पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. {परमेश्‍वर पर भरोसा } [QS][PS]*प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन *[PE][PBR]मैं यहोवा में शरण लेता हूँ; [QE][QS]तुम क्यों मेरे प्राण से कहते हो [QE][QS]''पक्षी के समान अपने पहाड़ पर उड़ जा''*; [QE]
2. [QS]क्योंकि देखो, दुष्ट अपना धनुष चढ़ाते हैं, [QE][QS]और अपने तीर धनुष की डोरी पर रखते हैं, [QE][QS]कि सीधे मनवालों पर अंधियारे में तीर चलाएँ। [QE]
3. [QS]यदि नींवें ढा दी जाएँ* [QE][QS]तो धर्मी क्या कर सकता है? [QE]
4. [QS]यहोवा अपने पवित्र भवन में है; [QE][QS]यहोवा का सिंहासन स्वर्ग में है; [QE][QS]उसकी आँखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं [QE][QS]और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं। [QE]
5. [QS]यहोवा धर्मी और दुष्ट दोनों को परखता है, [QE][QS]परन्तु जो उपद्रव से प्रीति रखते हैं [QE][QS]उनसे वह घृणा करता है। [QE]
6. [QS]वह दुष्टों पर आग और गन्धक बरसाएगा; [QE][QS]और प्रचण्ड लूह उनके कटोरों में बाँट दी जाएँगी। [QE]
7. [QS]क्योंकि यहोवा धर्मी है, [QE][QS]वह धर्म के ही कामों से प्रसन्‍न रहता है; [QE][QS]धर्मीजन उसका दर्शन पाएँगे। [QE]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 11 / 150
1 {परमेश्‍वर पर भरोसा } प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन मैं यहोवा में शरण लेता हूँ; तुम क्यों मेरे प्राण से कहते हो ''पक्षी के समान अपने पहाड़ पर उड़ जा''*; 2 क्योंकि देखो, दुष्ट अपना धनुष चढ़ाते हैं, और अपने तीर धनुष की डोरी पर रखते हैं, कि सीधे मनवालों पर अंधियारे में तीर चलाएँ। 3 यदि नींवें ढा दी जाएँ* तो धर्मी क्या कर सकता है? 4 यहोवा अपने पवित्र भवन में है; यहोवा का सिंहासन स्वर्ग में है; उसकी आँखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं। 5 यहोवा धर्मी और दुष्ट दोनों को परखता है, परन्तु जो उपद्रव से प्रीति रखते हैं उनसे वह घृणा करता है। 6 वह दुष्टों पर आग और गन्धक बरसाएगा; और प्रचण्ड लूह उनके कटोरों में बाँट दी जाएँगी। 7 क्योंकि यहोवा धर्मी है, वह धर्म के ही कामों से प्रसन्‍न रहता है; धर्मीजन उसका दर्शन पाएँगे।
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