4. चाहे मैं घोर अंधकार से भरी हुई तराई में होकर चलूँ,
तो भी हानि से न डरूँगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है। |
5. तू मेरे सतानेवालों के सामने मेरे लिये मेज बिछाता है*;
तूने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमड़ रहा है। |
6. निश्चय भलाई और करुणा जीवन भर मेरे
साथ-साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूँगा। PE |