पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. हे परमेश्‍वर मेरी रक्षा कर, [QBR] क्योंकि मैं तेरा ही शरणागत हूँ। [QBR]
2. मैंने यहोवा से कहा, “तू ही मेरा प्रभु है; [QBR] तेरे सिवा मेरी भलाई कहीं नहीं।” [QBR]
3. पृथ्वी पर जो पवित्र लोग हैं, [QBR] वे ही आदर के योग्य हैं, [QBR] और उन्हीं से मैं प्रसन्‍न हूँ। [QBR]
4. जो पराए देवता के पीछे भागते हैं उनका दुःख बढ़ जाएगा; [QBR] मैं उन्हें लहूवाले अर्घ नहीं चढ़ाऊँगा [QBR] और उनका नाम अपने होंठों से नहीं लूँगा*। [QBR]
5. यहोवा तू मेरा चुना हुआ भाग और मेरा कटोरा है; [QBR] मेरे भाग को तू स्थिर रखता है। [QBR]
6. मेरे लिये माप की डोरी मनभावने स्थान में पड़ी, [QBR] और मेरा भाग मनभावना है। [QBR]
7. मैं यहोवा को धन्य कहता हूँ, [QBR] क्योंकि उसने मुझे सम्मति दी है; [QBR] वरन् मेरा मन भी रात में मुझे शिक्षा देता है। [QBR]
8. मैंने यहोवा को निरन्तर अपने सम्मुख रखा है*: [QBR] इसलिए कि वह मेरे दाहिने हाथ रहता है मैं कभी न डगमगाऊँगा। [QBR]
9. इस कारण मेरा हृदय आनन्दित [QBR] और मेरी आत्मा मगन हुई; [QBR] मेरा शरीर भी चैन से रहेगा। [QBR]
10. क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, [QBR] न अपने पवित्र भक्त को कब्र में सड़ने देगा। [QBR]
11. तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा; [QBR] तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, [QBR] तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है। (प्रेरि. 2:25-28) [PE]

Notes

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भजन संहिता 16:1
1. हे परमेश्‍वर मेरी रक्षा कर,
क्योंकि मैं तेरा ही शरणागत हूँ।
2. मैंने यहोवा से कहा, “तू ही मेरा प्रभु है;
तेरे सिवा मेरी भलाई कहीं नहीं।”
3. पृथ्वी पर जो पवित्र लोग हैं,
वे ही आदर के योग्य हैं,
और उन्हीं से मैं प्रसन्‍न हूँ।
4. जो पराए देवता के पीछे भागते हैं उनका दुःख बढ़ जाएगा;
मैं उन्हें लहूवाले अर्घ नहीं चढ़ाऊँगा
और उनका नाम अपने होंठों से नहीं लूँगा*।
5. यहोवा तू मेरा चुना हुआ भाग और मेरा कटोरा है;
मेरे भाग को तू स्थिर रखता है।
6. मेरे लिये माप की डोरी मनभावने स्थान में पड़ी,
और मेरा भाग मनभावना है।
7. मैं यहोवा को धन्य कहता हूँ,
क्योंकि उसने मुझे सम्मति दी है;
वरन् मेरा मन भी रात में मुझे शिक्षा देता है।
8. मैंने यहोवा को निरन्तर अपने सम्मुख रखा है*:
इसलिए कि वह मेरे दाहिने हाथ रहता है मैं कभी डगमगाऊँगा।
9. इस कारण मेरा हृदय आनन्दित
और मेरी आत्मा मगन हुई;
मेरा शरीर भी चैन से रहेगा।
10. क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में छोड़ेगा,
अपने पवित्र भक्त को कब्र में सड़ने देगा।
11. तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा;
तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है,
तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है। (प्रेरि. 2:25-28) PE
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