1. यहोवा की स्तुति करो। [QBR] हे मेरे मन यहोवा की स्तुति कर! [QBR]
2. मैं जीवन भर यहोवा की स्तुति करता रहूँगा; [QBR] जब तक मैं बना रहूँगा, तब तक मैं अपने परमेश्वर का भजन गाता रहूँगा। [QBR]
3. तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना, [QBR] न किसी आदमी पर, क्योंकि उसमें उद्धार करने की शक्ति नहीं। [QBR]
4. उसका भी प्राण निकलेगा, वह भी मिट्टी में मिल जाएगा; [QBR] उसी दिन उसकी सब कल्पनाएँ नाश हो जाएँगी*। [QBR]
5. क्या ही धन्य वह है, [QBR] जिसका सहायक याकूब का परमेश्वर है, [QBR] और जिसकी आशा अपने परमेश्वर यहोवा पर है। [QBR]
6. वह आकाश और पृथ्वी और समुद्र [QBR] और उनमें जो कुछ है, सब का कर्ता है; [QBR] और वह अपना वचन सदा के लिये पूरा करता रहेगा। (प्रेरि. 4:24, प्रेरि. 14:15, प्रेरि. 17:24, प्रका. 10:6, प्रका. 14:7) [QBR]
7. वह पिसे हुओं का न्याय चुकाता है; [QBR] और भूखों को रोटी देता है। [QBR] यहोवा बन्दियों को छुड़ाता है; [QBR]
8. यहोवा अंधों को आँखें देता है। [QBR] यहोवा झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है; [QBR] यहोवा धर्मियों से प्रेम रखता है। [QBR]
9. यहोवा परदेशियों की रक्षा करता है; [QBR] और अनाथों और विधवा को तो सम्भालता है*; [QBR] परन्तु दुष्टों के मार्ग को टेढ़ा-मेढ़ा करता है। [QBR]
10. हे सिय्योन, यहोवा सदा के लिये, [QBR] तेरा परमेश्वर पीढ़ी-पीढ़ी राज्य करता रहेगा। [QBR] यहोवा की स्तुति करो! [PE]