1. {परमेश्वर की दया के लिये स्तुतिगान } [QS][PS]*दाऊद का भजन *[PE][PBR]20 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; [QE][QS]और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! [QE]
2. [QS]हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, [QE][QS]और उसके किसी उपकार को न भूलना। [QE]
3. [QS]वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, [QE][QS]और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, [QE]
4. [QS]वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है*, [QE][QS]और तेरे सिर पर करुणा और दया का मुकुट बाँधता है, [QE]
5. [QS]वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, [QE][QS]जिससे तेरी जवानी उकाब के समान नई हो जाती है। [QE]
6. [QS]यहोवा सब पिसे हुओं के लिये [QE][QS]धर्म और न्याय के काम करता है। [QE]
7. [QS]उसने मूसा को अपनी गति, [QE][QS]और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए। (भज. 147:19) [QE]
8. [QS]यहोवा दयालु और अनुग्रहकारी, विलम्ब से कोप करनेवाला और अति करुणामय है (भज. 86:15, भज. 145:8) [QE]
9. [QS]वह सर्वदा वाद-विवाद करता न रहेगा*, [QE][QS]न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा। [QE]
10. [QS]उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, [QE][QS]और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हमको बदला दिया है। [QE]
11. [QS]जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊँचा है, [QE][QS]वैसे ही उसकी करुणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है। [QE]
12. [QS]उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, [QE][QS]उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है। [QE]
13. [QS]जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, [QE][QS]वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है। [QE]
14. [QS]क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; [QE][QS]और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है। [QE]
15. [QS]मनुष्य की आयु घास के समान होती है, [QE][QS]वह मैदान के फूल के समान फूलता है, [QE]
16. [QS]जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, [QE][QS]और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है। [QE]
17. [QS]परन्तु यहोवा की करुणा उसके डरवैयों पर युग-युग, [QE][QS]और उसका धर्म उनके नाती-पोतों पर भी प्रगट होता रहता है, (लूका 1:50) [QE]
18. [QS]अर्थात् उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते [QE][QS]और उसके उपदेशों को स्मरण करके उन पर चलते हैं। [QE]
19. [QS]यहोवा ने तो अपना सिंहासन स्वर्ग में स्थिर किया है, [QE][QS]और उसका राज्य पूरी सृष्टि पर है। [QE]
20. [QS]हे यहोवा के दूतों, तुम जो बड़े वीर हो, [QE][QS]और उसके वचन को मानते* और पूरा करते हो, [QE][QS]उसको धन्य कहो! [QE]
21. [QS]हे यहोवा की सारी सेनाओं, हे उसके सेवकों, [QE][QS]तुम जो उसकी इच्छा पूरी करते हो, उसको धन्य कहो! [QE]
22. [QS]हे यहोवा की सारी सृष्टि, [QE][QS]उसके राज्य के सब स्थानों में उसको धन्य कहो। [QE][QS]हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह! [QE]