1. {#1मन्दिर के लिये प्रार्थना } [QS][PS]*यात्रा का गीत *[PE][PBR]हे यहोवा, दाऊद के लिये उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण कर; [QE]
2. [QS]उसने यहोवा से शपथ खाई, [QE][QS]और याकूब के सर्वशक्तिमान की मन्नत मानी है, [QE]
3. [QS]उसने कहा, “निश्चय मैं उस समय तक अपने घर में प्रवेश न करूँगा, [QE][QS]और न अपने पलंग पर चढूँगा; [QE]
4. [QS]न अपनी आँखों में नींद, [QE][QS]और न अपनी पलकों में झपकी आने दूँगा, [QE]
5. [QS]जब तक मैं यहोवा के लिये एक स्थान, [QE][QS]अर्थात् याकूब के सर्वशक्तिमान के लिये निवास स्थान न पाऊँ।” (प्रेरि. 7:46) [QE]
6. [QS]देखो, हमने एप्रात में इसकी चर्चा सुनी है, [QE][QS]हमने इसको वन के खेतों में पाया है। [QE]
7. [QS]आओ, हम उसके निवास में प्रवेश करें, [QE][QS]हम उसके चरणों की चौकी के आगे दण्डवत् करें! [QE]
8. [QS]हे यहोवा, उठकर अपने विश्रामस्थान में [QE][QS]अपनी सामर्थ्य के सन्दूक* समेत आ। [QE]
9. [QS]तेरे याजक धर्म के वस्त्र पहने रहें, [QE][QS]और तेरे भक्त लोग जयजयकार करें। [QE]
10. [QS]अपने दास दाऊद के लिये, [QE][QS]अपने अभिषिक्त की प्रार्थना को अनसुनी न कर। [QE]
11. [QS]यहोवा ने दाऊद से सच्ची शपथ खाई है और वह उससे न मुकरेगा: [QE][QS]“मैं तेरी गद्दी पर तेरे एक निज पुत्र को बैठाऊँगा। (2 शमू. 7:12, प्रेरि. 2:30) [QE]
12. [QS]यदि तेरे वंश के लोग मेरी वाचा का पालन करें [QE][QS]और जो चितौनी मैं उन्हें सिखाऊँगा, उस पर चलें, [QE][QS]तो उनके वंश के लोग भी तेरी गद्दी पर युग-युग बैठते चले जाएँगे।” [QE]
13. [QS]निश्चय यहोवा ने सिय्योन को चुना है, [QE][QS]और उसे अपने निवास के लिये चाहा है। [QE]
14. [QS]“यह तो युग-युग के लिये मेरा विश्रामस्थान हैं; [QE][QS]यहीं मैं रहूँगा, क्योंकि मैंने इसको चाहा है। [QE]
15. [QS]मैं इसमें की भोजनवस्तुओं पर अति आशीष दूँगा; [QE][QS]और इसके दरिद्रों को रोटी से तृप्त करूँगा। [QE]
16. [QS]इसके याजकों को मैं उद्धार का वस्त्र पहनाऊँगा, [QE][QS]और इसके भक्त लोग ऊँचे स्वर से जयजयकार करेंगे। [QE]
17. [QS]वहाँ मैं दाऊद का एक सींग उगाऊँगा*; [QE][QS]मैंने अपने अभिषिक्त के लिये एक दीपक तैयार कर रखा है। (लूका 1:69) [QE]
18. [QS]मैं उसके शत्रुओं को तो लज्जा का वस्त्र पहनाऊँगा, [QE][QS]परन्तु उसके सिर पर उसका मुकुट शोभायमान रहेगा।” [QE]