पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यहोशू
1. {कनान के दक्षिणी भाग का जोता जाना} [PS] जब यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक* ने सुना कि यहोशू ने आई को ले लिया, और उसका सत्यानाश कर डाला है, और जैसा उसने यरीहो और उसके राजा से किया था वैसा ही आई और उसके राजा से भी किया है, और यह भी सुना कि गिबोन के निवासियों ने इस्राएलियों से मेल किया, और उनके बीच रहने लगे हैं,
2. तब वे बहुत डर गए, क्योंकि गिबोन बड़ा नगर वरन् राजनगर के तुल्य और आई से बड़ा था, और उसके सब निवासी शूरवीर थे।
3. इसलिए यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने हेब्रोन के राजा होहाम, यर्मूत के राजा पिराम, लाकीश के राजा यापी, और एग्लोन के राजा दबीर के पास यह कहला भेजा,
4. “मेरे पास आकर मेरी सहायता करो, और चलो हम गिबोन को मारें; क्योंकि उसने यहोशू और इस्राएलियों से मेल कर लिया है।”
5. इसलिए यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के पाँचों एमोरी राजाओं ने अपनी-अपनी सारी सेना इकट्ठी करके चढ़ाई कर दी, और गिबोन के सामने डेरे डालकर उससे युद्ध छेड़ दिया।
6. तक गिबोन के निवासियों ने गिलगाल की छावनी में यहोशू के पास यह कहला भेजा, “अपने दासों की ओर से तू अपना हाथ न हटाना; शीघ्र हमारे पास आकर हमें बचा ले, और हमारी सहायता कर; क्योंकि पहाड़ पर रहनेवाले एमोरियों के सब राजा हमारे विरुद्ध इकट्ठे हुए हैं।”
7. तब यहोशू सारे योद्धाओं और सब शूरवीरों को संग लेकर गिलगाल से चल पड़ा।
8. और यहोवा ने यहोशू से कहा, “उनसे मत डर, क्योंकि मैंने उनको तेरे हाथ में कर दिया है; उनमें से एक पुरुष भी तेरे सामने टिक न सकेगा।”
9. तब यहोशू रातोंरात गिलगाल से जाकर एकाएक उन पर टूट पड़ा।
10. तब यहोवा ने ऐसा किया कि वे इस्राएलियों से घबरा गए, और इस्राएलियों ने गिबोन के पास उनका बड़ा संहार किया, और बेथोरोन के चढ़ाव पर उनका पीछा करके अजेका और मक्केदा तक उनको मारते गए।
11. फिर जब वे इस्राएलियों के सामने से भागकर बेथोरोन की उतराई पर आए, तब अजेका पहुँचने तक यहोवा ने आकाश से बड़े-बड़े पत्थर उन पर बरसाएँ, और वे मर गए; जो ओलों से मारे गए उनकी गिनती इस्राएलियों की तलवार से मारे हुओं से अधिक थी।।
12. उस समय, अर्थात् जिस दिन यहोवा ने एमोरियों को इस्राएलियों के वश में कर दिया, उस दिन यहोशू ने यहोवा से इस्राएलियों के देखते इस प्रकार कहा, [QBR] “हे सूर्य, तू गिबोन पर, और हे चन्द्रमा*, तू अय्यालोन की तराई के ऊपर थमा रह।” [QBR]
13. और सूर्य उस समय तक थमा रहा; [QBR] और चन्द्रमा उस समय तक ठहरा रहा, जब तक उस जाति के लोगों ने अपने शत्रुओं से बदला न लिया।। [PE][PS] क्या यह बात याशार नामक पुस्तक में नहीं लिखी है कि सूर्य आकाशमण्डल के बीचोबीच ठहरा रहा, और लगभग चार पहर तक न डूबा?
14. न तो उससे पहले कोई ऐसा दिन हुआ और न उसके बाद, जिसमें यहोवा ने किसी पुरुष की सुनी हो; क्योंकि यहोवा तो इस्राएल की ओर से लड़ता था।। [PE][PS]
15. तब यहोशू सारे इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी को लौट गया।। [PS]
16. {एमोरियों के पाँचों राजाओं का बन्दी बनाया जाना} [PS] वे पाँचों राजा भागकर मक्केदा के पास की गुफा में जा छिपे।
17. तब यहोशू को यह समाचार मिला, “पाँचों राजा मक्केदा के पास की गुफा में छिपे हुए हमें मिले हैं।”
18. यहोशू ने कहा, “गुफा के मुँह पर बड़े-बड़े पत्थर लुढ़काकर उनकी देख-भाल के लिये मनुष्यों को उसके पास बैठा दो;
19. परन्तु तुम मत ठहरो, अपने शत्रुओं का पीछा करके उनमें से जो-जो पिछड़ गए हैं उनको मार डालो, उन्हें अपने-अपने नगर में प्रवेश करने का अवसर न दो; क्योंकि तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने उनको तुम्हारे हाथ में कर दिया है।”
20. जब यहोशू और इस्राएली उनका संहार करके उन्हें नाश कर चुके, और उनमें से जो बच गए वे अपने-अपने गढ़वाले नगर में घुस गए,
21. तब सब लोग मक्केदा की छावनी को यहोशू के पास कुशल-क्षेम से लौट आए; और इस्राएलियों के विरुद्ध किसी ने जीभ तक न हिलाई।
22. तब यहोशू ने आज्ञा दी, “गुफा का मुँह खोलकर उन पाँचों राजाओं को मेरे पास निकाल ले आओ।”
23. उन्होंने ऐसा ही किया, और यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के उन पाँचों राजाओं को गुफा में से उसके पास निकाल ले आए।
24. जब वे उन राजाओं को यहोशू के पास निकाल ले आए, तब यहोशू ने इस्राएल के सब पुरुषों को बुलाकर अपने साथ चलनेवाले योद्धाओं के प्रधानों से कहा, “निकट आकर अपने-अपने पाँव इन राजाओं की गर्दनों पर रखो” और उन्होंने निकट जाकर अपने-अपने पाँव उनकी गर्दनों पर रखे।
25. तब यहोशू ने उनसे कहा, “डरो मत, और न तुम्हारा मन कच्चा हो; हियाव बाँधकर दृढ़ हो; क्योंकि यहोवा तुम्हारे सब शत्रुओं से जिनसे तुम लड़नेवाले हो ऐसा ही करेगा।”
26. इसके बाद यहोशू ने उनको मरवा डाला, और पाँच वृक्षों पर लटका दिया। और वे सांझ तक उन वृक्षों पर लटके रहे।
27. सूर्य डूबते-डूबते यहोशू से आज्ञा पाकर लोगों ने उन्हें उन वृक्षों पर से उतार के उसी गुफा में जहाँ वे छिप गए थे डाल दिया, और उस गुफा के मुँह पर बड़े-बड़े पत्थर रख दिए, वे आज तक वहीं रखे हुए हैं।
28. उसी दिन यहोशू ने मक्केदा को ले लिया, और उसको तलवार से मारा, और उसके राजा का सत्यानाश किया; और जितने प्राणी उसमें थे उन सभी में से किसी को जीवित न छोड़ा; और जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था वैसा ही मक्केदा के राजा से भी किया।।
29. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत मक्केदा से चलकर लिब्ना को गया, और लिब्ना से लड़ा;
30. और यहोवा ने उसको भी राजा समेत इस्राएलियों के हाथ में कर दिया; और यहोशू ने उसको और उसमें के सब प्राणियों को तलवार से मारा; और उसमें से किसी को भी जीवित न छोड़ा; और उसके राजा से वैसा ही किया जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था।।
31. फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत लिब्ना से चलकर लाकीश को गया, और उसके विरुद्ध छावनी डालकर लड़ा;
32. और यहोवा ने लाकीश को इस्राएल के हाथ में कर दिया, और दूसरे दिन उसने उसको जीत लिया; और जैसा उसने लिब्ना के सब प्राणियों को तलवार से मारा था वैसा ही उसने लाकीश से भी किया।।
33. तब गेजेर का राजा होराम लाकीश की सहायता करने को चढ़ आया; और यहोशू ने प्रजा समेत उसको भी ऐसा मारा कि उसके लिये किसी को जीवित न छोड़ा।।
34. फिर यहोशू ने सब इस्राएलियों समेत लाकीश से चलकर एग्लोन को गया; और उसके विरुद्ध छावनी डालकर युद्ध करने लगा;
35. और उसी दिन उन्होंने उसको ले लिया, और उसको तलवार से मारा; और उसी दिन जैसा उसने लाकीश के सब प्राणियों का सत्यानाश कर डाला था वैसा ही उसने एग्लोन से भी किया।
36. फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत एग्लोन से चलकर हेब्रोन को गया, और उससे लड़ने लगा;
37. और उन्होंने उसे ले लिया, और उसको और उसके राजा और सब गाँवों को और उनमें के सब प्राणियों को तलवार से मारा; जैसा यहोशू ने एग्लोन से किया था वैसा ही उसने हेब्रोन में भी किसी को जीवित न छोड़ा; उसने उसको और उसमें के सब प्राणियों का सत्यानाश कर डाला।
38. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत घूमकर दबीर को गया, और उससे लड़ने लगा;
39. और राजा समेत उसे और उसके सब गाँवों को ले लिया; और उन्होंने उनको तलवार से घात किया, और जितने प्राणी उनमें थे सब का सत्यानाश कर डाला; किसी को जीवित न छोड़ा, जैसा यहोशू ने हेब्रोन और लिब्ना और उसके राजा से किया था वैसा ही उसने दबीर और उसके राजा से भी किया।
40. इसी प्रकार यहोशू ने उस सारे देश को, अर्थात् पहाड़ी देश, दक्षिण देश, नीचे के देश, और ढालू देश को, उनके सब राजाओं समेत मारा; और इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किसी को जीवित न छोड़ा, वरन् जितने प्राणी थे सभी का सत्यानाश कर डाला।
41. और यहोशू ने कादेशबर्ने से ले गाज़ा तक, और गिबोन तक के सारे गोशेन देश के लोगों को मारा।
42. इन सब राजाओं को उनके देशों समेत यहोशू ने एक ही समय में ले लिया, क्योंकि इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा इस्राएलियों की ओर से लड़ता था।
43. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी में लौट आया।। [PE]

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यहोशू 10:1
1. {कनान के दक्षिणी भाग का जोता जाना} PS जब यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक* ने सुना कि यहोशू ने आई को ले लिया, और उसका सत्यानाश कर डाला है, और जैसा उसने यरीहो और उसके राजा से किया था वैसा ही आई और उसके राजा से भी किया है, और यह भी सुना कि गिबोन के निवासियों ने इस्राएलियों से मेल किया, और उनके बीच रहने लगे हैं,
2. तब वे बहुत डर गए, क्योंकि गिबोन बड़ा नगर वरन् राजनगर के तुल्य और आई से बड़ा था, और उसके सब निवासी शूरवीर थे।
3. इसलिए यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने हेब्रोन के राजा होहाम, यर्मूत के राजा पिराम, लाकीश के राजा यापी, और एग्लोन के राजा दबीर के पास यह कहला भेजा,
4. “मेरे पास आकर मेरी सहायता करो, और चलो हम गिबोन को मारें; क्योंकि उसने यहोशू और इस्राएलियों से मेल कर लिया है।”
5. इसलिए यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के पाँचों एमोरी राजाओं ने अपनी-अपनी सारी सेना इकट्ठी करके चढ़ाई कर दी, और गिबोन के सामने डेरे डालकर उससे युद्ध छेड़ दिया।
6. तक गिबोन के निवासियों ने गिलगाल की छावनी में यहोशू के पास यह कहला भेजा, “अपने दासों की ओर से तू अपना हाथ हटाना; शीघ्र हमारे पास आकर हमें बचा ले, और हमारी सहायता कर; क्योंकि पहाड़ पर रहनेवाले एमोरियों के सब राजा हमारे विरुद्ध इकट्ठे हुए हैं।”
7. तब यहोशू सारे योद्धाओं और सब शूरवीरों को संग लेकर गिलगाल से चल पड़ा।
8. और यहोवा ने यहोशू से कहा, “उनसे मत डर, क्योंकि मैंने उनको तेरे हाथ में कर दिया है; उनमें से एक पुरुष भी तेरे सामने टिक सकेगा।”
9. तब यहोशू रातोंरात गिलगाल से जाकर एकाएक उन पर टूट पड़ा।
10. तब यहोवा ने ऐसा किया कि वे इस्राएलियों से घबरा गए, और इस्राएलियों ने गिबोन के पास उनका बड़ा संहार किया, और बेथोरोन के चढ़ाव पर उनका पीछा करके अजेका और मक्केदा तक उनको मारते गए।
11. फिर जब वे इस्राएलियों के सामने से भागकर बेथोरोन की उतराई पर आए, तब अजेका पहुँचने तक यहोवा ने आकाश से बड़े-बड़े पत्थर उन पर बरसाएँ, और वे मर गए; जो ओलों से मारे गए उनकी गिनती इस्राएलियों की तलवार से मारे हुओं से अधिक थी।।
12. उस समय, अर्थात् जिस दिन यहोवा ने एमोरियों को इस्राएलियों के वश में कर दिया, उस दिन यहोशू ने यहोवा से इस्राएलियों के देखते इस प्रकार कहा,
“हे सूर्य, तू गिबोन पर, और हे चन्द्रमा*, तू अय्यालोन की तराई के ऊपर थमा रह।”
13. और सूर्य उस समय तक थमा रहा;
और चन्द्रमा उस समय तक ठहरा रहा, जब तक उस जाति के लोगों ने अपने शत्रुओं से बदला लिया।। PEPS क्या यह बात याशार नामक पुस्तक में नहीं लिखी है कि सूर्य आकाशमण्डल के बीचोबीच ठहरा रहा, और लगभग चार पहर तक डूबा?
14. तो उससे पहले कोई ऐसा दिन हुआ और उसके बाद, जिसमें यहोवा ने किसी पुरुष की सुनी हो; क्योंकि यहोवा तो इस्राएल की ओर से लड़ता था।। PEPS
15. तब यहोशू सारे इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी को लौट गया।। PS
16. {एमोरियों के पाँचों राजाओं का बन्दी बनाया जाना} PS वे पाँचों राजा भागकर मक्केदा के पास की गुफा में जा छिपे।
17. तब यहोशू को यह समाचार मिला, “पाँचों राजा मक्केदा के पास की गुफा में छिपे हुए हमें मिले हैं।”
18. यहोशू ने कहा, “गुफा के मुँह पर बड़े-बड़े पत्थर लुढ़काकर उनकी देख-भाल के लिये मनुष्यों को उसके पास बैठा दो;
19. परन्तु तुम मत ठहरो, अपने शत्रुओं का पीछा करके उनमें से जो-जो पिछड़ गए हैं उनको मार डालो, उन्हें अपने-अपने नगर में प्रवेश करने का अवसर दो; क्योंकि तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने उनको तुम्हारे हाथ में कर दिया है।”
20. जब यहोशू और इस्राएली उनका संहार करके उन्हें नाश कर चुके, और उनमें से जो बच गए वे अपने-अपने गढ़वाले नगर में घुस गए,
21. तब सब लोग मक्केदा की छावनी को यहोशू के पास कुशल-क्षेम से लौट आए; और इस्राएलियों के विरुद्ध किसी ने जीभ तक हिलाई।
22. तब यहोशू ने आज्ञा दी, “गुफा का मुँह खोलकर उन पाँचों राजाओं को मेरे पास निकाल ले आओ।”
23. उन्होंने ऐसा ही किया, और यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के उन पाँचों राजाओं को गुफा में से उसके पास निकाल ले आए।
24. जब वे उन राजाओं को यहोशू के पास निकाल ले आए, तब यहोशू ने इस्राएल के सब पुरुषों को बुलाकर अपने साथ चलनेवाले योद्धाओं के प्रधानों से कहा, “निकट आकर अपने-अपने पाँव इन राजाओं की गर्दनों पर रखो” और उन्होंने निकट जाकर अपने-अपने पाँव उनकी गर्दनों पर रखे।
25. तब यहोशू ने उनसे कहा, “डरो मत, और तुम्हारा मन कच्चा हो; हियाव बाँधकर दृढ़ हो; क्योंकि यहोवा तुम्हारे सब शत्रुओं से जिनसे तुम लड़नेवाले हो ऐसा ही करेगा।”
26. इसके बाद यहोशू ने उनको मरवा डाला, और पाँच वृक्षों पर लटका दिया। और वे सांझ तक उन वृक्षों पर लटके रहे।
27. सूर्य डूबते-डूबते यहोशू से आज्ञा पाकर लोगों ने उन्हें उन वृक्षों पर से उतार के उसी गुफा में जहाँ वे छिप गए थे डाल दिया, और उस गुफा के मुँह पर बड़े-बड़े पत्थर रख दिए, वे आज तक वहीं रखे हुए हैं।
28. उसी दिन यहोशू ने मक्केदा को ले लिया, और उसको तलवार से मारा, और उसके राजा का सत्यानाश किया; और जितने प्राणी उसमें थे उन सभी में से किसी को जीवित छोड़ा; और जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था वैसा ही मक्केदा के राजा से भी किया।।
29. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत मक्केदा से चलकर लिब्ना को गया, और लिब्ना से लड़ा;
30. और यहोवा ने उसको भी राजा समेत इस्राएलियों के हाथ में कर दिया; और यहोशू ने उसको और उसमें के सब प्राणियों को तलवार से मारा; और उसमें से किसी को भी जीवित छोड़ा; और उसके राजा से वैसा ही किया जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था।।
31. फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत लिब्ना से चलकर लाकीश को गया, और उसके विरुद्ध छावनी डालकर लड़ा;
32. और यहोवा ने लाकीश को इस्राएल के हाथ में कर दिया, और दूसरे दिन उसने उसको जीत लिया; और जैसा उसने लिब्ना के सब प्राणियों को तलवार से मारा था वैसा ही उसने लाकीश से भी किया।।
33. तब गेजेर का राजा होराम लाकीश की सहायता करने को चढ़ आया; और यहोशू ने प्रजा समेत उसको भी ऐसा मारा कि उसके लिये किसी को जीवित छोड़ा।।
34. फिर यहोशू ने सब इस्राएलियों समेत लाकीश से चलकर एग्लोन को गया; और उसके विरुद्ध छावनी डालकर युद्ध करने लगा;
35. और उसी दिन उन्होंने उसको ले लिया, और उसको तलवार से मारा; और उसी दिन जैसा उसने लाकीश के सब प्राणियों का सत्यानाश कर डाला था वैसा ही उसने एग्लोन से भी किया।
36. फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत एग्लोन से चलकर हेब्रोन को गया, और उससे लड़ने लगा;
37. और उन्होंने उसे ले लिया, और उसको और उसके राजा और सब गाँवों को और उनमें के सब प्राणियों को तलवार से मारा; जैसा यहोशू ने एग्लोन से किया था वैसा ही उसने हेब्रोन में भी किसी को जीवित छोड़ा; उसने उसको और उसमें के सब प्राणियों का सत्यानाश कर डाला।
38. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत घूमकर दबीर को गया, और उससे लड़ने लगा;
39. और राजा समेत उसे और उसके सब गाँवों को ले लिया; और उन्होंने उनको तलवार से घात किया, और जितने प्राणी उनमें थे सब का सत्यानाश कर डाला; किसी को जीवित छोड़ा, जैसा यहोशू ने हेब्रोन और लिब्ना और उसके राजा से किया था वैसा ही उसने दबीर और उसके राजा से भी किया।
40. इसी प्रकार यहोशू ने उस सारे देश को, अर्थात् पहाड़ी देश, दक्षिण देश, नीचे के देश, और ढालू देश को, उनके सब राजाओं समेत मारा; और इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किसी को जीवित छोड़ा, वरन् जितने प्राणी थे सभी का सत्यानाश कर डाला।
41. और यहोशू ने कादेशबर्ने से ले गाज़ा तक, और गिबोन तक के सारे गोशेन देश के लोगों को मारा।
42. इन सब राजाओं को उनके देशों समेत यहोशू ने एक ही समय में ले लिया, क्योंकि इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा इस्राएलियों की ओर से लड़ता था।
43. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी में लौट आया।। PE
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