पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. यदि घर को यहोवा न बनाए, [QBR] तो उसके बनानेवालों का परिश्रम व्यर्थ होगा। [QBR] यदि नगर की रक्षा यहोवा न करे, [QBR] तो रखवाले का जागना व्यर्थ ही होगा। [QBR]
2. तुम जो सवेरे उठते और देर करके विश्राम करते [QBR] और कठोर परिश्रम की रोटी खाते हो, यह सब तुम्हारे लिये व्यर्थ ही है; [QBR] क्योंकि वह अपने प्रियों को यों ही नींद प्रदान करता है। [QBR]
3. देखो, बच्चे यहोवा के दिए हुए भाग हैं*, [QBR] गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है। [QBR]
4. जैसे वीर के हाथ में तीर, [QBR] वैसे ही जवानी के बच्चे होते हैं। [QBR]
5. क्या ही धन्य है वह पुरुष जिसने अपने तरकश को उनसे भर लिया हो! [QBR] वह फाटक के पास अपने शत्रुओं से बातें करते संकोच न करेगा। [PE]

Notes

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भजन संहिता 127:30
1 यदि घर को यहोवा न बनाए, तो उसके बनानेवालों का परिश्रम व्यर्थ होगा। यदि नगर की रक्षा यहोवा न करे, तो रखवाले का जागना व्यर्थ ही होगा। 2 तुम जो सवेरे उठते और देर करके विश्राम करते और कठोर परिश्रम की रोटी खाते हो, यह सब तुम्हारे लिये व्यर्थ ही है; क्योंकि वह अपने प्रियों को यों ही नींद प्रदान करता है। 3 देखो, बच्चे यहोवा के दिए हुए भाग हैं*, गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है। 4 जैसे वीर के हाथ में तीर, वैसे ही जवानी के बच्चे होते हैं। 5 क्या ही धन्य है वह पुरुष जिसने अपने तरकश को उनसे भर लिया हो! वह फाटक के पास अपने शत्रुओं से बातें करते संकोच न करेगा।
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