1. {सिय्योन के शत्रुओं पर विजय का गीत} [PS] इस्राएल अब यह कहे, [QBR] “मेरे बचपन से लोग मुझे बार-बार क्लेश देते आए हैं, [QBR]
2. मेरे बचपन से वे मुझ को बार-बार क्लेश देते तो आए हैं, [QBR] परन्तु मुझ पर प्रबल नहीं हुए। [QBR]
3. हलवाहों ने मेरी पीठ के ऊपर हल चलाया*, [QBR] और लम्बी-लम्बी रेखाएं की।” [QBR]
4. यहोवा धर्मी है; [QBR] उसने दुष्टों के फंदों को काट डाला है; [QBR]
5. जितने सिय्योन से बैर रखते हैं, [QBR] वे सब लज्जित हो, और पराजित होकर पीछे हट जाए! [QBR]
6. वे छत पर की घास के समान हों, [QBR] जो बढ़ने से पहले सूख जाती है; [QBR]
7. जिससे कोई लवनेवाला अपनी मुट्ठी नहीं भरता*, [QBR] न पूलियों का कोई बाँधनेवाला अपनी अँकवार भर पाता है, [QBR]
8. और न आने-जाने वाले यह कहते हैं, [QBR] “यहोवा की आशीष तुम पर होवे! [QBR] हम तुम को यहोवा के नाम से आशीर्वाद देते हैं!” [PE]