1. फिर यहोवा ने अय्यूब से यह भी कहाः [QBR]
2. “क्या जो बकवास करता है वह सर्वशक्तिमान से झगड़ा करे? [QBR] जो परमेश्वर से विवाद करता है वह इसका उत्तर दे।” अय्यूब द्वारा परमेश्वर को उत्तर [PE][PS]
3. तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दियाः [QBR]
4. “देख, मैं तो तुच्छ हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दूँ? [QBR] मैं अपनी उँगली दाँत तले दबाता हूँ। [QBR]
5. एक बार तो मैं कह चुका*, परन्तु और कुछ न कहूँगाः [QBR] हाँ दो बार भी मैं कह चुका, परन्तु अब कुछ और आगे न बढ़ूँगा।” [QBR]
6. तब यहोवा ने अय्यूब को आँधी में से यह उत्तर दियाः [QBR]
7. “पुरुष के समान अपनी कमर बाँध ले, [QBR] मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे बता। (अय्यूब. 38:3) [QBR]
8. क्या तू मेरा न्याय भी व्यर्थ ठहराएगा? [QBR] क्या तू आप निर्दोष ठहरने की मनसा से मुझ को दोषी ठहराएगा? [QBR]
9. क्या तेरा बाहुबल परमेश्वर के तुल्य है? [QBR] क्या तू उसके समान शब्द से गरज सकता है? [QBR]
10. “अब अपने को महिमा और प्रताप से संवार [QBR] और ऐश्वर्य और तेज के वस्त्र पहन ले। [QBR]
11. अपने अति क्रोध की बाढ़ को बहा दे, [QBR] और एक-एक घमण्डी को देखते ही उसे नीचा कर। [QBR]
12. हर एक घमण्डी को देखकर झुका दे, [QBR] और दुष्ट लोगों को जहाँ खड़े हों वहाँ से गिरा दे। [QBR]
13. उनको एक संग मिट्टी में मिला दे, [QBR] और उस गुप्त स्थान में उनके मुँह बाँध दे। [QBR]
14. तब मैं भी तेरे विषय में मान लूँगा, [QBR] कि तेरा ही दाहिना हाथ तेरा उद्धार कर सकता है। [QBR]
15. “उस जलगज को देख, जिसको मैंने तेरे साथ बनाया है, [QBR] वह बैल के समान घास खाता है। [QBR]
16. देख उसकी कटि में बल है, [QBR] और उसके पेट के पट्ठों में उसकी सामर्थ्य रहती है। [QBR]
17. वह अपनी पूँछ को देवदार के समान हिलाता है; [QBR] उसकी जाँघों की नसें एक-दूसरे से मिली हुई हैं। [QBR]
18. उसकी हड्डियाँ मानो पीतल की नलियाँ हैं, [QBR] उसकी पसलियाँ मानो लोहे के बेंड़े हैं। [QBR]
19. “वह परमेश्वर का मुख्य कार्य है; [QBR] जो उसका सृजनहार हो उसके निकट तलवार लेकर आए! [QBR]
20. निश्चय पहाड़ों पर उसका चारा मिलता है, [QBR] जहाँ और सब वन पशु कलोल करते हैं। [QBR]
21. वह कमल के पौधों के नीचे रहता नरकटों की आड़ में [QBR] और कीच पर लेटा करता है [QBR]
22. कमल के पौधे उस पर छाया करते हैं, [QBR] वह नाले के बेंत के वृक्षों से घिरा रहता है। [QBR]
23. चाहे नदी की बाढ़ भी हो तो भी वह न घबराएगा, [QBR] चाहे यरदन भी बढ़कर उसके मुँह तक आए परन्तु वह निर्भय रहेगा। [QBR]
24. जब वह चौकस हो तब क्या कोई उसको पकड़ सकेगा, [QBR] या उसके नाथ में फंदा लगा सकेगा? [PE]