2. “इस्राएलियों से यह कह कि यदि कोई मनुष्य उन कामों में से जिनको यहोवा ने मना किया है, किसी काम को भूल से करके पापी हो जाए*;
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3. और यदि अभिषिक्त याजक ऐसा पाप करे, जिससे प्रजा दोषी ठहरे, तो अपने पाप के कारण वह एक निर्दोष बछड़ा यहोवा को पापबलि करके चढ़ाए।
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4. वह उस बछड़े को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के आगे ले जाकर उसके सिर पर हाथ रखे, और उस बछड़े को यहोवा के सामने बलि करे।
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6. और याजक अपनी उँगली लहू में डुबो-डुबोकर और उसमें से कुछ लेकर पवित्रस्थान के बीचवाले पर्दे के आगे यहोवा के सामने सात बार छिड़के।
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7. और याजक उस लहू में से कुछ* और लेकर सुगन्धित धूप की वेदी के सींगों पर जो मिलापवाले तम्बू में है यहोवा के सामने लगाए; फिर बछड़े के सब लहू को वेदी के पाए पर होमबलि की वेदी जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है उण्डेल दे।
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8. फिर वह पापबलि के बछड़े की सब चर्बी को उससे अलग करे, अर्थात् जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढपी रहती हैं, और जितनी चर्बी उनमें लिपटी रहती है,
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9. और दोनों गुर्दे और उनके ऊपर की चर्बी जो कमर के पास रहती है, और गुर्दों समेत कलेजे के ऊपर की झिल्ली, इन सभी को वह ऐसे अलग करे,
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12. और सारा माँस, अर्थात् समूचा बछड़ा छावनी से बाहर शुद्ध स्थान में, जहाँ राख डाली जाएगी, ले जाकर लकड़ी पर रखकर आग से जलाए; जहाँ राख डाली जाती है वह वहीं जलाया जाए।
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13. “यदि इस्राएल की सारी मण्डली अज्ञानता के कारण पाप करे और वह बात मण्डली की आँखों से छिपी हो, और वे यहोवा की किसी आज्ञा के विरुद्ध कुछ करके दोषी ठहरे हों;
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14. तो जब उनका किया हुआ पाप प्रगट हो जाए तब मण्डली एक बछड़े को पापबलि करके चढ़ाए। वह उसे मिलापवाले तम्बू के आगे ले जाए,
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15. और मण्डली के वृद्ध लोग अपने-अपने हाथों को यहोवा के आगे बछड़े के सिर पर रखें, और वह बछड़ा यहोवा के सामने बलि किया जाए।
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18. और उसी लहू में से वेदी के सींगों पर जो यहोवा के आगे मिलापवाले तम्बू में है लगाए; और बचा हुआ सब लहू होमबलि की वेदी के पाए पर जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है उण्डेल दे।
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20. जैसे पापबलि के बछड़े से किया था वैसे ही इससे भी करे; इस भाँति याजक इस्राएलियों के लिये प्रायश्चित करे, तब उनका पाप क्षमा किया जाएगा।
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21. और वह बछड़े को छावनी से बाहर ले जाकर उसी भाँति जलाए जैसे पहले बछड़े को जलाया था; यह तो मण्डली के निमित्त पापबलि ठहरेगा।
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22. “जब कोई प्रधान पुरुष पाप करके, अर्थात् अपने परमेश्वर यहोवा कि किसी आज्ञा के विरुद्ध भूल से कुछ करके दोषी हो जाए,
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24. और बकरे के सिर पर अपना हाथ रखे, और बकरे को उस स्थान पर बलि करे जहाँ होमबलि पशु यहोवा के आगे बलि किये जाते हैं; यह पापबलि ठहरेगा।
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25. तब याजक अपनी उँगली से पापबलि पशु के लहू में से कुछ लेकर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसका लहू होमबलि की वेदी के पाए पर उण्डेल दे।
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26. और वह उसकी कुल चर्बी को मेलबलि की चर्बी के समान वेदी पर जलाए; और याजक उसके पाप के विषय में प्रायश्चित करे, तब वह क्षमा किया जाएगा।
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27. “यदि साधारण लोगों में से कोई अज्ञानता से पाप करे, अर्थात् कोई ऐसा काम जिसे यहोवा ने मना किया हो करके दोषी हो, और उसका वह पाप उस पर प्रगट हो जाए,
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30. और याजक उसके लहू में से अपनी उँगली से कुछ लेकर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसके सब लहू को उसी वेदी के पाए पर उण्डेल दे।
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31. और वह उसकी सब चर्बी को मेलबलि पशु की चर्बी के समान अलग करे, तब याजक उसको वेदी पर यहोवा के निमित्त सुखदायक सुगन्ध के लिये जलाए; और इस प्रकार याजक उसके लिये प्रायश्चित करे, तब उसे क्षमा मिलेगी।
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33. और वह अपना हाथ पापबलि पशु के सिर पर रखे, और उसको पापबलि के लिये वहीं बलिदान करे जहाँ होमबलि पशु बलि किया जाता है।
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34. तब याजक अपनी उँगली से पापबलि के लहू में से कुछ लेकर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसके सब लहू को वेदी के पाए पर उण्डेल दे।
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35. और वह उसकी सब चर्बी को मेलबलिवाले मेमने की चर्बी के समान अलग करे, और याजक उसे वेदी पर यहोवा के हवनों के ऊपर जलाए; और इस प्रकार याजक उसके पाप के लिये प्रायश्चित करे, और वह क्षमा किया जाएगा। PE
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