1. {बन्धुवाई में इस्राएल का विलापगीत} [PS] बाबेल की नदियों के किनारे हम लोग बैठ गए, [QBR] और सिय्योन को स्मरण करके रो पड़े! [QBR]
2. उसके बीच के मजनू वृक्षों पर [QBR] हमने अपनी वीणाओं को टाँग दिया; [QBR]
3. क्योंकि जो हमको बन्दी बनाकर ले गए थे, [QBR] उन्होंने वहाँ हम से गीत गवाना चाहा, [QBR] और हमारे रुलाने वालों ने हम से आनन्द चाहकर कहा, [QBR] “सिय्योन के गीतों में से हमारे लिये कोई गीत गाओ!” [QBR]
4. हम यहोवा के गीत को, [QBR] पराए देश में कैसे गाएँ? [QBR]
5. हे यरूशलेम, यदि मैं तुझे भूल जाऊँ, [QBR] तो मेरा दाहिना हाथ सूख जाए! [QBR]
6. यदि मैं तुझे स्मरण न रखूँ, [QBR] यदि मैं यरूशलेम को, [QBR] अपने सब आनन्द से श्रेष्ठ न जानूँ, [QBR] तो मेरी जीभ तालू से चिपट जाए! [QBR]
7. हे यहोवा, यरूशलेम के गिराए जाने के दिन को एदोमियों के विरुद्ध स्मरण कर, [QBR] कि वे कैसे कहते थे, “ढाओ! उसको नींव से ढा दो!” [QBR]
8. हे बाबेल, तू जो जल्द उजड़नेवाली है, [QBR] क्या ही धन्य वह होगा, जो तुझ से ऐसा बर्ताव करेगा* [QBR] जैसा तूने हम से किया है! (प्रका. 18:6) [QBR]
9. क्या ही धन्य वह होगा, जो तेरे बच्चों को पकड़कर, [QBR] चट्टान पर पटक देगा! (यशा. 13:16) [PE]