पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. मैं यहोवा में शरण लेता हूँ; [QBR] तुम क्यों मेरे प्राण से कहते हो [QBR] ''पक्षी के समान अपने पहाड़ पर उड़ जा''*; [QBR]
2. क्योंकि देखो, दुष्ट अपना धनुष चढ़ाते हैं, [QBR] और अपने तीर धनुष की डोरी पर रखते हैं, [QBR] कि सीधे मनवालों पर अंधियारे में तीर चलाएँ। [QBR]
3. यदि नींवें ढा दी जाएँ* [QBR] तो धर्मी क्या कर सकता है? [QBR]
4. यहोवा अपने पवित्र भवन में है; [QBR] यहोवा का सिंहासन स्वर्ग में है; [QBR] उसकी आँखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं [QBR] और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं। [QBR]
5. यहोवा धर्मी और दुष्ट दोनों को परखता है, [QBR] परन्तु जो उपद्रव से प्रीति रखते हैं [QBR] उनसे वह घृणा करता है। [QBR]
6. वह दुष्टों पर आग और गन्धक बरसाएगा; [QBR] और प्रचण्ड लूह उनके कटोरों में बाँट दी जाएँगी। [QBR]
7. क्योंकि यहोवा धर्मी है, [QBR] वह धर्म के ही कामों से प्रसन्‍न रहता है; [QBR] धर्मीजन उसका दर्शन पाएँगे। [PE]

Notes

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भजन संहिता 11:54
1 मैं यहोवा में शरण लेता हूँ; तुम क्यों मेरे प्राण से कहते हो ''पक्षी के समान अपने पहाड़ पर उड़ जा''*; 2 क्योंकि देखो, दुष्ट अपना धनुष चढ़ाते हैं, और अपने तीर धनुष की डोरी पर रखते हैं, कि सीधे मनवालों पर अंधियारे में तीर चलाएँ। 3 यदि नींवें ढा दी जाएँ* तो धर्मी क्या कर सकता है? 4 यहोवा अपने पवित्र भवन में है; यहोवा का सिंहासन स्वर्ग में है; उसकी आँखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं। 5 यहोवा धर्मी और दुष्ट दोनों को परखता है, परन्तु जो उपद्रव से प्रीति रखते हैं उनसे वह घृणा करता है। 6 वह दुष्टों पर आग और गन्धक बरसाएगा; और प्रचण्ड लूह उनके कटोरों में बाँट दी जाएँगी। 7 क्योंकि यहोवा धर्मी है, वह धर्म के ही कामों से प्रसन्‍न रहता है; धर्मीजन उसका दर्शन पाएँगे।
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