1. [QS]बुद्धिमान पुत्र पिता की शिक्षा सुनता है, [QE][QS]परन्तु ठट्ठा करनेवाला घुड़की को भी नहीं सुनता। [QE]
2. [QS]सज्जन अपनी बातों के कारण* उत्तम वस्तु खाने पाता है, [QE][QS]परन्तु विश्वासघाती लोगों का पेट उपद्रव से भरता है। [QE]
3. [QS]जो अपने मुँह की चौकसी करता है, वह अपने प्राण की रक्षा करता है, [QE][QS]परन्तु जो गाल बजाता है उसका विनाश हो जाता है। [QE]
4. [QS]आलसी का प्राण लालसा तो करता है, परन्तु उसको कुछ नहीं मिलता, [QE][QS]परन्तु कामकाजी हष्ट पुष्ट हो जाते हैं। [QE]
5. [QS]धर्मी झूठे वचन से बैर रखता है, [QE][QS]परन्तु दुष्ट लज्जा का कारण होता है और लज्जित हो जाता है। [QE]
6. [QS]धर्म खरी चाल चलनेवाले की रक्षा करता है, [QE][QS]परन्तु पापी अपनी दुष्टता के कारण उलट जाता है। [QE]
7. [QS]कोई तो धन बटोरता, परन्तु उसके पास कुछ नहीं रहता, [QE][QS]और कोई धन उड़ा देता, फिर भी उसके पास बहुत रहता है। [QE]
8. [QS]धनी मनुष्य के प्राण की छुड़ौती उसके धन से होती है*, [QE][QS]परन्तु निर्धन ऐसी घुड़की को सुनता भी नहीं। [QE]
9. [QS]धर्मियों की ज्योति आनन्द के साथ रहती है, [QE][QS]परन्तु दुष्टों का दिया बुझ जाता है। [QE]
10. [QS]अहंकार से केवल झगड़े होते हैं, [QE][QS]परन्तु जो लोग सम्मति मानते हैं, उनके पास बुद्धि रहती है। [QE]
11. [QS]धोखे से कमाया धन जल्दी घटता है, [QE][QS]परन्तु जो अपने परिश्रम से बटोरता, उसकी बढ़ती होती है। [QE]
12. [QS]जब आशा पूरी होने में विलम्ब होता है, तो मन निराश होता है, [QE][QS]परन्तु जब लालसा पूरी होती है, तब जीवन का वृक्ष लगता है। [QE]
13. [QS]जो वचन को तुच्छ जानता, उसका नाश हो जाता है, [QE][QS]परन्तु आज्ञा के डरवैये को अच्छा फल मिलता है। [QE]
14. [QS]बुद्धिमान की शिक्षा जीवन का सोता है, [QE][QS]और उसके द्वारा लोग मृत्यु के फंदों से बच सकते हैं। [QE]
15. [QS]सुबुद्धि के कारण अनुग्रह होता है, [QE][QS]परन्तु विश्वासघातियों का मार्ग कड़ा होता है। [QE]
16. [QS]विवेकी मनुष्य ज्ञान से सब काम करता हैं, [QE][QS]परन्तु मूर्ख अपनी मूर्खता फैलाता है। [QE]
17. [QS]दुष्ट दूत बुराई में फँसता है, [QE][QS]परन्तु विश्वासयोग्य दूत मिलाप करवाता है। [QE]
18. [QS]जो शिक्षा को अनसुनी करता वह निर्धन हो जाता है और अपमान पाता है, [QE][QS]परन्तु जो डाँट को मानता, उसकी महिमा होती है। [QE]
19. [QS]लालसा का पूरा होना तो प्राण को मीठा लगता है, [QE][QS]परन्तु बुराई से हटना, मूर्खों के प्राण को बुरा लगता है। [QE]
20. [QS]बुद्धिमानों की संगति कर, तब तू भी बुद्धिमान हो जाएगा, [QE][QS]परन्तु मूर्खों का साथी नाश हो जाएगा। [QE]
21. [QS]विपत्ति पापियों के पीछे लगी रहती है, [QE][QS]परन्तु धर्मियों को अच्छा फल मिलता है। [QE]
22. [QS]भला मनुष्य अपने नाती-पोतों के लिये सम्पत्ति छोड़ जाता है, [QE][QS]परन्तु पापी की सम्पत्ति धर्मी के लिये रखी जाती है*। [QE]
23. [QS]निर्बल लोगों को खेती-बारी से बहुत भोजनवस्तु मिलता है, [QE][QS]परन्तु अन्याय से उसको हड़प लिया जाता है। [QE]
24. [QS]जो बेटे पर छड़ी नहीं चलाता वह उसका बैरी है, [QE][QS]परन्तु जो उससे प्रेम रखता, वह यत्न से उसको शिक्षा देता है। [QE]
25. [QS]धर्मी पेट भर खाने पाता है, [QE][QS]परन्तु दुष्ट भूखे ही रहते हैं। [QE]