पर चलता है। [QBR]
9. उसकी एड़ी फंदे में फंस जाएगी, [QBR] और वह जाल में पकड़ा जाएगा। [QBR]
10. फंदे की रस्सियाँ उसके लिये भूमि में, [QBR] और जाल रास्ते में छिपा दिया गया है। [QBR]
11. चारों ओर से डरावनी वस्तुएँ उसे डराएँगी [QBR] और उसके पीछे पड़कर उसको भगाएँगी। [QBR]
12. उसका बल दुःख से घट जाएगा, [QBR] और विपत्ति उसके पास ही तैयार रहेगी। [QBR]
13. वह उसके अंग को खा जाएगी, [QBR] वरन् मृत्यु का पहलौठा उसके अंगों को खा लेगा। [QBR]
14. अपने जिस डेरे का भरोसा वह करता है, [QBR] उससे वह छीन लिया जाएगा; [QBR] और वह भयंकरता के राजा के पास पहुँचाया जाएगा। [QBR]
15. जो उसके यहाँ का नहीं है वह उसके डेरे में वास करेगा, [QBR] और उसके घर पर गन्धक छितराई जाएगी*। [QBR]
16. उसकी जड़ तो सूख जाएगी, [QBR] और डालियाँ कट जाएँगी। [QBR]
17. पृथ्वी पर से उसका स्मरण मिट जाएगा, [QBR] और बाजार में उसका नाम कभी न सुन पड़ेगा। [QBR]
18. वह उजियाले से अंधियारे में ढकेल दिया जाएगा, [QBR] और जगत में से भी भगाया जाएगा। [QBR]
19. उसके कुटुम्बियों में उसके कोई पुत्र-पौत्र न रहेगा, [QBR] और जहाँ वह रहता था, वहाँ कोई बचा न रहेगा। (अय्यू. 27:14) [QBR]
20. उसका दिन देखकर पश्चिम के लोग भयाकुल होंगे, [QBR] और पूर्व के निवासियों के रोएँ खड़े हो जाएँगे। (भज. 37:13) [QBR]
21. निःसन्देह कुटिल लोगों के निवास ऐसे हो जाते हैं, [QBR] और जिसको परमेश्वर का ज्ञान नहीं रहता, उसका स्थान ऐसा ही हो जाता है।” [PE]