पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
अय्यूब
1. {शूही बिल्दद का वचन} [PS] तब शूही बिल्दद ने कहा, [QBR]
2. “प्रभुता करना और डराना यह उसी का काम है*; [QBR] वह अपने ऊँचे-ऊँचे स्थानों में शान्ति रखता है। [QBR]
3. क्या उसकी सेनाओं की गिनती हो सकती? [QBR] और कौन है जिस पर उसका प्रकाश नहीं पड़ता? [QBR]
4. फिर मनुष्य परमेश्‍वर की दृष्टि में धर्मी कैसे ठहर सकता है? [QBR] और जो स्त्री से उत्‍पन्‍न हुआ है वह कैसे निर्मल हो सकता है? [QBR]
5. देख, उसकी दृष्टि में चन्द्रमा भी अंधेरा ठहरता, [QBR] और तारे भी निर्मल नहीं ठहरते। [QBR]
6. फिर मनुष्य की क्या गिनती जो कीड़ा है, [QBR] और आदमी कहाँ रहा जो केंचुआ है!” [PE]

Notes

No Verse Added

Total 42 Chapters, Current Chapter 25 of Total Chapters 42
अय्यूब 25:9
1. {शूही बिल्दद का वचन} PS तब शूही बिल्दद ने कहा,
2. “प्रभुता करना और डराना यह उसी का काम है*;
वह अपने ऊँचे-ऊँचे स्थानों में शान्ति रखता है।
3. क्या उसकी सेनाओं की गिनती हो सकती?
और कौन है जिस पर उसका प्रकाश नहीं पड़ता?
4. फिर मनुष्य परमेश्‍वर की दृष्टि में धर्मी कैसे ठहर सकता है?
और जो स्त्री से उत्‍पन्‍न हुआ है वह कैसे निर्मल हो सकता है?
5. देख, उसकी दृष्टि में चन्द्रमा भी अंधेरा ठहरता,
और तारे भी निर्मल नहीं ठहरते।
6. फिर मनुष्य की क्या गिनती जो कीड़ा है,
और आदमी कहाँ रहा जो केंचुआ है!” PE
Total 42 Chapters, Current Chapter 25 of Total Chapters 42
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References