पवित्र बाइबिल

इंडियन रिवाइज्ड वर्शन (ISV)
भजन संहिता
1. {#1यहोवा महान है }[PBR][QS]यहोवा की स्तुति करो, [QE][QS]यहोवा के नाम की स्तुति करो, [QE][QS]हे यहोवा के सेवकों उसकी स्तुति करो, (भज. 113:1) [QE]
2. [QS]तुम जो यहोवा के भवन में, [QE][QS]अर्थात् हमारे परमेश्‍वर के भवन के आँगनों में खड़े रहते हो! [QE]
3. [QS]यहोवा की स्तुति करो, क्योंकि वो भला है; [QE][QS]उसके नाम का भजन गाओ, क्योंकि यह मनोहर है! [QE]
4. [QS]यहोवा ने तो याकूब को अपने लिये चुना है*, [QE][QS]अर्थात् इस्राएल को अपना निज धन होने के लिये चुन लिया है। [QE]
5. [QS]मैं तो जानता हूँ कि यहोवा महान है, [QE][QS]हमारा प्रभु सब देवताओं से ऊँचा है। [QE]
6. [QS]जो कुछ यहोवा ने चाहा [QE][QS]उसे उसने आकाश और पृथ्वी और समुद्र [QE][QS]और सब गहरे स्थानों में किया है। [QE]
7. [QS]वह पृथ्वी की छोर से कुहरे उठाता है, [QE][QS]और वर्षा के लिये बिजली बनाता है, [QE][QS]और पवन को अपने भण्डार में से निकालता है। [QE]
8. [QS]उसने मिस्र में क्या मनुष्य क्या पशु, [QE][QS]सब के पहलौठों को मार डाला! [QE]
9. [QS]हे मिस्र, उसने तेरे बीच में फ़िरौन [QE][QS]और उसके सब कर्मचारियों के विरुद्ध चिन्ह और चमत्कार किए*। [QE]
10. [QS]उसने बहुत सी जातियाँ नाश की, [QE][QS]और सामर्थी राजाओं को, [QE]
11. [QS]अर्थात् एमोरियों के राजा सीहोन को, [QE][QS]और बाशान के राजा ओग को, [QE][QS]और कनान के सब राजाओं को घात किया; [QE]
12. [QS]और उनके देश को बाँटकर, [QE][QS]अपनी प्रजा इस्राएल का भाग होने के लिये दे दिया। [QE]
13. [QS]हे यहोवा, तेरा नाम सदा स्थिर है, [QE][QS]हे यहोवा, जिस नाम से तेरा स्मरण होता है, [QE][QS]वह पीढ़ी-पीढ़ी बना रहेगा। [QE]
14. [QS]यहोवा तो अपनी प्रजा का न्याय चुकाएगा, [QE][QS]और अपने दासों की दुर्दशा देखकर तरस खाएगा। (व्यव. 32:36) [QE]
15. [QS]अन्यजातियों की मूरतें सोना-चाँदी ही हैं, [QE][QS]वे मनुष्यों की बनाई हुई हैं। [QE]
16. [QS]उनके मुँह तो रहता है, परन्तु वे बोल नहीं सकती, [QE][QS]उनके आँखें तो रहती हैं, परन्तु वे देख नहीं सकती, [QE]
17. [QS]उनके कान तो रहते हैं, परन्तु वे सुन नहीं सकती, [QE][QS]न उनमें कुछ भी साँस चलती है। (प्रका. 9:20) [QE]
18. [QS]जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनानेवाले भी हैं; [QE][QS]और उन पर सब भरोसा रखनेवाले भी वैसे ही हो जाएँगे! [QE]
19. [QS]हे इस्राएल के घराने, यहोवा को धन्य कह! [QE][QS]हे हारून के घराने, यहोवा को धन्य कह! [QE]
20. [QS]हे लेवी के घराने, यहोवा को धन्य कह! [QE][QS]हे यहोवा के डरवैयों, यहोवा को धन्य कहो! [QE]
21. [QS]यहोवा जो यरूशलेम में वास करता है, [QE][QS]उसे सिय्योन में धन्य कहा जाए! [QE][QS]यहोवा की स्तुति करो! [QE]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 135 / 150
यहोवा महान है 1 यहोवा की स्तुति करो, यहोवा के नाम की स्तुति करो, हे यहोवा के सेवकों उसकी स्तुति करो, (भज. 113:1) 2 तुम जो यहोवा के भवन में, अर्थात् हमारे परमेश्‍वर के भवन के आँगनों में खड़े रहते हो! 3 यहोवा की स्तुति करो, क्योंकि वो भला है; उसके नाम का भजन गाओ, क्योंकि यह मनोहर है! 4 यहोवा ने तो याकूब को अपने लिये चुना है*, अर्थात् इस्राएल को अपना निज धन होने के लिये चुन लिया है। 5 मैं तो जानता हूँ कि यहोवा महान है, हमारा प्रभु सब देवताओं से ऊँचा है। 6 जो कुछ यहोवा ने चाहा उसे उसने आकाश और पृथ्वी और समुद्र और सब गहरे स्थानों में किया है। 7 वह पृथ्वी की छोर से कुहरे उठाता है, और वर्षा के लिये बिजली बनाता है, और पवन को अपने भण्डार में से निकालता है। 8 उसने मिस्र में क्या मनुष्य क्या पशु, सब के पहलौठों को मार डाला! 9 हे मिस्र, उसने तेरे बीच में फ़िरौन और उसके सब कर्मचारियों के विरुद्ध चिन्ह और चमत्कार किए*। 10 उसने बहुत सी जातियाँ नाश की, और सामर्थी राजाओं को, 11 अर्थात् एमोरियों के राजा सीहोन को, और बाशान के राजा ओग को, और कनान के सब राजाओं को घात किया; 12 और उनके देश को बाँटकर, अपनी प्रजा इस्राएल का भाग होने के लिये दे दिया। 13 हे यहोवा, तेरा नाम सदा स्थिर है, हे यहोवा, जिस नाम से तेरा स्मरण होता है, वह पीढ़ी-पीढ़ी बना रहेगा। 14 यहोवा तो अपनी प्रजा का न्याय चुकाएगा, और अपने दासों की दुर्दशा देखकर तरस खाएगा। (व्यव. 32:36) 15 अन्यजातियों की मूरतें सोना-चाँदी ही हैं, वे मनुष्यों की बनाई हुई हैं। 16 उनके मुँह तो रहता है, परन्तु वे बोल नहीं सकती, उनके आँखें तो रहती हैं, परन्तु वे देख नहीं सकती, 17 उनके कान तो रहते हैं, परन्तु वे सुन नहीं सकती, न उनमें कुछ भी साँस चलती है। (प्रका. 9:20) 18 जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनानेवाले भी हैं; और उन पर सब भरोसा रखनेवाले भी वैसे ही हो जाएँगे! 19 हे इस्राएल के घराने, यहोवा को धन्य कह! हे हारून के घराने, यहोवा को धन्य कह! 20 हे लेवी के घराने, यहोवा को धन्य कह! हे यहोवा के डरवैयों, यहोवा को धन्य कहो! 21 यहोवा जो यरूशलेम में वास करता है, उसे सिय्योन में धन्य कहा जाए! यहोवा की स्तुति करो!
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