1. {दबोरा का गीत} [PS] उसी दिन दबोरा और अबीनोअम के पुत्र बाराक ने यह गीत गाया: [QBR]
2. “इस्राएल के अगुओं ने जो अगुआई की और प्रजा जो अपनी ही इच्छा से भरती हुई, [QBR] इसके लिये यहोवा को धन्य कहो! [QBR]
3. “हे राजाओं, सुनो; हे अधिपतियों कान लगाओ, [QBR] मैं आप यहोवा के लिये गीत गाऊँगी; [QBR] इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का मैं भजन करूँगी। [QBR]
4. हे यहोवा, जब तू सेईर से निकल चला, [QBR] जब तूने एदोम के देश से प्रस्थान किया, [QBR] तब पृथ्वी डोल उठी, और आकाश टूट पड़ा, [QBR] बादल से भी जल बरसने लगा। (इब्रा. 12:26) [QBR]
5. यहोवा के प्रताप से पहाड़, [QBR] इस्राएल के परमेश्वर [QBR] यहोवा के प्रताप से वह सीनै पिघलकर बहने लगा। [QBR]
6. “अनात के पुत्र शमगर के दिनों में, [QBR] और याएल के दिनों में सड़कें सूनी पड़ी थीं, [QBR] और बटोही पगडण्डियों से चलते थे। [QBR]
7. जब तक मैं दबोरा न उठी, [QBR] जब तक मैं इस्राएल में माता होकर न उठी, [QBR] तब तक गाँव सूने पड़े थे। (2 शमू. 20:19) [QBR]
8. नये-नये देवता माने गए, [QBR] उस समय फाटकों में लड़ाई होती थी। [QBR] क्या चालीस हजार इस्राएलियों में भी ढाल [QBR] या बर्छी कहीं देखने में आती थी? [QBR]
9. मेरा मन इस्राएल के हाकिमों की ओर लगा है, [QBR] जो प्रजा के बीच में अपनी ही इच्छा से भरती हुए। [QBR] यहोवा को धन्य कहो। [QBR]
10. “हे उजली गदहियों पर चढ़नेवालों, [QBR] हे फर्शों पर विराजनेवालो, [QBR] हे मार्ग पर पैदल चलनेवालों ध्यान रखो। [QBR]
11. पनघटों के आस-पास धनुर्धारियों की बात के कारण, वहाँ वे यहोवा के धर्ममय कामों का, इस्राएल के लिये उसके धर्ममय कामों का वर्णन करेंगे। [QBR] उस समय यहोवा की प्रजा के लोग फाटकों के पास गए। [QBR]
12. “जाग, जाग, हे दबोरा! [QBR] जाग, जाग, गीत सुना! हे बाराक, उठ, [QBR] हे अबीनोअम के पुत्र, [QBR] अपने बन्दियों को बँधुआई में ले चल। [QBR]
13. उस समय थोड़े से रईस प्रजा समेत उतर पड़े; [QBR] यहोवा शूरवीरों के विरुद्ध मेरे हित में उतर आया। (रोम. 8:37, भज. 75:7) [QBR]
14. एप्रैम में से वे आए जिसकी जड़ अमालेक में है; [QBR] हे बिन्यामीन, तेरे पीछे तेरे दलों में, [QBR] माकीर में से हाकिम, और जबूलून में से सेनापति का दण्ड लिए हुए उतरे; (न्या. 2:15) [QBR]
15. और इस्साकार के हाकिम दबोरा के संग हुए, [QBR] जैसा इस्साकार वैसा ही बाराक भी था; [QBR] उसके पीछे लगे हुए वे तराई में झपटकर गए। [QBR] रूबेन की नदियों के पास बड़े-बड़े काम मन में ठाने गए। [QBR]
16. तू चरवाहों का सीटी बजाना सुनने को भेड़शालों के बीच क्यों बैठा रहा? [QBR] रूबेन की नदियों के पास बड़े-बड़े काम सोचे गए*। [QBR]
17. गिलाद यरदन पार रह गया; और दान क्यों जहाजों में रह गया? [QBR] आशेर समुद्र तट पर बैठा रहा, [QBR] और उसकी खाड़ियों के पास रह गया। [QBR]
18. जबूलून अपने प्राण पर खेलनेवाले लोग ठहरे; [QBR] नप्ताली भी देश के ऊँचे-ऊँचे स्थानों पर वैसा ही ठहरा। [QBR]
19. “राजा आकर लड़े, उस समय कनान के राजा मगिद्दो के सोतों के पास तानाक में लड़े; पर रुपयों का कुछ लाभ न पाया*। (प्रका. 16:16) [QBR]
20. आकाश की ओर से भी लड़ाई हुई; [QBR] वरन् तारों ने अपने-अपने मण्डल से सीसरा से लड़ाई की। [QBR]
21. कीशोन नदी ने उनको बहा दिया, [QBR] अर्थात् वही प्राचीन नदी जो कीशोन नदी है। [QBR] हे मन, हियाव बाँधे आगे बढ़। [QBR]
22. “उस समय घोड़े के खुरों से टाप का शब्द होने लगा, [QBR] उनके बलिष्ठ घोड़ों के कूदने से यह हुआ। [QBR]
23. “यहोवा का दूत कहता है, कि मेरोज को श्राप दो*, उसके निवासियों को भारी श्राप दो, क्योंकि वे यहोवा की सहायता करने को, शूरवीरों के विरुद्ध यहोवा की सहायता करने को न आए।। [QBR]
24. “सब स्त्रियों में से केनी हेबेर की स्त्री याएल धन्य ठहरेगी; [QBR] डेरों में रहनेवाली सब स्त्रियों में से वह धन्य ठहरेगी। (लूका 1:42) [QBR]
25. सीसरा ने पानी माँगा, उसने दूध दिया, [QBR] रईसों के योग्य बर्तन में वह मक्खन ले आई। [QBR]
26. उसने अपना हाथ खूँटी की ओर, [QBR] अपना दाहिना हाथ बढ़ई के हथौड़े की ओर बढ़ाया; [QBR] और हथौड़े से सीसरा को मारा, उसके सिर को फोड़ डाला, और उसकी कनपटी को आर-पार छेद दिया। [QBR]
27. उस स्त्री के पाँवों पर वह झुका, वह गिरा, वह पड़ा रहा; [QBR] उस स्त्री के पाँवों पर वह झुका, वह गिरा; [QBR] जहाँ झुका, वहीं मरा पड़ा रहा। [QBR]
28. “खिड़की में से एक स्त्री झाँककर चिल्लाई, [QBR] सीसरा की माता ने झिलमिली की ओट से पुकारा, 'उसके रथ के आने में इतनी देर क्यों लगी? [QBR] उसके रथों के पहियों को देर क्यों हुई है?' [QBR]
29. उसकी बुद्धिमान प्रतिष्ठित स्त्रियों ने उसे उत्तर दिया, [QBR] वरन् उसने अपने आप को इस प्रकार उत्तर दिया, [QBR]
30. 'क्या उन्होंने लूट पाकर बाँट नहीं ली? [QBR] क्या एक-एक पुरुष को एक-एक वरन् दो-दो कुँवारियाँ; [QBR] और सीसरा को रंगीले वस्त्र की लूट, [QBR] वरन् बूटे काढ़े हुए रंगीले वस्त्र की लूट, [QBR] और लूटे हुओं के गले में दोनों ओर बूटे काढ़े हुए रंगीले वस्त्र नहीं मिले?' [QBR]
31. “हे यहोवा, “तेरे सब शत्रु ऐसे ही नाश हो जाएँ! [QBR] परन्तु उसके प्रेमी लोग प्रताप के साथ उदय होते हुए सूर्य के समान तेजोमय हों।” [QBR] फिर देश में चालीस वर्ष तक शान्ति रही। (प्रका. 1:16) [PE]